Travel Tips and Tricks

Lucknow Travel Blog – घूमिए ऐतिहासिक शहर की 10 खास जगहें

Lucknow Travel Blog – नवाबों की नगरी के नाम से मश्हूर लखनऊ (Lucknow) भारत की सबसे प्राचीन और बहुसांस्कृतिक पर्यटन नगरों में से एक है। लखनऊ (Lucknow) शहर हमेशा से ही अपनी तेहज़ीब, नज़ाकत और मेहमान नवाज़ी के लिये प्रचलित रहा है‌। इस तहज़ीबदार शहर की अपनी अलग ही खूबसूरती और ख़ासियत है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) उत्तरी भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और सम्पूर्ण भारत में 11वें नम्बर पर आता है। ये शहर अपनी ऐतिहासिक इमरतों, स्थापत्य स्मारकों, संस्कृति और लज़ीज़ पक्वानों के लिये भी खासा मशहूर है। इस शहर के पास अपने मेहमानों के लिये परोसने के लिये बहुत कुछ है।

ये भी पढ़ें- दिल्ली के पास कीजिए जमकर घुमक्कड़ी, 2 हजार रुपये में ये हैं Best Spots…

बड़ा इमामबाड़ा

लखनऊ (Lucknow) की ऐतिहासिक इमारातों में शुमार बड़ा इमामबाड़ा भूल भुलैया के नाम से भी जाना जाता है। इस इमारत की अद्भुत वास्तुकला को देख कर बड़े‌ बड़े आधुनिक वास्तुकार भी हैरत में पड़ जाते हैं। इसका निर्माण 1784 में नवाब आसफ़ उद् दौला ने कराया था। इसलिये इसे असाफ़ाई इमामबाड़ा भी कहते हैं। इस इमारत में भूल भुलैया के अलावा श्राइन, बावड़ी और नवाब आसफ़ उद दौला की कब्र भी है। इमामबाड़े के हरे भरे बगीचे इसकी खूबसूरती को और भी बड़ा देते हैं।

छोटा इमामबाड़ा

बड़े इमामबाड़े की तरह लखनऊ (Lucknow) में छोटा इमामबाड़ा भी एक भव्य स्मारक है। इसे छोटा श्राइन और हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है। इस इमारत को 1838 में अवध के तीसरे नवाब मोहम्मद अली शाह ने बनवाया था। यहां नवाब और उनके परिवार वालों की कब्र बनी हुई है। इस इमामबाड़े की दीवारों पर अरबी में खूबसूरत लिखावट की गयी है। इमारत में किया गया शानदार कांच का काम फ़ारसी शैली को दरशाता है। सफ़ेद रंग की ये सुंदर इमारत पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है।

ये भी पढ़ें- लद्दाख का सफरः जब हमें मौत के मुंह से खींच लाया ITBP का एक जांबाज!

ब्रिटिश रेज़ीडेंसी

लखनऊ (Lucknow) के महत्वपूर्ण ऐतिहसिक स्थलों में शुमार ब्रिटिश रेज़ीडेंसी में कई इमारतें शामिल हैं। सन् 1780 से 1800 में नवाब सआदत अली ख़ान के शासन के दौरान इसका निर्माण ब्रिटिश निवसियों के लिये किया गया था। ये रेज़ीडेंसी गोमती नदी पर स्थित है। इस परिसर में एक मेमोरियल संग्रहालय भी स्थपित किया गया है जिसमें 1857 में हुई भारत की आज़ादी की पहली क्रांती को चित्रित किया गया है।

हज़रतगंज

ये लखनऊ (Lucknow) का सबसे प्रमुख शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है। इसे 1810 में अमजद अली शाह ने बनवाया था। 2010 में इसे विक्टोरियन रूप दिया गया था। इस बाज़ार में कई छोटे छोटे बाज़ार, शोपिंग मॉल, शोरूम, होटल, थिएटर, रेस्तरां और फ़ूड कोर्ट हैं। यहां खरीद्दारी करने के लिये बहुत कुछ है। लखनऊ की मशहूर चिकन कढ़ाई के कपड़े भी यहां काफ़ी अच्छे मिल जाते हैं। पर्यटक यहां खरीद्दारी करने ज़रूर आते हैं।

ये भी पढ़ें- फ्री में घूमिए ऋषिकेश, आने-जाने-खाने की यहां नो टेंशन!

लखनऊ ज़ू

लगभग 72 एकड़ ज़मीन में फ़ैला लखनऊ (Lucknow) ज़ू पर्यटकों में खासा मश्हूर है। इस ज़ूलोजिकल पार्क को 1921 में वेल्स के राजकुमार के स्वागत के लिये बनवाया गया था। इस चिड़िया घर में कई प्रकार के जानवर और पंछी देखने को मिलते हैं जिनमें कुछ जानवरों की कुछ विशिष्ट प्रजातियां शामिल हैं जैसे सफ़ेद बाघ और भेड़िया। यहाँ टॉय ट्रेन भी चलती है जिसमें बच्चे और बड़े दोनों ही सवार होकर ज़ू का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

डॉ. अम्बेडकर पार्क

करीब 107 एकड़ ज़मीन में फ़ैला ये पार्क बेहद खूबसूरत है। इसका निर्मांण वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कराया था। पार्क के अंदर दो स्तूप बनाये गये हैं जिनके अंदर जाने के लिये एक बड़ा द्वार है। स्तूप के अंदर डॉ भीमराव अम्बेडकर, ज्योतिबा फूले, छ्त्रपति साहुजी महाराज, काशीराम और मायावाती की प्रतिमाएं लगी हैं। साथ ही यहाँ पत्थर से 40 हाथी बानाये गये हैं। अपनी खूबसुरती से ये पार्क पर्यटकों को कफ़ी लुभता है।

ये भी पढ़ें- ताज महल, आगराः क्या करना है, क्या नहीं करना है, 1 मिनट में जानें

त्तर मंज़िल

लखनऊ (Lucknow) में एक और प्रसिद्ध इमारत है छत्तर मंज़िल। क्योंकि इस पैलेस की गुम्बद छाते के आकार की है इसलिए इसे छाता पैलेस भी कहा जाता है। इस पैलेस का निर्माण कई बार अलग अलग शासकों द्वारा करवाया गया है। इसे पहले 1781 में जनरल क्लाउड मार्टिन ने अपने निवास स्थान के रूप में बनवाया था उसके बाद नवाब सादत अली ख़ान ने इसे खरीद लिया। भारत की आज़ादी के प्रथम युद्ध के समय ये महल स्वतंत्रता सेनानियों की बैठक का भी ये केंद्र रहा है। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण ये महल पर्यटकों में कॉफ़ी मशहूर है।

रूमी दरवाज़ा

इस नवाबों की नगरी का इतिहास काफ़ी पुराना है जिसकी छाप आज भी यहाँ कई ऐतिहासिक इमारतों के रूप में देखी जा सकती है। रूमी दरवाज़ा भी उनमें से एक है। यह अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। 1784 में नवाब आसफुदौला ने इस 60 फ़ीट ऊंची इमारत का निर्माण आरंभ करवाया था और लगभग दो साल बाद इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ। यह दरवाज़ा अवध वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है।

ये भी पढ़ें- फ्री में घूम सकते हैं पूरी दुनिया, ये हैं 5 काम की ट्रिक्स!

बेगम हज़रत महल पार्क

शहर के बीचोबीच स्थित इस पार्क को अवध के आखिरी नवाब, नवाब वाजिद अली शाह की बेगम हज़रत महल की याद में बनाया गया। 1857 के विद्रोह में उनके अहम योगदान को सम्मान देने के लिए भारत सरकार ने इस हरे भरे पार्क के बीच संगमरमरी स्मारक का निर्माण करवाया था। इस पार्क को 1962 में आम जनता के लिए खोल दिया गया था। यहाँ सुबह शाम लोगों की भीड़ लगी होती है। इस हरे भरे पार्क में चलते हुए फव्वारों से इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है।

कॉन्‍स्‍टन्टिया हाउस

लगभग 200 एकड़ में फैला कॉन्‍स्‍टन्टिया लखनऊ का प्रमुख पर्यटन स्थल है। 1751 में मेजर क्लाउड मार्टिन ने इसका निर्माण करवाया था। कॉन्‍स्‍टन्टिया की ख़ूबसूररत वास्तुकला में फ्रांसीसी झलक मिलती है। वर्तमान में यहाँ एक प्रसिद्ध लॉ कॉलेज है।

ऐतिहासिक इमारतों और नवाबी संस्कृति वाले लखनऊ में पर्यटकों के घूमने के लिहाज से तो काफ़ी कुछ है ही साथ ही अवधि इतिहास और संस्कृति को करीब से समझने के लिए भी बहुत कुछ है।

Recent Posts

Chhath Puja 2024 Day 3 : जानें, सूर्यास्त का समय, पूजा अनुष्ठान, महत्व और अधिक

Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More

3 hours ago

High Uric Acid Control : हाई यूरिक एसिड से हैं परेशान, सुबह खाली पेट खाएं ये सफ़ेद चीज़

High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More

21 hours ago

Kharna puja 2024 : इस चीज के बिना अधूरी है खरना पूजा, जानिए 36 घंटे के निर्जला व्रत की विधि

 Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More

1 day ago

Chhath Puja 2024 : 36 घंटे के व्रत के दौरान इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें

Chhath Puja 2024 :  महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More

1 day ago

Dev Diwali 2024 : जानें, कब है देव दिवाली, समय, महत्व और अनुष्ठान

Dev Diwali 2024:  देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More

2 days ago

Cashews Quality Check : असली या नकली काजू? इन ड्राई फ्रूट्स की क्वालिटी जांचने के लिए अपनाएं ये 5 आसान तरीके

Cashews Quality Check : काजू सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, वहीं मिलावटी काजू… Read More

2 days ago