दोस्तों संग बातचीत में आखिरी बार आपने कब झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) कहा था? जरा दिमाग पर जोर डालिए… आपने इसका इस्तेमाल तो किया होगा लेकिन क्या इसका मतलब भी समझते हैं?
कई लोग इसे झुमके से जोड़कर देखते हैं, तो कई इसे किसी झूले से संबंधित मानते हैं लेकिन हकीकत में ऐसे कम ही हैं जो सच में झुमरी तलैया का मतलब समझते हैं. झुमरी तलैया जिसे झुमरी तिलैया भी कहा जाता है, यह दरअसल झारखंड के कोडरमा जिले में स्थित एक कस्बा है. यह दामोदर घाटी में बसा हुआ है.
झुमरी तलैया नाम कहां से आया? (from where Jumri Telaiya name come ? )
हमारे देश में कई रोचक नाम छिपे हुए हैं और इन्हीं में से एक है झुमरी. झुमरी यहां के एक गांव का नाम है जो शहर में ही स्थित है. जबकि तलैया एक हिंदी नाम है जिसे एक छोटी झील के लिए प्रयुक्त किया जाता है. झुमरी स्थानीय सांस्कृतिक नृत्य का भी नाम है.
इतिहास को भी जान लीजिए ( History of Jhumri Telaiya )
झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) एक वक्त अभ्रक की बड़ी खदान भी हुआ करता था. कोडरमा में रेल रूट से जुड़ा होने की वजह से 1890 में अंग्रेजों ने सबसे पहले यहां अभ्रक की बड़ी खदान का पता लगाया था. इसी के बाद यहां खनन शुरू हुआ और कई खदानें बन गईं. छत्तू राम भदानी और होरिल राम भदानी का सीएच प्राइवेट लिमिटेड, दिवंगत श्री लाल खाटूवाला की बिर्धीचंद बंसीधर यहां की बड़ी कंपनियों में से एक थीं.
अभ्रक की खदान से हुई भारी कमाई के बाद संपन्न औद्योगिक घरानों ने झुमरी तलैया में कई विला और आलीशान घर भी बनाए. 1960 के दशक में मर्सीडीज, पोर्श और कई लग्जरी गाड़ियों के ब्रैंड झुमरी तलैया में आम बात थे. यहां ये गली गली में दिखाई दे जाते थे. 1973-74 के आसपास कई अभ्रक कारोबार सरकार के आधिपत्य में आ गए. सरकार के जिस वेंचर के तहत ये सब हुआ बाद में उसका नाम बिहार स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (बीएसएमडीसी) कर दिया गया. आज ये झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के नाम से जाना जाता है. यहां से निकलने वाला अधिकतर अभ्रक यूएसएसआर को भेजा जाता था जिसका इस्तेमाल सैन्य और स्पेस के लिए किया जाता था.
यहां की पहली फर्म जिसने अभ्रक का एक्सपोर्ट किया वो बिर्धीचंद बंसीधर थी. इसने हॉन्ग कॉन्ग, ताईवान, सिंगापुर और श्रीलंका में अपने दफ्तर इसी दम पर खोले. लेकिन यूएसएसआर के विघटन के बाद और अभ्रक का सब्सिट्यूट आ जाने से यहां के खनन कारोबार में 1990 के बाद उतार का दौर शुरू हो गया था.
ये शहर पहले हजारीबाग जिले का हिस्सा था जो 10 अप्रैल 1994 को कोडरमा में आ गया था. झारखंड के गठन के बाद झुमरी तलैया म्युनिसिपैल्टी को छोटा शहरी इलाका भी घोषित किया गया.
विविध भारती से रिश्ते की रोचक कहानी ( Vividh Bharti relation with Jhumri Telaiya )
इन सबपर भी झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) 1950 के दशक में ही हर जुबां पर छाया रहता था. इसके पीछे जो वजह थी वो थी विविध भारती जो ऑल इंडिया रेडियो की नेशनल ब्रॉडकास्ट सर्विस थी. ये वो वक्त था जब टीवी चैनल्स और रेडियो के नाम पर दर्शकों के बाद बहुत से ऑप्शंस नहीं हुआ करते थे. इस दौर में रेडियो शो में राष्ट्रीय अपील होती थी और पूरा देश उससे जुड़ा रहता था. इसी दौर में विविध भारती पर गाने चलाने के लिए जो निवेदन आते थे, उनमें सबसे बड़ी संख्या झुमरी तलैया से ही होती थी.
ये चलन 1950 के दशक में शुरू हुआ. अभ्रक कारोबारी रामेश्वर प्रसाद बर्णवाल ने पहली बार 20-25 गानों की फेहरिस्त चिट्ठी के माध्यम से विविध भारती के पास भेजी थी. इसके बाद पान की दुकान करने वाले गंगा प्रसाद मगधिया और बिजली की दुकान के मालिक नंदलाल सिन्हा ने भी इसी तरह गानों की लंबी सूची विविध भारती को भेजी. झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) के इन तीन लोगों ने इलाके में गानों की फरमाइश का नया ट्रेंड शुरू कर दिया था. यहीं से रेडियो श्रोता झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) के नाम से वाकिफ होना शुरू हुए.
कैसे पहुंचे झुमरी तलैया ( How to Reach Jhumri Telaiya )
झुमरी तलैया ( Jhumri Telaiya ) कोडरमा रेलवे स्टेशन ( Kodarma Railway Station ) के पास है. यहां से ईस्ट सेंट्रल रेलवे की ग्रैंड लाइन गुजरती है जो कोलकाता और दिल्ली को धनबाद से जोड़ती है. ये कस्बा इसी वजह से देश के कई शहरों जैसे मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, हरदा, भोपाल, लखनऊ और भुवनेश्वर से जुड़ा हुआ है.
कोडरमां में 3 नई लाइनें भी बन रही हैं जिसमें कोडरमा-गिरीडीह (102 किमी), कोडरमा-हजारीबाग (79 किमी), कोडरमा तिलैया (35 कीमी) की है. यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन रांची है जो 162 किमी की दूरी पर है. वहीं, बिहार की राजधानी पटना में बना हवाईअड्डा यहां से 175 किमी की दूरी पर है.
जनसंख्या
2011 की जनगणना के मुताबिक झुमरी तलैया नगर परिषद की कुल आबादी 87,867 थी और जिसमें से पुरुष आबादी 45,903 थी जबकि महिला आबादी 41,963 थी. यहां अनुसूचित जातियों की संख्या 4601 जबकि अनुसूचित जनजाति की संख्या 197 है.
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