Kasol Village : हिमाचल के मशहूर स्थान कसोल के बारे में आपने जरूर सुना होगा, पार्वती घाटी की गोद में बसा हुआ कसोल हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है। बेहद शांत और कुदरती खजानों से भरी ये जगह हिमाचल आने वाले सैलानियों की जुबान पर रहती है। इसकी खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये स्थान भारत में विदेशी पर्यटक खासकर इजरायलियों का मुख्य जगह माना जाता है। कसोल की सीमा में प्रवेश करते ही आपको इजरायली संस्कृति की झलक देखनी को मिल जाएगी। रंग-बिरंगे टेंट्स और मोटर बाइक्स यहां पर प्रवेश करते ही दिखाई पड़ते हैं। शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि कसोल को ‘भारत का इजरायल‘ भी कहा जाता है। पर्यटन के लिहाज से ये जगह काफी उन्नत है। कसोल और उसके नजदीक काफी आकर्षक जगहें मौजूद हैं, आज हम आपको ट्रेवल जुनून पर इन्हीं खास स्थानों के बारे में बताएंगे और साथ में ये भी बताएंगे कि कैसे कसोल तक पहुंच सकते हैं।
हिमालय की गोद में बसा मलाणा एक बहुत ही खूबसूरत गांव है। भारत और विश्व की संस्कृति से थोड़ा हटकर ये गांव अपनी अलग खास पहचान बनाने के लिए जाना जाता है। ऊंची-ऊंची पर्वत श्रृंखला, पर्वतीय घाटी इसे भारत के अन्य क्षेत्रों से अलग बनाती है। ऐसा माना जाता है कि मलाणा विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र वाला प्रांत रहा है। यहां के स्थानीय निवासी खुद की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं का अनुसरण करते हैं। इस गांव को दुनिया के उन स्थानों में गिना जा सकता है जिनका अस्तित्व काफी गुप्त रहा है।
समुद्र तल से लगभग 2,400 मीटर की ऊंचाई पर तोश नदी के तट पर बसा हुआ तोश हिमाचल का एक खूबसूरत पहाड़ी गांव है, जो कि अपनी भौगोलिक सरंचना और हिमालय की सुंदरता के लिए जाना जाता है। पार्वती घाटी के किनारे बसे हुए तोश में सैर करना सैलानियों को काफी ज्यादा पसंद आता है। एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी ये जगह काफी खास मानी जाती है। ट्रेकिंग के लिए तोश एक आदर्श जगह है।
कसोल से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शांत जंगल घाटी के बीच में बसा एक खूबसूरत हिमालयी कोना है तीर्थन घाटी। घाटी के शानदार दृश्य, पहाड़ी मार्ग और जंगल यहां पर ट्रैवलर्स को काफी ज्यादा आश्चर्यचकित और रोमांचित करते हैं। कसोल में एक दिन घूमने के दौरान इस खूबसूरत घाटी के अद्भुत दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
पार्वती घाटी से होकर बहने वाली पार्वती नदी को इस क्षेत्र का दिल कहा जाता है, या फिर ऐसा कहें कि ये नदी आसपास के गांवों की लाइफलाइन है। ये नदी पिन पार्वती पहाड़ी श्रृंखला के ग्लेशियर से निकलती है और कसोल के जरिये से होकर आगे की तरफ बढ़ती है। ब्सास नदी में समाने से पहले ये पवित्र जगह मणिकर्ण का भी स्पर्श करती है।
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप कसोल से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भुंतर की सैर का प्लान बना सकते हैं। कुल्लू जिले के अंतर्गत भुंतर एक पहाड़ी जगह है जो कि घने जंगलों से घिरा है। यहां के मनमोहक व्यू आखों के लिए किसी जड़ी-बूटी से कम नहीं है। संकीर्ण और मुश्किल भरे रास्ते भुंतर को रोमांचकारी बनाने का काम करते हैं।
कसोल की दूरी दिल्ली से 540 किलोमीटर है। अगर आप यहां पर हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक का एयरपोर्ट भुंतर है, जो कि कुल्लू में पड़ता है। यहां पर दिल्ली से और कई बड़े शहरों से फ्लाइट आती है। ये एयरपोर्ट कसोल से 31 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको आशानी से टैक्सी मिल जाएगी, जो एक घंटे में आपको कसोल पहुंचा देगी।
वहीं अगर आप ट्रेन के जरिये कसोल जाने का विचार करें तो सबसे पास जोगिंदर नगर का रेलवे स्टेशन है, जो कि लगभग 150 किलोमीटर दूर है औऱ कसोल पहुंचने में आफको 4-5 घंटे का वक्त लग जाएगा। जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन से आप बस या कैब के जरिये जा सकते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग सड़क मार्ग से भी कसोल जाते हैं। आपको बता दें कि कसोल सड़क मार्ग से जाने के लिए आपको NH-3 का इस्तेमाल करना पड़ेगा जो कि मनाली की तरफ जा रहा है। सड़क के जरिये जाना ज्यादा खूबसूरत और मजेदार हो सकता है। अगर आप दिल्ली से जा रहे हैं तो आफ खुद अपनी गाड़ी में जा सकते हैं या फिर कैब लेकर भी जा सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली से कसोल के लिए बसें भी जाती है जो 11-12 घंटों में आपको वहां पहुंचा देंगी। अगर आप बस से जा रहे हैं तो आप भुंतर पर उतरें और वहां से दूसरी बसे लें, जो कसोल जा रही होगी।
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