What is Orange Red Green and Yellow Alert : हर साल मॉनसून के मौसम में मौसम विभाग से ऑरेंज, रेड, ग्रीन और येलो अलर्ट जैसे शब्द जरूर सुने होंगे. भारत में भारतीय मौसम विभाग (IMD) मौसम की स्थिति के अनुसार चार अलग-अलग रंग कोड का उपयोग करके ये अलर्ट जारी करता है.
चेतावनी देने के लिए कई एजेंसियों के सहयोग से रंगों का चयन किया जाता है.(What is Orange Red Green and Yellow Alert) ये अलर्ट खराब मौसम की तीव्रता के आधार पर जारी किए जाते हैं और तीव्रता के साथ रंग बदलते रहते हैं. इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि ये अलर्ट क्या हैं और मौसम की स्थिति के बारे में जनता को सचेत करने के लिए किस रंग कोड का इस्तेमाल क्यों किया जाता है.
जब भी देश के किसी भी हिस्से में तेज बारिश के साथ 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति वाला साइक्लोन आता है, तो मौसम विभाग द्वारा तूफान की सीमा के भीतर आने वाले क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है और प्रशासन से आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा जाता है. आसान शब्दों में रेड अलर्ट का मतलब खतरनाक स्थिति है.
मौसम विभाग के अनुसार जब मौसम खतरनाक होता है और भारी नुकसान की आशंका रहती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. इस प्रकार के अलर्ट की घोषणा तभी की जाती है जब 30 मिमी की संभावना हो और इसके कम से कम 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना हो. (What is Orange Red Green and Yellow Alert)ज्यादातर मामलों में जोखिम बढ़ने पर लोगों को निचले इलाकों में रहने से निकाल दिया जाता है.
मौसम विभाग ने लोगों को खतरे के प्रति जागरुक करने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. ऑरेंज अलर्ट येलो अलर्ट को अपडेट करके जारी किया जाता है. अगर यह अलर्ट मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया है तो चक्रवातों के कारण भीषण मौसम की आशंका है.
जिससे सड़क और हवाई परिवहन को नुकसान होने के साथ-साथ जान-माल का भी नुकसान हो सकता है. इसलिए लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि प्रभावित क्षेत्र में खतरनाक बाढ़ की प्रबल संभावना है. इस तरह के अलर्ट की अधिसूचना में लोगों को प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकालने की योजना तैयार करनी होती है.
मौसम विभाग येलो अलर्ट का इस्तेमाल लोगों को अलर्ट करने और खतरे से अलर्ट रहने के लिए किया जाता है. आसान शब्दों में, इसका अर्थ है कि यह अलर्ट Just Watch का संकेत है. इस प्रकार की चेतावनी में 7.5 से 15 मिमी तक बारिश होने की संभावना है जो अगले 1 या 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना है जिससे बाढ़ की संभावना है.
कई बार मौसम विभाग की ओर से ग्रीन अलर्ट जारी किया जाता है जिसका मतलब है कि संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
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