Valmikinagr Tour : जब बात प्रकृति के साए में रहकर उसकी खूबसूरती के दीदार करने की हो तो वीटीआर से बेहतर कोई जगह नहीं है. इन दिनों वीटीआर पर्यटकों से गुलजार है. यहां की जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित कर रही. वन क्षेत्र में सफारी के दौरान लंबी घास और झुरमुटों से होते हुए गुजरने वाले वन्य जीव आसानी से देखे जा सकते हैं. इस जंगल का उत्तरी किनारा नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है.
जंगल का स्पर्श करते हुए गंडक नदी बहती है. इस वन्य क्षेत्र की हरियाली और खूबसूरती में कई गुना इजाफा करते हुए इसे बेहद आकर्षित बना देती हैं. बाघों के लिए बेहतरीन क्षेत्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व परभक्षी जानवरों खासतौर से बाघों के लिए इसलिए भी बेहतरीन क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यहां बाघ की पसन्द का वन, दलदली क्षेत्र से लेकर घास के मैदान हैं. इसके अलावा उसके आहार के तौर पर कई प्रकार के हिरण, जंगली सूअर और नीलगाय आदि बहुतायात में पाये जाते हैं.
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इसलिए यहां के सुरक्षित माहौल में बाघ चहलकदमी करते हुए देखे जा सकते हैं. बाघ को चन्द कदमों की दूरी पर देखने का एहसास वीटीआर के पर्यटन को और भी खास बना देता है. पर्यटक यहां के प्राकृतिक माहौल का आनंद ले सकते हैं. इस बावत रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं. इनमें विशेष तौर पर इस बात का ख्याल रखा गया है कि ये इको फ्रेंडली हों और टूरिस्ट को शहरी परिवेश के बजाय पूरी तरह से अलग प्राकृतिक माहौल का एहसास हो.
पर्यटकों के खाने के लिहाज से भी विशेष प्रबंध किए गए हैं. पर्यटक दिल खोलकर शाकाहारी व्यंजनों का आनंद उठा रहे. वन्यप्राणियों के बारे में सही जानकारी मिलें, इसके लिए वीटीआर में नेचर गाइड प्रत्येक पंजीकृत जिप्सी कैंटर के साथ ले जाने की सुविधा है. टॉवर के जरिए विभिन्न हिस्सों का दीदार- वीटीआर की गोद में यहां के सभी वन्यजीव अपनी स्वभाविक प्रवृत्ति के अनुरूप अठखेलियां कर सकें और पूरी तरह से महफूज रहें, इसके लिए यहां उनकी सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है. ऊंचे-ऊंचे वॉच टॉवर के जरिए जहां पूरे इलाके की निगरानी की जाती है. वहीं वन्य कर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ काम्बिग भी करते रहते हैं.
टॉवर के जरिए पर्यटक भी विभिन्न हिस्सों का बेहतर तरीके से दीदार करते हैं और इको टूरिज्म का बेहद अछ्वुत स्थल कहे जाने वाले वीटीआर में फोटोग्राफी के शौक से खुद को रोक नहीं पाते हैं. शहरों की भागदौड़ से दूर प्राकृतिक शांति के साथ कुछ समय बिताने के लिए वीटीआर सबसे मनमोहक स्थान है.
घने जंगलों के बीच प्रकृति की कोख में वन्य जीवों के साथ बिताए पल बेहद अछ्वुत एहसास कराते हैं. बिहार सरकार द्वारा इस पर्यटन स्थल को और विकसित किए जाने से पर्यटक बेहद प्रभावित हैं. इस तरह मुख्यमंत्री ने अपने इन प्रयासों से वीटीआर पर्यटन को जहां नई पहचान दी है. वहीं आम जनता और पर्यटकों को प्रकृति तथा वन्य जीव संरक्षण की दिशा में भी जागरूक करके अभूतपूर्व पहल की है.
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By Air : नजदीकी हवाई अड्डा पटना में 295 किमी की दूरी पर है.
By train : पार्क से 5 किमी दूर नजदीकी रेल हेड वाल्मीकि नगर है.
By road : वाल्मीकि नगर से बेतिया (80 किमी) नजदीकी शहर के लिए बस सेवाएं हैं.
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