Tomato Farming : दोस्तों आजकल टमाटर के दाम आसमान छू रहें हैं. जिस कारण लोगों का बजट बिगड़ गया है. कई लोगों ने तो टमाटर महंगे होने के कारण लाना ही बंद कर दिया है. जब बात कई घूमने की होती है तो लोग कई महीने पहले से ही पैसे बचाने लगते हैं,तो आज हम आपके लिए ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं जो बेहद काम की है. आइए जानते हैं घर की छत या गमले में टमाटर कैस उगा सकते हैं…
टमाटर की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के पेरू में हुई है. यह भारत की महत्वपूर्ण व्यावसायिक सब्जी फसल है. आलू के बाद यह विश्व की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है. फलों को कच्चा या पकाकर खाया जाता है. यह विटामिन ए, सी, पोटेशियम और खनिजों का समृद्ध स्रोत है. इसका उपयोग सूप, जूस और केच अप, पाउडर में किया जाता है. प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं. पंजाब राज्य में अमृतसर, रोपड़, जालंधर, होशियारपुर टमाटर उत्पादक जिले हैं.
टमाटर सर्दियों की फसल है,इसे अगस्त से लेकर जनवरी तक और फरवरी से लेकर अप्रैल तक उगाया जा सकता है. टेंपरेचर ज्यादा होने के कारण टामाटर फल नहीं आते यौ फल का साइज छोटा होता है.
टेरेस गार्डन या बालकनी में टमाटर भी उगा सकते हैं. हालांकि, टमाटर को उगाने के लिए ज्यादा सावधानियां बरतनी होंगी, ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा टमाटर आए. अपनी मिट्टी की तैयारी के लिए आप जो मिट्टी ले रहे हैं उसे कुछ दिनों तक धूप में सुखा लें. इससे पुराने कोई रोग जो मिट्टी में हो सकते हैं, नष्ट हो जाते हैं. धूप में सुखाने के बाद, मिट्टी में कोकोपीट या लकड़ी का बुरादा मिला सकते हैं. इसके बाद आपको मिट्टी में लगभग 10% गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट मिला लेनी चाहिए.
इस तरह आपका पॉटिंग मिक्स तैयार हो जाएगा. अब आप इस मिक्स वाली मिट्टी को गमलों में भर सकते हैं. आपको यह ध्यान रखना है कि आपको बाहरी बाजार से ही गमले खरीदने की जरूरत नहीं है. आप पुरानी बाल्टी या प्लास्टिक के किसी बड़े डिब्बे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ध्यान रखें कि आप गमले की नीचे द्रैनेज के लिए छेद नहीं करें, बल्कि उसकी साइड में छोटे छेद करें. इससे आपको छेद दिखेगा और अगर कभी यह बंद हो जाए तो आपके लिए खोलना भी आसान होगा.
सबसे पहले बीजों को पानी से साफ कर लें. बीजों को अंकुरण के लिए 24 घंटे तक भिगोकर रख दें. अब एक गमला या कंटेनर लें, जिसका व्यास कम से कम 20 इंच और गहराई 18-24 इंच हो. गमले में नीचे की तरफ एक छेद कर दें, ताकि पौधे को गलन से बचाया जा सके. इसके बाद गमले में 40% मिट्टी, 30% रेत और 30% जैविक खाद भर दें, जिसे एक दिन के लिये धूप रखा छोड़ दें. इसके अगले दिन अंकुरित बीजों को गमले में फैला दें. अब ऊपर से मिट्टी डालकर स्प्रेयर से हल्का पानी लगाएं. इसके बीजों से छोटा पौधा निकलने में 10 दिन का समय लगता है.
बता दें कि गमले को अपने बालकनी और छत पर ऐसे जगह रखें, जहां पर ठीक-ठाक धूप आती हो. गमले में नमी बनी रहे इसलिए दिन में एक बार जरूर इसमें पानी डालें. पौधों को कीट ना लगे इसके लिए प्राकृतिक कीटनाशक का उपयोग करें. कुछ महीने में जब फल निकलने लगे तो इसे आप तोड़कर अपने रसोई के काम के लिए उपयोग में ला सकते हैं.
टमाटर के पौधे उगाने का तरीका टमाटर के पौधे उगाने के लिए आप या तो ताज़ा बीज खरीद सकते हैं या फिर देसी टमाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. देसी टमाटर का इस्तेमाल करने के लिए, आपको टमाटर को सीधा वर्टिकल नहीं, बल्कि हॉरिजॉन्टल तरीके से काटना होगा. इससे आपके बीजों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। टमाटर के बीजों को आप ध्यान से गमले में बोने सकते हैं. यदि आपके पास अधिक गमले नहीं हैं तो आप टमाटर के बीजों को गहराई करीब 1 इंच की मिट्टी में बो सकते हैं। यदि आप 2-3 बीज एक ही गमले में बोने चाहते हैं, तो उनके बीच में कुछ दूरी रखें, ताकि पौधों के बीच की जगह हो और वे आपस में तकरार न करें.
इन छोटे प्लांटर्स में आप पॉटिंग मिक्स डाल लें और अब इनमें टमाटर के स्लाइस सीधा रख सकते हैं या फिर इनमें से सिर्फ बीज निकालकर भी सीधा लगा सकते हैं। बीज लगाने के बाद आप ऊपर से हल्की-हल्की मिट्टी भी डाल दें और पानी छिड़काव करके दें. अब इन प्लांटर्स को आप ऐसी जगह रखें जहाँ बहुत ज्यादा धूप न आती हो यानी की हल्की-हल्की छांव में. नियमित रूप से पानी का छिड़काव करते रहें, बहुत ज्यादा पानी न भरें बस ज़रूरत के हिसाब से डालें.
भूमि की तैयारी || land preparation
टमाटर की खेती के लिए अच्छी तरह भुरभुरी और समतल मिट्टी की आवश्यकता होती है. मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरा बनाने के लिए भूमि की 4-5 बार जुताई करें, फिर मिट्टी को समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं. आखिरी जुताई के समय अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और कार्बोफ्यूरॉन 5 किलोग्राम या नीम की खली 8 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डालें. टमाटर की रोपाई ऊंचे बिस्तर पर की जाती है.
उसके लिए 80-90 सेमी चौड़ाई का उठा हुआ बिस्तर तैयार करें. हानिकारक मृदा जनित रोगज़नक़ों, कीटों और जीवों को नष्ट करने के लिए मृदा सौरीकरण किया जाता है. इसे गीली घास के रूप में पारदर्शी प्लास्टिक फिल्म का उपयोग करके किया जा सकता है. यह शीट विकिरण को अवशोषित करती है और इस प्रकार मिट्टी का तापमान बढ़ाती है और रोगज़नक़ को मार देती है.
बुआई से पहले एक माह तक सौर्यीकरण करें। टमाटर के बीज 80-90 सेमी चौड़ाई और सुविधाजनक लंबाई की ऊंची क्यारियों पर बोएं. बुआई के बाद क्यारी को गीली घास से ढक दें और क्यारी को रोज सुबह गुलाब-कैन से सींचें. फसल को वायरस के हमले से बचाने के लिए नर्सरी बेड को महीन नायलॉन के जाल से ढकें.रोपाई के 10-15 दिन बाद 19:19:19 सूक्ष्म पोषक तत्व 2.5 से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए और मोजे की रोपाई के विरुद्ध अंकुरों को सख्त करने के लिए बुआई के 20 दिन बाद लिहोसिन 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. डैम्पिंग ऑफ फसल को काफी हद तक नुकसान पहुंचाता है, इससे फसल को बचाने के लिए पौधों की भीड़भाड़ से बचें और मिट्टी को गीला रखें. यदि मुरझाने की समस्या दिखाई दे तो मेटालेक्सिल 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में 2-3 बार तब तक भिगोएं जब तक पौधे रोपाई के लिए तैयार न हो जाएं.
बुआई के 25 से 30 दिन बाद 3-4 पत्तियों के साथ अंकुर रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। यदि पौध की उम्र 30 दिन से अधिक है तो उसे टॉपिंग के बाद रोपाई करें। रोपाई से 24 घंटे पहले क्यारियों में पानी डालें ताकि रोपाई के समय रोपाई आसानी से उखाड़ी जा सके और नरम रहें.
फसल को बैक्टीरियल विल्ट से बचाने के लिए, रोपाई से पहले पौधों को 100 पीपीएम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन घोल में 5 मिनट तक डुबोएं।
बुवाई || sowing
बुवाई का समय || Time of sowing
उत्तरी राज्य के लिए, वसंत ऋतु के लिए टमाटर की खेती नवंबर के अंत में की जाती है और जनवरी के दूसरे पखवाड़े में रोपाई की जाती है. शरदकालीन फसल के लिए बुआई जुलाई-अगस्त में और रोपाई अगस्त-सितंबर में की जाती है। पहाड़ी क्षेत्रों में बुआई मार्च-अप्रैल में तथा रोपाई अप्रैल-मई में की जाती है.
अंतर || Difference
विविधता के उपयोग और उसकी वृद्धि की आदत के आधार पर, 60×30 सेमी या 75×60 सेमी या 75×75 सेमी की दूरी का उपयोग करें. पंजाब में, बौनी किस्म के लिए 75 सेमी x 30 सेमी की दूरी का उपयोग करें और बरसात के मौसम के लिए 120-150 x 30 सेमी की दूरी का उपयोग करें.
बुआई की गहराई || sowing depth
नर्सरी में बीज को 4 सेमी की गहराई पर बोएं और फिर मिट्टी से ढक दें।
बुआई की विधि || sowing method
मुख्य खेत में पौध की रोपाई.
टमाटर की खेती में प्रति एकड़ 45 हजार लागत || 45 thousand cost per acre in tomato cultivation
टमाटर उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 40 से 45 हजार रुपए की लागत आई है. प्रति एकड़ एक से सवा लाख रुपए तक आमदनी की उम्मीद है. पहली बार की खेती में 45 हजार के लगभग खर्च होता है.बीज की लागत 4000, बांस के डंडे की लागत लगभग 8000, रस्सी और प्लास्टिक मिलाकर इनकी लागत लगभग 8000, मजदूरी, खाद, भूसा और कीटनाशक मिलाकर लगभग 25 हजार तक लागत आती है. अभी करिश्मा हाइब्रिड टमाटर लगाया गया है. कई पौधे विकसित हो रहे हैं, अगले महीने तक अच्छी पैदावार की संभावना हैं.
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