Railway Elevated Track Rohtak : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा को लगभग 6629 करोड़ रुपए की सौगातें दीं. उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में कई नई परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए. (Railway Elevated Track Rohtak) इसमें 5618 करोड़ की लागत से हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर का किया शिलान्यास, सोनीपत के बड़ी में 590 करोड़ से बने रेल कोच नवीनीकरण कारख़ाने का का उद्घाटन शामिल है.
बता दें भारतीय रेलवे हाई स्पीड ट्रेन्स के लिए अब अत्यधिक एलिवेटेड ट्रैक्स बनाने की तैयारी में है. इसके लिए विचार-विमर्श भी शुरू हो चुका है. जापान और फ्रांस की तर्ज पर देश में पहले भी एलिवेटेड ट्रैक बनाया गया है. अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि यह एलिवेटेड ट्रैक क्या है और यह दूसरे रेलवे ट्रैक से कैसे अलग है? चलिए जानते हैं.
एलिवेटेड रेलवे ट्रैक एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें रेलवे ट्रैक के लिए सड़क के ऊपर एक एलिवेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाता है. एलिवेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल रेलवे के ब्रॉड-गेज, स्टैंडर्ड-गेज या नैरो-गेज, लाइट रेल, मोनोरेल या एक सस्पेंशन रेलवे के लिए की जा सकती है. एलिवेटेड रेलवे ट्रैक आमतौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाके या शहरी क्षेत्रों में बनाए जाते हैं. साथ ही जहां कई रेलवे क्रॉसिंग्स, लंबे सड़क जामों के कारण दुर्घटनाएं होती है, वहां एलिवेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि जापान, कोरिया, ताइवान, चीन और यूरोप के कई देशों में एलिवेटेड नेटवर्क हैं. खासकर चीन की बात करें तो चीन में यात्री नेटवर्क एलिवेटेड है और कार्गो के लिए ग्राउंड नेटवर्क का उपयोग किया जाता . भारत में भी देश के पहले 4.8 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण हरियाणा के रोहतक में कराया गया है. रोहतक-गोहाना रेलवे लाइन पर एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण पर 315 करोड़ रूपए की लागत आई है. इससे रोहतक शहर में भीड़-भाड़ से निजात मिल गई.
बता दें कि दुनिया का सबसे पहला एलिवेटेड रेलवे ट्रैक लंदन और ग्रीनविच के बीच 1836 और 1838 के बीच बनाया गया था.वहीं साल 1860 के आस-पास अमेरिकी शहरों में एलिवेटेड रेलवे लोकप्रिय हुआ. एलिवेटेड ट्रैक की खासियत यह है कि इससे सड़क जाम की समस्या खत्म होती है. इसके साथ ही सड़क दुर्घटना और रेल दुर्घटना पर काबू पाया जा सकता है.
इसके अलावा एक साथ कई रेलवे क्रॉसिंग्स पर रेलवे ट्रैफिक की समस्या खत्म होती है. यही नहीं एलिवेटेड स्ट्रक्चर के लिए भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत भी नहीं होती है. कुल मिलाकर कहें तो एलिवेटेड रेलवे ट्रैक सुरक्षित और बाधारहित है.
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