Mumbai Pune Vistadome Coach: भारतीय रेलवे ने 25 जुलाई को पुणे-मुंबई-पुणे प्रगति एक्सप्रेस की ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया और इस एक्सप्रेस ट्रेन में पहली बार विस्टाडोम कोच की शुरुआत की. डेक्कन एक्सप्रेस और डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस के बाद मुंबई-पुणे रेल मार्ग के बीच जुड़ा यह तीसरा विस्टाडोम कोच है. ट्रेन यात्रा के दौरान यात्री नेचर की सुंदरता का लुत्फ उठाते दिखे.
ये अद्भुत और कमाल की यात्रा मुसाफिरों को पूरे सफर में पुणे और मुंबई के बीच के सुंदर नजारे दिखाती है. बड़ी बड़ी खिड़कियों से पहाड़ों, झरनों की खूबसूरती को देखकर इस यात्रा को बार बार करने का मन करने लगता है.
रेलवे ने इस बात की जानकारी ट्विटर पर शेयर की. सेंट्रल रेलवे ने ट्वीट में लिखा- “अब, प्रगति एक्सप्रेस के विस्टाडोम कोच के माध्यम से नेचर की सुंदरता का आनंद लें. पुणे-मुंबई प्रगति एक्सप्रेस में आज पहली बार विस्टाडोम कोच लगाया गया. डेक्कन एक्सप्रेस और डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस के बाद पुणे और मुंबई के बीच यह तीसरा विस्टाडोम कोच है.
विस्टाडोम कोच की शुरुआत के साथ, भारतीय रेलवे के मध्य रेलवे में अब विस्टाडोम कोच वाली चार ट्रेनें चल रही हैं. ये ट्रेनें मुंबई-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस, मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस, मुंबई-पुणे डेक्कन क्वीन और अब मुंबई-पुणे प्रगति एक्सप्रेस हैं.
मध्य रेलवे के अनुसार, प्रगति एक्सप्रेस पुणे से सुबह 7:50 बजे चलती है और 11:25 बजे मुंबई के सीएसएमटी पहुंचती है. एक्सप्रेस ट्रेन सीएसएमटी से शाम 4:25 बजे रवाना होती है और लगभग 7:50 बजे पुणे पहुंचती है. रेलवे ने कहा कि ट्रेन कल्याण-कर्जत रूट के बजाय पनवेल-कर्जत रूट से चलेगी. ट्रेन दादर, ठाणे, पनवेल, कर्जत, लोनावाला और शिवाजी नगर स्टेशनों पर रुकेगी.
14 कोच वाली यह ट्रेन एलएचबी रेक के साथ चलेगी. पारंपरिक कोचों की तुलना में एलएचबी कोच अधिक आरामदायक माने जाते हैं.
विस्टाडोम दो शब्दों से बना है विस्टा और डोम. विस्टा का अर्थ होता है ( परिदृश्य और डोम का अर्थ गुम्बद आकार से है. यानि यहां पर विस्टाडोम का मतलब हुआ डोम आकार की रेलगाड़ी से परिदृश्य प्राप्त करना.
विस्टाडोम कोच एक प्रकार के टूरिस्ट कोच होते हैं जिनकी ग्लास की खिड़कियां बड़ी होती हैं और साथ ही इसमें छत पर भी शीशे की पारदर्शी खिड़कियां लगी होती हैं. इसमें यात्रा करते समय यात्री को साइड के साथ ऊपर की तरफ का व्यू देख सकते हैं. विस्टाडोम कोच एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
कोच में यात्रियों के लिए कुल 44 सीटें हैं. ये सीटें आरामदायक तो हैं ही, पैर फैलाने के लिए भी काफी स्पेस है. ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के लोग आराम से सफर कर सकते हैं. लेकिन सीटों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें चारों ओर घुमाया जा सकता है. यानी यात्री सामने की ओर मुंह करके बैठने को मजबूर नहीं होगा, बल्कि जिस दिशा में चाहे, देख सकेगा.
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