Palace on Wheels : पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन 12 अक्टूबर से चलेगी, जानिए किराया और अन्य विशेषताएं
Palace on Wheels : राजस्थान में घूमने आने वाले देसी- विदेशी पर्यटकों के लिए गुड न्यूज है. लक्ज़री टूरिस्ट ट्रेन, पैलेस ऑन व्हील्स, जिसे राजस्थान पर्यटन का गौरव भी कहा जाता है, जल्द ही राजस्थान के प्रतिष्ठित शहरों में अपनी सेवाएं प्रदान करेगी. राज्य के पर्यटन विकास निगम ने इस ट्रेन का पहला ट्रिप 12 अक्टूबर से चलाने का फैसला किया है. ट्रेन की सभी सुविधाओं और सुरक्षा सुविधाओं की जांच के लिए 28 सितंबर को ट्रायल रन किया गया. बता दें करोना काल के समय यह सेवा बंद कर दिया गया था. अब दो साल बाद फिर ये ट्रेन चलने को तैयार है.
इस ट्रेन का प्रति व्यक्ति एक रात का किराया 55,000 रुपये निर्धारित है. हालांकि ऑफ सीजन के दौरान 43,000 रुपये तक के टिकट मिल सकते हैं. अधिकतम किराया 1.54 लाख रुपये (कम से कम तीन दिनों की बुकिंग) तक है, जिसमें रहने और भोजन शामिल है. इस बीच, लॉन्ड्री, स्पा और वाइन और बीयर जैसे पेय पदार्थों के लिए अलग से शुल्क लिया जाएगा. 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए यात्रा निःशुल्क है, जबकि 5 से 10 वर्ष के आयु वर्ग के लिए आधा किराया लिया जाता है.
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ट्रायल रन में पर्यटन विभाग के अधिकारी, रेलवे अधिकारी और तकनीकी टीम ट्रेन की सिक्योरिटी, खानपान, अतिथि सत्कार सहित तमाम सुविधाओं का जायजा लिया. रेल मंत्रालय ने इसे भारत गौरव ट्रेन पॉलिसी के तहत चलाने की अनुमति दी है. प्रथम 3 सप्ताह तक इस ट्रेन का संचालन पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा. इसके बाद इसे ओ एंड एम मॉडल पर निजी कंपनी को सौंपा जा सकता है.
टूरिस्टों का पहला टूर 12 अक्टूबर से|| Tourists’ first tour from October 12
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया कि पैलेस ऑन व्हील्स का पहला टूर 12 अक्टूबर को शुरू होगा. इसके लिए अभी से 50 से ज्यादा केबिन की बुकिंग हो चुकी है. उत्साही रेल के पटरी पर लौटने से निगम के अधिकारी और कर्मचारियों में उत्साह है. अभी ट्रेन का रिनोवेशन का काम पूरा हो चुका है. राठौड़ के मुताबिक इस ट्रेन का संचालन 1982 से किया जा रहा है. शाही ट्रेन 12 अक्टूबर से नियमित टूर करेगी. यह ट्रेन विश्व की सबसे ज्यादा लग्जरी ट्रेन में शामिल है.
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कॉरोन काल के चलते बंद थी ट्रेन देश में कोरोना काल के चलते ट्रेन को बंद कर दिया गया था. आरटीडीसी के चेयरमैन राठौड़ ने इसे फिर से शुरू करने को लेकर दिल्ली में रेल मंत्री से चर्चा कर ट्रेन को फिर से पटरी पर लाने का काम किया है. ट्रेन के नए फेरे में बूंदी को भी शामिल किया गया है. अब पर्यटकों को बूंदी दर्शन का भी लाभ मिल सकेगा. भारतीय रेल को चुकाए जाने वाले पैसों को भी किश्तों में किया गया है.
पैलेस ऑन व्हील्स का इतिहास|| History of the Palace on Wheels
राजस्थान टूरिज्म डेवलमेंट कारपोरेशन और भारतीय रेलवे ने 26 जनवरी 1982 को पैलेस आन व्हील्स ट्रेन शुरू की थी. यह ट्रेन दिल्ली से जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर होते हुए आगरा पहुंचती है. यहां से दिल्ली के लिए रवाना होती है. शाही ट्रेन में 14 कोच होते हैं जिसमें बार से लेकर स्पा सहित अन्य सुविधाएं होती हैं. दो श्रेणी के केबिन होते हैं जिसमें डीलेक्स केबिन और सुपर डीलेक्स केबिन शामिल हैं.
ट्रेन में दो भव्य रेस्ट्रो बार “महाराजा” और “महारानी” हैं, जिसमें एक राजस्थानी माहौल है, जिसमें कॉन्टिनेंटल, चीनी, भारतीय और राजस्थानी व्यंजन परोसे जाते हैं. रेस्टोरेंट खिड़कियों के पास सोच-समझकर बैठने की व्यवस्था करते हैं. संलग्न पेंट्री में रसोइये राजस्थान के व्यंजनों पर जोर देते हुए महाद्वीपीय और भारतीय व्यंजन तैयार करते हैं.
ये हैं कोच के नाम || Here are the names of the coaches
अलवर सैलून, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, डूंगरगृह, जैसलमेर, झालावार, जयपुर, जोधपुर, किशनगढ़, कोटा, सिरोही और उदयपुर.