Modhera Sun Temple– पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के मोढेरा सूर्य मंदिर का एक खूबसूरत वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में सूर्य मंदिर को बारिश में नहाते हुए दिखाया गया है जो अद्भुत है. लेकिन क्या आप इस एतिहासिक मोढेरा सूर्य मंदिर के बारे में जानते हैं? इसे किसने और कब बनवाया. फिलहाल इसमें सूरज की पूजा क्यों बंद है, क्या आप जानते हैं कि कभी भगवान राम भी वहां गए थे. चलिए इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ जानकारी.
मोढेरा के मंदिर का जिक्र कई पुराणों में भी आता है. स्कंद पुराण और ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि प्राचीन काल में मोढेरा के आसपास का पूरा इलाका धर्मरन्य के नाम से जाना जाता था. पुराणों के अनुसार ये भी बताया गया है कि भगवान श्रीराम ने रावण के संहार के बाद अपने गुरु वशिष्ट को एक ऐसा स्थान बताने के लिए कहा जहां जाकर वह आत्मशुद्धि कर सकें और ब्रह्म हत्या के पाप से भी मुक्ति पा सकें. तब गुरु वशिष्ठ ने श्रीराम को यहीं आने की सलाह दी थी.
मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के मेहसाना जिले के ‘मोढेरा’ नामक गांव में पुष्पावती नदी के किनारे स्थित है. यह स्थान पाटन से 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. यह सूर्य मंदिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य और शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है. ईरानी शैली के इस एतिहासिक मंदिर को सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने 1026 ई. में बनवाया था. दरअसल, सोलंकी राजवंश सूर्य को अपना कुलदेवता मानता था इसलिए इस मंदिर का निर्माण करवाया गया. मंदिर में कहीं भी चूने का इस्तेमाल नहीं किया गया है. वर्तमान समय में यह भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है. कहा जाता है कि गुजरात के मोढेरा सूर्य मंदिर पर अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया था. इसमें मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा था. उसने मंदिर की मूर्तियों को भी खंडित कर दिया था. फिलहाल इस मंदिर में पूजा करना निषेध है
मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह को रोशन करे. मंदिर के पहले हिस्से में गर्भगृह और दूसरे में सभामंडप है. गर्भगृह में अंदर की लंबाई 51 फुट, 9 इंच और चौड़ाई 25 फुट, 8 इंच है. मंदिर के सभामंडप में कुल 52 पिलर हैं. इन पिलर्स पर अलग-अलग देवी-देवताओं के चित्र, रामायण और महाभारत के प्रसंगों को खूबसूरती से दिखाया गया है.
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बता दें कि भारत में दो विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर हैं. एक है देश के पूर्वी छोर यानी उड़ीसा राज्य में. इसका नाम है कोणार्क सूर्य मंदिर, जो अपने आप में काफी प्रसिद्ध है. दूसरा है देश के पश्चिमी छोर यानी गुजरात राज्य में बना हुआ मोढेरा सूर्य मंदिर. यह पाटन से 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.
By Air – सूर्य मंदिर के पास अहमदाबाद एयरपोर्ट है. यहां से उतरकर आप गाड़ी करके सुर्य मंदिर जा सकते हैं.
By Train – पास का रेलवे स्टेशन अहमदाबाद है. यह मंदिर से करीब 102 किमी की दूरी पर स्थित है.
By Road –अहमदाबाद से यहां जाने के लिए बस एवं टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है.
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