India China Ladakh Face-off , Border Road Organization – पिछले कुछ समय से भारत-चीन सीमा पर असंतोषजनक माहौल देखने को मिल रहा है. भारत-चीन सीमा ( India China Face-Off ) पर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए Border Road Organization (BRO) लगातार विकास की गति बढ़ाए हुए है. बीआरओ देश की सीमाओं पर सड़क बनाने का जिम्मा संभालता है. उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, राजस्थान में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क बीआरओ ही बनाता है. इससे विकास के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है. अब बीआरओ ने तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण सड़क तैयार कर दी है. इस सड़क से सेना के जवानों की आवाजाही पहले से और भी आसान हो जाएगी. इस सड़क को नीमो-पदम-दारचा नाम दिया जाएगा.
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बीआरओ ( Border Road Organization ) द्वारा बनाई जाने वाली सड़क लगभग 90% तैयार हो चुकी है. अब इस सड़क के बन जाने से सेना के काफिले के समय की भी बचत होगी. बीआरओ ( Border Road Organization ) की इस नई सड़क की सबसे खास बात यह है कि ये सड़क 12 महीनों के लिए खुली रहेगी. पहले मनाली से लेह पहुँचने में करीब 12-14 घंटे लगते थे. लेकिन नई सड़क से अब सिर्फ 6-7 घंटे का समय ही लगेगा. भारत चीन के संबंधों ( India China Face-Off ) में उतार-चढ़ाव के दौर में बीआरओ का ये कदम बेहद साहसिक और सराहनीय है.
बीआरओ ( Border Road Organization ) द्वारा बनाई गई सड़क को आने जाने के लिए पूरे साल तक खोला जा सकता है. ये सड़क लगभग 258 किलोमीटर है. एक अन्य मार्ग सामान ले जाने और कर्मचारियों के परिवहन के लिए मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला ज़ोजिला है, जो द्रास-कारगिल अक्ष से लेह तक जाता है.
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एक प्रकार से ये लद्दाख का ऑल-वेदर रूट होगा जो आगे दो और रास्तों से जुड़ जाएगा. इससे किसी भी समय भारतीय सेना के जवान हिमाचल के दारचा होते हुए पदम और फिर नीमो होते हुए कुछ ही घंटे में लेह और कारगिल आसानी से पहुंच जाएंगे. बीआरओ ( Border Road Organization ) की नवनिर्मित दारचा-पदम-नीमो सड़क हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के दारचा को कारगिल जिले के जंस्कार के पदम इलाके से जोड़ेगी. दारचा से पदम की दूरी लगभग 148 किलोमीटर है. बीआरओ ( Border Road Organization ) के इंजीनियरों ने कहा है अब ये सड़क कार्यों कई टन भारी सामान उठाने वाले वाहनों पूरी तरह से तैयार है.
बीआरओ ( Border Road Organization ) के ही एक अधिकारी मनोज जैन का कहना है कि जांस्कर क्षेत्र में पदम के बीच यह सड़क एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. बीआरओ ( Border Road Organization ) की बनाई हुई ये सड़क भारतीय सैनिकों को होने वाली परेशानी को काफी हद तक कम करेगी. क्योंकि भारी बर्फबारी और ख़राब मौसम की स्थिति के चलते बीआरओ द्वारा बनाई गई पहले की दोनों रोड लगभग 6-7 महीने बंद ही रहती थी.
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