Hit and Run Law: क्या है हिट ऐंड रन कानून? ट्रक ड्राइवरों ने क्यों की हड़ताल? जानें पूरी ABCD
Hit And Run New Law : हिट एंड कानून हिट एंड रन केस के लिए नए कानून को लेकर सरकार और ट्रांसपोर्टरों में सुलह हो गई है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच हुई बातचीत सफल हुई है. ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा है कि ट्रक ड्राइवर अपनी हड़ताल वापस लें और काम पर लौट आएं. ट्रांसपोर्ट संगठन ने देशभर के ड्राइवरों से हड़ताल वापस लेने को कहा है. सरकार की तरफ से संगठन को आश्वसान दिया गया है कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा और जब भी इसे लागू किया जाएगा तो संगठन से चर्चा की जाएगी. इसके बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है.
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के अंतर्गत हिट-एंड-रन केस (Hit And Run) के मामलों के लिए नए कानून का विरोध हो रहा है. देशभर में बड़े वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर हैं और चक्काजाम कर कानूनों का लागू नहीं करने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर 2 जनवरी 2024 की शाम को गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन की बैठक हुई. यहां आश्वासन मिलने पर संगठन हड़ताल वापस लेने को सहमत हो गया है. इस आर्टिकल में हम आपको हिट एंड रन कानून से जुड़ी सारी बातें बताएंगे.
हिट एंड रन कानून का यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मुंबई, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में विरोध हो रहा है. नए नियम को लेकर ड्राइवर्स में काफी दिखा है. उनका कहना है कि हादसे के कारण किसी की जान जाती है तो हमेशा इसमें ड्राइवर की गलती नहीं होती.
हिट एंड रन केस में बैकफुट पर क्यों आई सरकार || Why did the government come on the backfoot in the hit and run case?
देश में कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. (Hit And Run New Law) सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. ऐसे में सरकार बिल्कुल नहीं चाहेगी कि किसी भी तरह से उसके खिलाफ समाज में निगेटिविटी फैलें.
देश और दुनिया में इस वक्त राम मंदिर की जोरो-शोरो से चर्चा है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम काफी अहम है. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. चुनाव को देखते हुए सरकार किसी भी तरह से राम मंदिर पर चर्चा कम नहीं करना चाहेगी.
ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल ने देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया. हड़ताल के कारण देशभर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होने लगी थी और कीमत भी बढ़ने लगी थी.
हड़ताल ने सरकार की छवि को भी खराब किया. सरकार को आम लोगों और बड़े कारोबारियों से भी दबाव का सामना करना पड़ा.
सरकार को यह महसूस हुआ कि ट्रक ड्राइवरों की मांगें जायज हैं. ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि नया कानून अत्यधिक कठोर है और उनके लिए अनुचित है.
हिड ऐंड रन कानून का विरोध कर रहे ड्राइवर क्या चाहते हैं || What do drivers protesting against hide and run laws want?
ट्रक और बस के ड्राइवर देशव्यापी हड़ताल के जरिए केंद्र और राज्य सरकार पर नया कानून वापस लेने का दबाव बनाने की कोशिश की. हड़ताल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को ही हुई. भीषण सर्दी में लोग स्थानीय बस स्टैंड से अपने गंतव्य तक आने-जाने में परेशान नजर आए. कई यात्री मजबूरी में अपने गंतव्य तक पैदल ही चलकर जाते दिखे. हड़ताल के चलते कुछ यात्रियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश नजर आया.
हिड ऐंड रन कानून पर ट्रक ड्राइवरों ने क्यों की हड़ताल || Why did truck drivers strike over hide and run law?
संसद में पिछले हफ्ते तीन आपराधिक न्याय विधेयक पारित किए गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद तीनों विधयक अब कानून बन चुके हैं. हालांकि ये कानून अभी लागू नहीं हुए हैं. देशभर में ट्रक और बस ड्राइवर भारतीय न्याय संहिता के हिट एंड रन कानून के प्रावधान में किए बदलाव का विरोध कर रहे हैं.
नए कानून के तहत अगर लापरवाही या तेज स्पीड से गाड़ी चलाने के कारण दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर पुलिस को सूचित किए बिना ही मौके पर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है या 7 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है. अगर वह भागता नहीं है तो भी उसे पांच साल की सजा काटनी पड़ सकती है. सबसे खास बात ये है कि दोनों ही मामले गैर-जमानती हैं, पुलिस थाने से जमानत नहीं मिलेगी.
इससे पहले कानून काफी नरम था. पुराने हिट एंड रन कानून के मुताबिक, लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाने पर अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है. यही नहीं, आरोपी ड्राइवर को तुरंत थाने से जमानत भी मिल जाती है.
नए कानून को लेकर मंगलवार (2 जनवरी) को अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस (AIMTC) और गृह मंत्रालय के बीच लंबी बातचीत हुई. आखिरकार सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया कि कानून अभी लागू नहीं हुआ है. नए लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से विचार विमर्श किया जाएगा. इस आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ले ली गई.
हिट एंड रन कानून पर हड़ताल करने वाले ड्राइवरों की मांग || Demand of drivers to strike on hit and run law
देशभर के ड्राइवर कानून में नए प्रावधान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने इसे काला कानून बताया. ट्रक और बस ड्राइवरों का कहना था कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा उनकी हड़ताल जारी रहेगी. प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि वह जानबूझकर किसी हादसों को न्योता नहीं देते है. ज्यादातर हादसे छोटी गाड़ी वालों की गलती से ही होते हैं.
उनका तर्क है कि अनजाने में उनसे सड़क पर कोई दुर्घटना होने पर भीड़ इकट्टा हो जाती है और भीड़ बड़े वाहन चालक की गलती मानकर उनपर टूट पड़ती है. कुछ मामलों में बड़े वाहन चालकों की मॉब लिंचिंग तक कर दी गई है. उनका कहना है कि ऐसे में अगर वो दुर्घटना के बाद रुकते हैं तो भीड़ उन्हें मार डालेगी और अगर नहीं भी रुकते हैं तो सरकार मार डालेगी. दोनों ही मामलों में उनके परिवार पर संकट है.
दूसरा अहम तर्क ये है कि वह महीने में 10-15 हजार रुपये कमाते हैं ऐसे में सात लाख रुपये का जुर्माना कहां से देंगे. इन तर्कों के आधार पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार से नए कानूनों पर एक बार फिर सोच विचार करने की गुजारिश की है.
हिट एंड रन मामले में अब तक क्या था कानून|| What was the law till now in hit and run case?
अभी तक हिट एंड रन मामले में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता है. आरोपी को दो साल की सजा मिल सकती है। इसके अलावा किसी खास मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है।
नए कानून के किस प्रावधान का हो रहा विरोध
– सरकार ने हिट एंड रन प्रावधान को बेहद सख्त कर दिया है.
– नए कानून में हिट एंड रन के लिए 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
– पहले हिट एंड रन केस में सिर्फ दो साल की सजा और जुर्माना था.
– कई ट्रक ड्राइवर इस कंफ्यूजन में हैं कि यह कानून सिर्फ उनके लिए है.
– ड्राइवरों की मांग है कि हिट एंड रन कानून को इतना सख्त न किया जाए.
हिट एंड रन कानून पर क्यों हंगामा बरपा || Why there was uproar over hit and run law?
केंद्र सरकार सख्त नियमों के तहत सड़क हादसों पर रोक लगाना चाहती है. हालांकि ड्राइवरों को लगता है कि सरकार ऐसा करके उनके साथ गलत कर रही है. ड्राइवरों को लगता है कि सरकार उनके साथ ज्यादती कर रही है. असल में रोड जाम करने वाले ड्राइवरों का कहना है कि ‘हिट एंड रन’ के प्रावधान में बदलाव विदेशी तर्ज पर लाया गया है. इसे लाने से पहले विदेशों की तरह बढ़िया सड़क, ट्रैफिक नियम और परिवहन व्यवस्था पर फोकस करना चाहिए. कानून को लेकर ल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने कहा कि इस नियम के कारण ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं. देश में पहले ही ड्राइवरों की कमी है. ऐसे नियम से ड्राइवर डर जाएंगे और अपना काम छोड़ देंगे. ड्राइवरों का कहना है कि नए नियम में 7 लाख जुर्माने का प्रावधान है, इतने रुपये ड्राइवर कहां से लाएंगे.
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