Travel News

Gyanvapi Mosque History : जानें ज्ञानवापी मस्जिद विवाद कहां से हुआ शुरू

Gyanvapi Mosque History : वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में है. कोर्ट में इस मामले के जाने से ज्ञानवापी मस्जिद की खबरें भी चर्चा में हैं. आइए जानते हैं ज्ञानवापी  के बारे में महत्वपूर्ण बातें (Important facts about Gyanvapi), ज्ञानवापी का इतिहास (Gyanvapi History) और ज्ञानवापी की जानकारी (Information about Gyanvapi)

क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद? || What is the Gyanvapi Masjid controversy?

ज्ञानवापी मस्जिद का मामला 1991 का है जब स्थानीय पुजारियों के एक ग्रुप ने वाराणसी सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त हिस्से पर बनाया गया था.

ज्ञानवापी मस्जिद केस || Gyanvapi Masjid Case

1991: स्थानीय पुजारी ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने की अनुमति लेने के लिए वाराणसी सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की. उन्होंने दावा किया कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के आदेश पर उनके शासनकाल के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर किया गया था.

दिसंबर 2019: अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिसंबर 2019 में मामले को फिर से उठाया गया. वाराणसी के एक वकील, विजय शंकर रस्तोगी ने निचली अदालत में एक याचिका दायर कर साइट के पुरातत्व सर्वेक्षण की मांग करते हुए दावा किया कि यह इसके निर्माण में अवैध था.

वाराणसी कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को एक सर्वेक्षण करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. इस आदेश का अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी, जो ज्ञानवापी मस्जिद चलाती है, और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने विरोध किया था.

इसके बाद मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ले जाया गया, जिसने एएसआई को मस्जिद स्थल का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के प्रावधानों के तहत, पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र में कोई भी परिवर्तन 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में है, निषिद्ध है.

मार्च 2021: भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पूजा के स्थान अधिनियम की वैधता की जांच करने पर सहमति व्यक्त की.

18 अगस्त, 2021: पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की अदालत में एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी ढांचे के अंदर हनुमान, नंदी,  गौरी की दैनिक पूजा करने की अनुमति मांगी और लोगों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की भी मांग की.

अप्रैल 2022- वाराणसी कोर्ट ने दिए स्थल के निरीक्षण के आदेश, कोर्ट ने वीडियोग्राफी सर्वे का आदेश दिया. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण इस महीने की शुरुआत में पूरा किया गया था और हिंदू पक्ष के एक वकील ने दावा किया था कि कुएं के अंदर एक शिव लिंग पाया गया था.

वीडियोग्राफी सर्वे में वाराणसी अदालत के आदेश को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करने के आदेश को बरकरार रखा.

14-16 मई : कोर्ट के आदेश पर कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया. कथित तौर पर मंदिर परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया था.

मुस्लिम वकील पक्ष ने अदालत द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण आयुक्त अजय कुमार मिश्रा की ओर से पक्षपात का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने अदालत की अनुमति के खिलाफ मस्जिद के अंदर से वीडियोग्राफी करने की कोशिश की.उन्होंने मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन भी बताया.

17 मई, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर “वजू खाना” (स्नान तालाब) क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया, जहां कथित शिवलिंग पाया गया था, लेकिन मुसलमानों को नमाज अदा करने के लिए मस्जिद तक पहुंचने की अनुमति दी गई थी.

17 मई 2022: वाराणसी की सिविल कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने के लिए गठित पैनल से एडवोकेट-आयुक्त अजय कुमार मिश्रा को हटा दिया.

19 मई: वाराणसी कोर्ट में दो पेज की वीडियोग्राफी सर्वे रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें मस्जिद में खंडित देवता, मंदिर का मलबा, कमल के आकार का मिला है.

19 मई: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की अदालत को 20 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा. शीर्ष अदालत 20 मई, 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई के लिए सहमत हुई.

How to Reach Bageshwar Dham Sarkar : छतरपुर, मध्य प्रदेश से कैसे पहुंचें बागेश्वर धाम सरकार

ज्ञानवापी मस्जिद इतिहास|| Gyanvapi Mosque History

ज्ञानवापी मस्जिद उत्तर प्रदेश के बनारस में स्थित है. इसका निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1669 में करवाया था. ऐसा आरोप है कि औरंगजेब ने एक मंदिर को गिराने का आदेश दिया और उसके स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया. कुछ डोक्यूमेंट के अनुसार, ब्राह्मण पुजारियों को मस्जिद परिसर के भीतर रहने और हिंदू तीर्थयात्रा के मुद्दों पर विशेषाधिकार प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी.

हालांकि, मुसलमान इस दावे को खारिज करते हैं कि औरंगजेब ने मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को तोड़ा. ऐसे अन्य तर्क भी हैं जो दावा करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल से पहले किया गया था, यह दावा करते हुए कि इस बात के प्रमाण हैं कि शाहजहाँ ने 1638-1639 ई. करते हुए.

ज्ञानवापी विवाद क्यों महत्वपूर्ण है? Why is the Gyanvapi controversy important?

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के अभियान के दौरान तीन धार्मिक स्थलों में से एक था.

Places to visit in Mahoba : महोबा में घूमने के लिए 13 सबसे अच्छी जगहें

तीसरा धार्मिक स्थल मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का था. प्रचारकों ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को तोड़कर किया गया था. मथुरा में एक स्थानीय अदालत के समक्ष एक अलग मामला है, जो मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर परिसर – भगवान कृष्ण की जन्मभूमि – को पुनः प्राप्त करने की मांग कर रहा है. मथुरा कोर्ट ने इस साल फरवरी में संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया था.

ज्ञान वापी कुआं || Gyanvapi Well

ज्ञान वापी कुआं कुएं का पानी गंगा नदी के पानी से भी ज्यादा पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला किया तो मुख्य पुजारी ने शिवलिंग की रक्षा के लिए उसे एक कुएं में छिपा दिया. ज्ञान वापी कुआं जिसका अर्थ है “ज्ञान का कुआं”, कई हिंदू भक्तों द्वारा इस कुएं का दौरा किया जाता है.

ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस कुएं का पानी पीते हैं वे आध्यात्मिकता के उच्च स्तर को प्राप्त करते हैं. पर्यटक और भक्त यहां ज्ञान कुपा के दर्शन कर सकते हैं.

ज्ञान वापी के बारे में रोचक तथ्य || Interesting facts about Gyan Vapi

ऐसा कहा जाता है कि यदि आप कुएं में देखते हैं और अपना प्रतिबिंब देखते हैं, तो आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
यह वाराणसी का एक प्रसिद्ध स्थान है जहां देश भर से लोग आशीर्वाद लेने आते हैं.
ऐसा माना जाता है कि इस कुएं में मंदिर की कई कीमती कलाकृतियां और आभूषण छिपे हुए थे, जिन्हें चोरों से बचाने के लिए यहां रखा गया था.
पर्यटक मंदिर के चारों ओर प्रकृति की सैर का आनंद ले सकते हैं और शिवलिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महा आरती में भाग ले सकते हैं.
ज्ञानवापी कुआं विश्वेश्वर (विश्वनाथ) का एक ऐसा अभिन्न अंग है जिसे काशी का केंद्र माना जाता है.
किंवदंतियों के अनुसार कुएं को ज्ञान का कुआं कहा जाता है.

Recent Posts

Chhath Puja 2024 Day 3 : जानें, सूर्यास्त का समय, पूजा अनुष्ठान, महत्व और अधिक

Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More

3 hours ago

High Uric Acid Control : हाई यूरिक एसिड से हैं परेशान, सुबह खाली पेट खाएं ये सफ़ेद चीज़

High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More

21 hours ago

Kharna puja 2024 : इस चीज के बिना अधूरी है खरना पूजा, जानिए 36 घंटे के निर्जला व्रत की विधि

 Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More

1 day ago

Chhath Puja 2024 : 36 घंटे के व्रत के दौरान इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें

Chhath Puja 2024 :  महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More

1 day ago

Dev Diwali 2024 : जानें, कब है देव दिवाली, समय, महत्व और अनुष्ठान

Dev Diwali 2024:  देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More

2 days ago

Cashews Quality Check : असली या नकली काजू? इन ड्राई फ्रूट्स की क्वालिटी जांचने के लिए अपनाएं ये 5 आसान तरीके

Cashews Quality Check : काजू सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, वहीं मिलावटी काजू… Read More

2 days ago