Diwali is celebrated differently in these 4 countries
Diwali : हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है. इस साल 14 नवंबर को दिवाली है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. साथ ही दीप जलाए जाते हैं, पटाखे फोड़े जाते हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं. लोग एक दूसरे को गिफ्ट भी देते हैं.
ऐसी मान्यता है कि जब मर्यादा पुरषोत्तम राम 14 वर्षों का वनवास कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्या नगरी में दिवाली मनाई गई थी. इस मौके पर लोगों ने दीप जलाकर भगवान श्रीराम का स्वागत किया था. उस समय से दिवाली मनाई जाती है. आधुनिक समय में प्रकाश का पर्व दिवाली दुनियाभर में मनाई जाती है. हालांकि, दिवाली मनाने के रिवाज में अंतर हैं. अगर आपको पता नहीं है, तो आइए 4 देशों की दिवाली मनाने की प्रथा के बारे में जानते हैं.
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नेपाल को हिंदू राष्ट्र भी कहा जाता है. माता जानकी का जन्मस्थान जनकपुर नेपाल में अवस्थित है. अतः त्रेता युग से जनकपुर समेत पूरे नेपाल में दिवाली मनाने की प्रथा है. नेपाल में दिवाली को तिहार कहा जाता है. जबकि सनातन धर्म के अनुसार पांच दिवसीय दिवाली मनाई जाती है. इनमें लक्ष्मी-गणेश पूजन, यम पूजा और भैया दूज प्रमुख हैं. साथ ही गाय और श्वान को भी खिलाने की प्रथा है.
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(Diwali)ऐसा कहा जाता है कि मॉरीशस की आधी आबादी हिंदू है. इसके लिए मॉरीशस में दिवाली विशेष तरीके से मनाई जाती है. इस दिन सरकारी अवकाश रहता है. अतः लोग उत्साह से दिवाली मनाते हैं. दिवाली के दिन लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करते हैं. जबकि रात में दीप जलाने के साथ रावण दहन भी करते हैं.
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इस देश में काफी संख्या में हिंदू रहते हैं जो आज भी सभी त्योहार को उत्साह से मनाते हैं. खासकर दिवाली के दिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. इनमें नाटक संवाद के जरिए सनातन धर्म का बखान किया जाता है, जिसमें कलाकार पारंपरिक पोशाक पहनते हैं. साथ ही विशेष पकवान बनाए और खाए जाते हैं.
मलेशिया में तमिल हिंदू अधिक रहते हैं. हालांकि, दिवाली मनाने की प्रथा में अंतर है. इस दिन तमिल हिंदू समुदाय के लोग अपने बदन पर तेल लगाते हैं. इसके बाद पूजा उपासना करते हैं. साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान गणेश से सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं.
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