Dhirendra Krishna Shastri Bageshwar Dham Controversy : बागेश्वर बाबा की चर्चा देशभर में होती है. उनके लाखों भक्त उनके समागम में दिखाई देते हैं लेकिन इसी बीच आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को लेकर आजकल एक विवाद भी बना हुआ है. विवाद क्या हैं? आइए जानते हैं.
नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति (Andhashraddha Unmulan Samiti) ने उनपर अंधविश्वास फैलाने का और गांव के लोगों ने आसपास की निजी और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है.
बागेश्वर धाम सरकार को नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की तरफ से चुनौती दी गई थी. इसपर देशभर बवाल मच गया था. हिंदू संगठनों ने भी अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का पुतला दहन किया था.
वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shashtri) ने रायपुर के दिव्य दरबार में श्याम मानव को आमंत्रण दिया था. उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए किराए का खर्चा भी उठाने का बयान दिया था. तब से ये मामला देशभर चर्चा का विषय बना हुआ है.
सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) सरकार को लेकर कई बातें कही जा रही हैं. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shashtri) पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं.
उन्हें लेकर कहा जा रहा है कि वो देश में अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं. उनके पास सिद्धी नहीं है बल्कि वो लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री पर ये सभी आरोप महाराष्ट्र की संस्था ने लगाया है.
बागेश्वर धाम सरकार से फेमस कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर खुलकर अपना बयान जारी किया है.
मीडिया से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्रीने कहा, ‘मैं किसी से नही डरता, हिंदू शेर है भगोड़े नहीं हैं.’
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यहां तो लोगों ने भगवान राम को नहीं छोड़ा है उनपर भी सवाल उठाए हैं.
भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया है। हम तो आम इंसान हैं, हमें कब छोड़ेंगे.
धीरेंद्र शास्त्री और उनके सेवादारों पर बागेश्वर धाम के आसपास की निजी और सरकारी ज़मीनों पर कब्जा करने का आरोप है.
मिली जानकारी के अनुसार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके सेवादार इलाके के तालाब को पाटकर दुकान बनवा रहे हैं. निर्माण का काम जोरों से चालू है.
बागेश्वर धाम के पास सरकारी जमीन पर 12 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन बना है, जिसे गांव की पंचायत ने अपनी निधि से बनवाया था.
अब इस पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कब्जा है.
इस भवन को लेकर गांव के लोगों ने कोई विरोध नहीं दर्ज कराया. ऐसा बताया गया है कि धीरेंद्र शास्त्री के प्रभाव के चलते कोई आवाज उठाने की हिम्मत तक नहीं करता.
महाराष्ट्र की संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है.
उन्होंने बागेश्वर धाम सरकार चुनौती दी थी कि वह नागपुर में उनके मंच पर आए और अपना चमत्कार दिखाएं.
संस्थान ने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे लेकिन उन्होंने चुनौती स्वीकार नहीं की.
कहा जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने संस्थान की चुनौती को स्वीकार नहीं किया और वह वहां से भाग गए.
लोगों का कहना है कि वह डरकर नागपुर से वापस लौट आए हैं. लेकिन आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि वह किसी के डर या चुनौती से नहीं वापस आए हैं, उन्हें किसी के भी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि हम 7 दिन की ही कथा करते हैं. बागेश्वर महाराज का कहना है कि मैं चुनौती स्वीकार करता हूं, जिसे चमत्कार देखना वो बागेश्वर दरबार में आए. उन्होंने कहा, ‘श्याम यहां रायपुर आए, टिकट का खर्च मैं दूंगा.’
बागेश्वर धाम सरकार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप पर कहा कि हम दावा नहीं करते हैं कि हम आपकी समस्या को मिटा देंगे.
हमें अपने ईश्वर पर विश्वास है, हमारे ईष्ट लोगों की परेशानी और तकलीफ को दूर करते हैं. उन्होंने कहा कि क्या हनुमान जी की पूजा करना उनका प्रचार करना गलत है?
बागेश्वर धाम मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है.
26 वर्षीय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मूल रूप से धीरेंद्र कृष्ण गर्ग थे. शास्त्री मंदिर के महंत (प्रधान पुजारी) हैं और उन्हें लोकप्रिय रूप से ‘बागेश्वर धाम सरकार’ कहा जाता है.
बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, शास्त्री अपने दादा दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी हैं जो एक ‘सिद्ध’ संत थे.
हाल के वर्षों में, धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों के बीच और सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल की. बागेश्वर धाम में हर मंगलवार और शनिवार को एक दरबार या दरबार आयोजित किया जाता है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री भगवान हनुमान के भक्तों की समस्याओं को हल करने के लिए अपने चमत्कारों का प्रदर्शन करते हैं.
हालांकि, शास्त्री ने हमेशा दावा किया है कि यह भगवान हनुमान की शक्ति और चमत्कार है जो भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और वह केवल एक माध्यम हैं और उनके पास कोई अलौकिक शक्ति नहीं है.
बागेश्वर धाम के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किए गए एक वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर विवाद को संबोधित करते हुए कहा कि जब से उन्होंने घरवापसी का मुद्दा उठाना शुरू किया है तब से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने श्याम मानव से भी सवाल किया कि क्या उन्होंने कभी कथित अंधविश्वासों को लेकर दूसरे धर्म के लोगों से सवाल किया है.
“जब से मैंने सनातन धर्म के लिए घरवापसी का मुद्दा उठाया है, वे हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं, हमें किसी से डरना नहीं है, हमें सतर्क रहना है. मैं नागपुर मामले में समिति के संयोजक से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने कभी हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाले पुजारियों और अन्य धर्म के लोगों के खिलाफ आवाज उठाई है?
क्या आपके देवता से प्रार्थना करना अंधविश्वास (जादु-टोना) है? मैं सनातन धर्म के सभी अनुयायियों से एक साथ खड़े होने का आग्रह करता हूं.
हमलावर कथित तौर पर कट्टरपंथी हिंदू संगठन सनातन संस्था से जुड़े थे.
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