Mughal Garden Opening Date 2023 : आम जनता के लिए मुगल गार्डन का गेट 12 फरवरी, 2023 को खुलेगा, जानें इसका इतिहास...
Mughal Garden Opening Date 2023 : मुगल गार्डन देश की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पिछले हिस्से में स्थित हैं. राष्ट्रपति भवन लगभग 130 हेक्टेयर (320 एकड़) में फैला है, जिसमें यह विशाल गार्डन भी शामिल है. इसके साथ ही दुनिया भर में पहचाने जाने वाले भारत के गार्डन में से एक ये गार्डन बाहें फैलाकर पर्यटकों के स्वागत को तैयार है. बहुत से लोग 2023 में मुगल गार्डन के खुलने का इंतजार कर रहे हैं. आइए जानते हैं मुगल गार्डन से जुड़ी हर जानकारी…
मुगल गार्डन सिर्फ एक उद्यान के बजाय भारत में सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है. साल में एक बार लोगों को इस मंत्रमुग्ध कर देने वाली जगह पर जाने का मौका मिलता है. इस बड़े गार्डन को मुगल साम्राज्य के दौरान विकसित किया गया था. इसमें चारबाग संरचना नामक फारसी गार्डन की छाप है. अगर आप परिवार या अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी समय बिताने की योजना बना रहे हैं तो टिकट बुकिंग और ऑनलाइन प्रक्रिया देखें. इसके साथ ही दिशानिर्देशों का पालन करना न भूलें.
यहां पर आप दुनियाभर के खूबसूरत रंग-बिरंगे फूलों को देख सकते हैं. इस गार्डन में अंग्रेजी शैली के साथ-2 मुगल शैली की झलक देखी जा सकती है. यह गार्डन हर साल बसंत ऋतु यानी फरवरी के महीने में टूरिस्ट के लिए खुलता है. यह गार्डन दिल्ली में सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक गार्डनों में से एक है.
जनता के लिए मुगल गार्डन का गेट 12 फरवरी, 2023 को खुलेगा. आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, गेट 16 मार्च 2023 को बंद हो जाएगा. गार्डन में जाने के लिए आप ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं.
HOHO बस के साथ मुगल गार्डन टिकट बुकिंग कर सकते हैं (आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार):
आप कुछ आसान स्टेप को फॉलो करके केवल 5 मिनट में अपना मुगल गार्डन टिकट बुक कर सकते हैं.
सबसे पहले आपको राष्ट्रपति बावन की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा.
फिर आपको मुगल गार्डन विजिट (उद्यानोत्सव के दौरान) पर क्लिक करना होगा.
सबसे पहले राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर अपना/अपने ग्रुप का रजिस्ट्रेशन करें.
मुगल उद्यान यात्रा (उद्यानोत्सव के दौरान)
उसके बाद HOHO दिल्ली टूर बुक करें.
आप HOHO बस की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं. http://hohodelhi.com
ऑनलाइन बुकिंग https://visit.rashtrapatibhavan.gov.in/visit/amrit-udyan/rE वेबसाइट पर एक्सप्लोर एंड टूर लिंक पर जाकर की जा सकती है.
जब साल 1911 में अंग्रेजों ने देश की राजधानी कलकत्ता से बदलकर दिल्ली की, तो उन्होंने दिल्ली को नया रूप देने के लिए मशहूर ब्रिटिश वास्तुकार एडवर्ड लुटियन्स को इंग्लैंड से भारत बुलाया.
लुटियन्स ने दिल्ली आने के बाद वायसराय हाउस (वर्तमान राष्ट्रपति भवन) के लिए रायसीना की पहाड़ी को चुना और एक नक्शा तैयार किया, जिसमें भवन के साथ एक ब्रिटिश शैली का गार्डन भी था.
तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड हार्डिंग की पत्नी लेडी हार्डिंग ने श्रीनगर में निशात बाग और शालीमार बाग देखे थे जिन्होंने उनका मन मोह लिया था, तब उन्होंने यहां पर भारतीय शैली के गार्डन बनाने का प्रस्ताव दिया था. सर एडविन लुटियंस लॉर्ड हार्डिंग का बहुत सम्मान करते थे, इसलिए उनके दिए हुए सुझावों के अनुसार फिर से नक्शा तैयार किया. वायसराय हाउस को बनाने की शुरुआत सन 1912 ई. में हुई और 1929 ई. तक इसे अंतिम रूप दिया था.
1-राष्ट्रपति भवन परिसर के पिछले भाग में स्थित यह गार्डन 13 एकड़ में फैला है.
2-मुगल गार्डन में 4 नालियां हैं, जो कमल के आकार वाले लाल बलुआ पत्थर के फव्वारे के साथ उनके चौराहे पर बनाये गए हैं.
3-यहां पर कई छोटे-बड़े बगीचे मौजूद हैं जैसे पर्ल गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन और सकरुलर गार्डन आदि.
4.इस गार्डन के सबसे बड़े भाग को पीस द रेज़िस्टेन्स कहा जाता हैं, जिसकी लम्बाई 200 मी. और चौड़ाई 175 मी. है. इसके उत्तर और दक्षिण भाग में टेरेस गार्डन और इसके पश्चिम में एक टेनिस कोर्ट व लॉन्ग गार्डन स्थित हैं.
5.इस गार्डन के अन्दर एक हर्बल गार्डन भी मौजूद है, यहाँ लगभग 33 जड़ी बूटी के हर्बल पौधे पाए जाते हैं.
6.इस उद्यान में आप ट्यूलिप की आठ किस्मों के लगभग 10000 पौधे एक साथ देख सकते हैं. इसके अलावा यहां 70 किस्म के मौसमी फूल और 50 किस्मों के लगभग 300 बौने पौधे (बोनसाई) भी पाए जाते हैं.
7. यहां पर उत्तर से दक्षिण की और दो नहरें व दो नहरें पूर्व से पश्चिम को बहती हैं, जिनके बीच में संगम पर कमल के आकार के 6 फव्वारे बने हुए हैं. ये नहरें बाग को चार भागों में विभाजित करती हैं.
8. इन फव्वारों से 12 फीट की ऊंचाई तक पानी की धार निकलती है.
9. यह गार्डन बनावट के आधार पर चार हिस्सों में विभाजित है:- चतुर्भुज आकार, लम्बा उद्यान, पर्दा गार्डन और गोलाकार गार्डन आदि.
10. लॉन को ‘डूब’ घास से ढंक दिया जाता है जिसे मूल रूप से बेलवेरे एस्टेट, कलकत्ता से लाया गया था जब उन्हें प्रारंभ में रखा गया था.
11. सन 1947 में देश की आजादी के बाद वायसराय हाउस का नाम बदलकर राष्ट्रपति भवन कर दिया गया था.
12. इस गार्डन में बोने नट व ओकलाहोमा को मिलाकर गुलाब की लगभग 250 से भी अधिक किस्में पाई जाती हैं. ओकलाहोमा गुलाब के फूल का रंग लगभग काला है.
13. यहां नीले रंग के गुलाब की प्रजातियों में पैराडाइज, ब्ल्यूमून और लेडी एक्स शामिल हैं, इसके अलावा आप यहां हरे रंग के गुलाब के फूल भी देख सकते हैं.
14. यहां कैलेन्डुला एन्टिरहिनम, ब्रासिकम, मेतुसेरिया, वेरबेना, एलिसम, डिमोरफोथेका, मेसमब्राइन्थेमम, एसोलझिया, लार्क्सपर, गजेनियां, गेरबेरा, गोडेतिया, लाइनेरिया, देखे जा सकते हैं
15. विओला, पैन्सी, स्टॉक तथा डहलिया, कारनेशन और स्वीटपी जैसे सर्दियों में खिलने वाले फूल भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं.
16.राष्ट्रपति भवन के गार्डन के विकास और रखरखाव के लिए वर्तमान में 300 से अधिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
17.यह गार्डन हर साल फरवरी-मार्च में उद्यानोत्सव के दौरान सुबह 9:30 से लेकर शाम 5 बजे तक पर्यटकों के लिए खोला जाता है.
आम जनता को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मुगल गार्डन देखने की सुविधा मिलेगी. राष्ट्रपति भवन के 35 नम्बर द्वार से एक घंटे के लिए एक बार में 100 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. कोरोना के मद्देनजर इस बार मुगल गार्डन (Mughal Garden) देखने की इच्छा रखने वाले दर्शकों के विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. सुरक्षा कारणों से मुगल गार्डन परिसर में आप पानी, दूध की बोतल, ब्रीफकेस, हैंड बैग, लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो, छाता जैसी चीजें नहीं ले जा सकते.
राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक के बीच पहले से बुक किए गए 7 स्लॉट (Slot) उपलब्ध रहेंगे. गार्डन में अंतिम प्रवेश (Last Entry) शाम 4 बजे तक हो सकेगा. हर स्लॉट में अधिकतम 100 लोगों को एंट्री की अनुमति होगी.
मुगल गार्डन जाने के लिए आपको केंद्रिय सचिवालय (Central Secretariat) उतरना होगा. इसके बाद केंद्रिय टर्मिनल तक जाने वाली बस से मुगल गार्डन पहुंचा जा सकता हैं.
मुगल गार्डन के लिए किसी भी तरह का टिकट नहीं लगता है. यहां घूमने के लिए आप ऑनलाइन भी फ्री में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
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