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Delhi-Meerut Rapid Rail: : दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी

Delhi Meerut Regional Rapid Transit System : दिल्ली–मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Delhi Meerut Regional Rapid Transit System) यानी Delhi-Meerut Rapid Rail के साहिबाबाद-दुहाई कॉरिडोर की शुरुआत हो चुकी है.21 अक्टूबर 2023 से देश की पहली रैपिड रेल चल पड़ी. 82.5 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में से 17 किमी लंबे पहले सेक्शन साहिबाबाद-दुहाई पर ट्रेनें सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक चलेंगी.

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इस रैपिड रेल (Delhi Meerut Rapid Rail) का पहला विचार देश में कब सामने आया था और कैसे 25 साल में इसने अपना सफर तय किया है… साथ ही, हम आपको दिल्ली मेरठ के अलावा, दिल्ली अलवर और दिल्ली-सोनीपत के रैपिड रेल प्रोजेक्ट के बारे में भी बताएंगे और हम ये भी जानेंगे कि भविष्य में एनसीआर के और कौन कौन से रूट पर रैपिड रेल की शुरुआत होने जा रही है…

रैपिड रेल और इसे बना और चला रहे National Capital Region Transport Corporation के बारे में हम पूरी जानकारी देंगे… हम ये भी बताएंगे कि अगर आप Delhi Meerut Rapid Rail की यात्रा करने जा रहे हैं, तो किन किन बातों का ध्यान रखें… आइए सफर में आगे बढ़ते हैं…

National Capital Region Transport Corporation (NCRTC), वो कॉर्पोरेशन है जो इस ट्रेन सिस्टम को डैवलप कर रहा है. ये भारत सरकार और हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली व उत्तर प्रदेश की सरकार का जॉइंट वेंचर है और इसका ऐडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल Ministry of Housing and Urban Affairs के पास है. NCR के ईर्द गिर्द, Regional Rapid Transit System (RRTS) को इंप्लीमेंट करने की जिम्मेदारी इसी NCRTC की है. इस ट्रांसपोर्ट सिस्टम में भारतीय रेलवे स्टेशन, आईएसबीटीज और दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेशन का भी पूरा ध्यान रखा गया है.

National Capital Region यानी एनसीआर को एक रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने का पहला विचार 1998-99 में इंडियन रेलवे की एक स्टडी के बाद सामने आया था. स्टडी ने एनसीआर में फास्ट ट्रेन का प्रपोजल दिया. 2006 में इसपर फिर से विचार तब किया गया, जब दिल्ली मेट्रो का विस्तार दिल्ली से बाहर एनसीआर के अलग अलग शहरों में किया जा रहा था… आगे चलकर National Capital Region Planning Board (NCRPB) ने अपने Functional Plan on Transport for NCR-2032 में इसे शामिल किया.

एनसीआरपीबी ने एनसीआर के शहरों को हाई स्पीड रेल आधारित कम्यूटर ट्रांजिट सर्विस से जोड़ने के लिए आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की और रिकमेंडेशन दी. तब योजना आयोग ने बाद में एनसीआर के लिए आरआरटीएस पर शहरी विकास मंत्रालय (एमओयूडी) के सचिव की अध्यक्षता में 2006 में एक टास्क फोर्स का गठन किया.

वहीं, 2009 में स्पेशल पर्पज व्हीकल(SPV) का गठन किया गया। इसी वर्ष आठ कॉरिडोर का चयन किया गया था, जिसमें दिल्ली-पानीपत, दिल्ली-अलवर और दिल्ली-मेरठ को प्राथमिकता मिली.

साल 2009 में एनसीआऱ प्लानिंग बोर्ड की ओर से दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का खाका खींचने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) तैयार करवाई गई थी, जिसके बाद साल 2011 में केंद्र सरकार की ओर से इस परियोजना को मंजूरी मिली, जिसमें दिल्ली-मेरठ(82 किमी), दिल्ली-सोनीपत(103 किमी) और दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर(198 किमी) को मंजूरी मिल गई थी.

साल 2013 में रिजनल ट्रांसपोर्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया.

आरआरटीएस कॉरिडोर में जिन प्रोजेक्ट को वरीयता मिली है, उनमें दिल्ली-सोनीपत-पानीपत का 111 किलोमीटर लंबा रूट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ (Delhi Meerut Regional Rapid Transit System) का 90 किलोमीटर लंबा रूट, दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर का 180 किलोमीटर लंबा रूट शामिल है. वहीं इसके दूसरे फेज में जिन प्रोजेक्ट्स पर काम होगा, उनमें दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़-पलवल, गाजियाबाद-खुर्जा, दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक, गाजियाबाद-हापुड़, दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत के रूट शामिल हैं.

Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System की फंडिंग की बात करें, तो इसमें एक बिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग Asian Development Bank (ADB) ने, 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग New Development Bank और 500 million अमेरिकी डॉलर की फंडिंग Asian Infrastructure Investment Bank ने की है. वहीं, देश की सरकारों की बात की जाए तो भारत सरकार ने इसमें 20 फीसदी का योगदान दिया है, दिल्ली सरकार ने 3.22%, और उत्तर प्रदेश सरकार ने 16.78% राशि का योगदान दिया है.

इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 km की है. कुल स्टेशन 14 हैं, जिनके नाम Sarai Kale Khan, New Ashok Nagar, Anand Vihar, Sahibabad, Ghaziabad, Guldhar, Duhai, Muradnagar, Modinagar South, Modinagar North, Meerut South, Shatabdi Nagar, Begumpul और Modipuram हैं और इस रूट पर दो डिपो हैं जिनके नाम दुहाई और मोदीपुरम हैं..

मेरठ से दिल्ली तक रैपिड रेल के संचालन का control room दुहाई डिपो में रहेगा, जबकि मेरठ मेट्रो का control room मोदीपुरम डिपो में रहेगा. मोदीपुरम डिपो में रैपिड रेल भी खड़ी होगी और मेरठ मेट्रो भी.

इस ट्रेन के पूरे रूट में, 68.03 km का रूट elevated है, 14.12 km का रूट underground है और 1.45 km का रूट दो डिपो दुहाई और मोदीपुरम के कनेक्शन के लिए है.

दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कहां कहां लोकल ट्रांसपोर्ट से इंटीग्रेट होगी, आइए ये भी जानते हैं

सराय काले खां से इस ट्रेन की शुरुआत होगी और यहां मेट्रो की पिंक लाइन, भारतीय रेलवे के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन और यहीं पर मौजूद सराय काले खां आईएसबीटी के साथ इसका इंटीग्रेशन है.

अगला स्टेशन न्यू अशोक नगर है और यहां इसकी इंटीग्रेशन दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन से होगा. इसके बाद आनंद विहार स्टेशन पर मेट्रो की पिंक और ब्लू लाइन, भारतीय रेलवे के आनंद विहार रेलवे टर्मिनल और आनंद विहार आईएसबीटी से इसका इंटीग्रेशन होगा. आगे गाजियाबाद में मेट्रो की रेड लाइन से इसका इंटीग्रेशन होगा.

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कितना है रैपिड रेल का किराया? || Delhi-Meerut Rapid Rail Fare

रैपिडएक्स में स्टैंडर्ड क्लास के किराए की शुरुआत 20 रुपये से शुरू होती है. प्रीमियम क्लास के किराए की शुरुआत 40 रुपये से है. यानी ये समझिए कि प्रीमियम टिकट, स्टैंडर्ड क्लास से दोगुनी है. साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक स्टैंडर्ड क्लास से जाने के लिए 50 रुपये टिकट है, जबकि प्रीमियम क्लास के लिए यात्रियों को 100 रुपये चुकाने होंगे. 90 सेंटीमीटर से कम हाइट वाले बच्चों के लिए टिकट फ्री है. टिकट को मेट्रो की तरह ही खरीदा जा सकता है. स्टेशन पर काउंटर और टिकट वेंडिंग मशीन की सुविधा मिलेगी.

किन सुविधाओं से लैस है ट्रेन? || Delhi-Meerut Rapid Rail Facilities

ट्रेन में आरामदायक सीटों को फिट किया गया है. बड़ी खिड़कियों के अलावा यात्रियों के लिए खड़े होकर सफर करने के लिए भी अच्छी खासी जगह दी गई है. सामान रखने की सुविधा भी यात्रियों को दी गई है. इसके अलावा यात्री अपना लैपटॉप/मोबाइल चार्ज भी कर पाएंगे. मैप का ऑप्शन भी दिया गया है. ट्रेन में एक बार में 1700 यात्रियों के सफर की सुविधा है. प्रीमियम कोच में रिक्लाइनिंग सीट, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी सुविधाएं हैं.

प्रीमियम कोच और स्टैंडर्ड कोच में क्या है अंतर || Rapid Rail Premium and Standard Coach Difference

प्रीमियम कोच में लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा है. सीटें ज्यादा आरामदायक हैं और लगेज के लिए भी स्पेस है. प्रीमियम कोच में आप क्यू आर कोड के जरिए पेमेंट करके चलती ट्रेन में ही खाने पीने के सामान खरीद सकते हैं.

स्टेशन पर मुसाफिरों के लिए सुविधाएं || Facilities for Passengers in Delhi-Meerut Rapid Rail

Delhi Meerut Regional Rapid Transit System में रैपिडएक्स ट्रेनों में सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन के अंतिम कोच में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए एक जगह तय की गई है. ट्रेन का इंतजार करते समय यात्रियों को बैठने के लिए प्लेटफार्म लेवल पर सीटों की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं. स्टेशन पर कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पीने का पानी और वॉशरूम की सुविधाएं उपलब्ध हैं.

छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर स्टेशन पर महिला शौचालय में डायपर चेंजिंग स्टेशन की व्यवस्था की गई है. यात्री, स्टेशनों पर बने सूचना डेस्क से ट्रेन सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, ऐसी जानकारी ‘रैपिडएक्स कनेक्ट’ मोबाइल एप्लिकेशन और रैपिडएक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध होगी. वैकल्पिक रूप से, रैपिडएक्स ग्राहक सेवा केंद्र से 08069651515 पर संपर्क किया जा सकता है.

सभी रैपिडएक्स स्टेशनों पर फर्स्ट ऐड की सुविधा उपलब्ध है. किसी भी मेडिकल इमर्जेंसी के लिए CATS के जरिए एम्बुलेंस सेवा की भी व्यवस्था की जा सकती है.

कैसे वापस पा सकते हैं खोया सामान || How to find lost items in Delhi-Meerut Rapid Rail

खोए वस्तुओं की समस्या के लिए एक खोया और पाया केंद्र स्थापित किया गया है. Delhi Meerut Regional Rapid Transit System में कोई भी खोई हुई वस्तु 24 घंटे के भीतर उसी स्टेशन से प्राप्त की जा सकती है. किसी वस्तु के खोने/पाये जाने की स्थिति में निकटतम आरआरटीएस स्टेशन /ट्रेन के कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है.

एक खोया/पाया केंद्र गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर स्थापित किया गया है, जहां सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संपर्क किया जा सकेगा. खोई और पाई गई वस्तुओं की जानकारी यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट एप पर भी हासिल कर सकेंगे.

इमरजेंसी के लिए क्या है व्यवस्था || Emergency Situation in Rapid Rail

इमर्जेंसी में स्टेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए यात्री कॉनकोर्स/प्लेटफॉर्म स्तर पर सीधे सहायता कॉल प्वाइंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. रैपिडएक्स ट्रेनों के हर कोच में यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली है. इसे ऑपरेट करके ट्रेन ऑपरेटर को समस्या बताई जा सकती है. यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए भी इमर्जेंसी सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

मुसाफिरों की सेफ्टी के लिए व्यवस्था

परिचालन के पहले दिन से ही प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) से सुसज्जित होगा. प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स को आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और सिग्नलिंग प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. पीएसडी और ट्रेन के दरवाजे, दोनों बंद होने के बाद ही ट्रेन को चलाया जाएगा. इससे अप्रत्याशित घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा.

पहली बार आरआरटीएस स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा जांच के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) का उपयोग किया जा रहा है. यह सिस्टम यात्रियों की स्क्रीनिंग कर किसी भी संदिग्ध वस्तु को स्टेशन तक पहुंचने से रोकने में सहायता करेगा.

स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगे लगेज स्कैनर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस हैं. इन स्कैनरों में एक डुअल-व्यू जनरेटर एक्स-रे बैगेज निरीक्षण प्रणाली है, जो स्कैनर के माध्यम से गुजरने वाले सामान की दोहरी स्क्रीनिंग को सक्षम बनाएगी. जिससे बैग के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों की तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देंगी. अगर किसी यात्री के बैग में कोई संदिग्ध या प्रतिबंधित वस्तु स्कैन की जाती है, तो कन्वेयर बेल्ट स्वचालित रूप से बंद हो जाएगी.

किसके जिम्मे होगी रैपिडएक्स स्टेशनों की सुरक्षा || Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System Security

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी Delhi Meerut Regional Rapid Transit System में रैपिडएक्स स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) को सौंपी है और दिल्ली में स्टेशनों पर सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा सुनिश्चित की जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने रैपिडएक्स के लिए गाजियाबाद और मेरठ में एक पुलिस स्टेशन भी होगा. इसके अलावा, स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर एक पुलिस पोस्ट का प्रावधान भी किया गया है.

जाम से बचने के लिए व्यवस्था

स्टेशनों के आसपास के क्षेत्र में भीड़ कम करने और स्टेशन के बाहर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया गया है. इसके तहत स्टेशन के प्रवेश/निकास को मुख्य कैरिजवे पर बनाने के बजाय इन्हें सड़क के किनारों पर बनाया गया है और इन तक पहुँचने के लिए सड़क के दोनों तरफ एक रास्ता बनाया गया है. गाड़ियों को मुख्य कैरिजवे पर रुकने से रोकने के लिए प्रवेश/निकास गेट के लिए बनाए गए रास्ते में इंट्री भी सर्विस लेन से दी गई है, ताकि मुसाफिर निश्चित मार्ग से ही स्टेशन में प्रवेश करें. इसका मकसद है कि मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले यातायात में किसी भी प्रकार की बाधा न आए.

हर आरआरटीएस स्टेशन पर सड़क के दोनों किनारों पर प्रवेश/निकास यानी एंट्री और एग्जिट है और स्टेशन तक कनेक्टिविटी और आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए फुट-ओवर ब्रिज की सुविधा भी है. इससे न केवल रैपिडएक्स के यात्रियों के लिए पहुंच आसान होगी, बल्कि यात्रियों को व्यस्त सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने में भी मदद मिलेगी.

स्टेशनों के पास भीड़भाड़ से बचने के लिए मुख्य कैरिजवे से दूर, स्टेशनों के प्रवेश/निकास पर अच्छी तरह प्रकाशित, समर्पित पिक-अप और ड्रॉप क्षेत्र बनाए गए हैं. इसके अलावा, यातायात को प्रबंधित करने और स्टेशन के अंदर और उसके आसपास वाहनों की सुचारू और व्यवस्थित आवाजाही के लिए, जहां भी संभव हो, यातायात को इंटीग्रेट करके ड्राइव-इन जगह भी बनाई गई है.

स्टेशन पर पार्किंग की व्यवस्था || Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System Parking

प्राइवेट व्हीकल से स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए, जहां भी संभव हो, स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. टू व्हीलर का पार्किंग शुल्क 10 रुपये और फोर व्हीलर का पार्किंग शुल्क 25 रुपये है. लिफ्ट/एस्केलेटर, बैठने की जगह और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं स्टेशनों पर मौजूद हैं.

यात्रा अनुभव में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के महत्व को समझते हुए, एनसीआरटीसी ने स्टेशनो पर फीडर सेवाएं प्रदान करने के लिए दो मोबिलिटी ऑपरेटरों के साथ समझौता किया है, जो आरआरटीएस स्टेशनों से इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा चलाएंगे. भविष्य में, मांग बढ़ने के साथ ये ऑपरेटर दूसरे बड़े वाहनों की भी व्यवस्था करेंगे.

कैसे खरीद सकते हैं टिकट || How to buy Tickets at Rapid Rail stations

नमो भारत रैपिड ट्रेन के लिए वेंडिंग मशीन और पेपर क्यूआर कोड से टिकट खरीद सकते हैं. इस ट्रेन के लिए टिकट रैपिडएक्स स्टेशनों के टिकट काउंटर से भी खरीदा जा सकता है. पेपर क्यू-आर टिकट एवं नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को रीचार्ज करने के लिए यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सक्षम टिकट वेंडिग मशीन लगाई गई हैं. यात्री टीवीएम से टिकट खरीदने के लिए बैंक नोट, बैक कार्ड, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड और यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं.

एनसीआरटीसी मोबाइल एप्लिकेशन, रैपिडएक्स कनेक्ट के माध्यम से डिजिटल क्यूआर कोड-बेस्ड टिकट जनरेट किया जा सकता है. टिकट संबंधी किसी भी समस्या के समाधान के लिए यात्री एएफसी गेट के नजदीक ग्राहक सेवा केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं.

कितनी है ट्रेन की रफ्तार? || How much speed of Rapid Rails

रैपिडएक्स की रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा है. लेकिन इसे 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ही चलाया जाएगा. ट्रेन दिखने में बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. ट्रेन के जरिए लंबी दूरी को आराम से पूरा किया जा सकता है. इस ट्रेन की शुरुआत होने से लोगों को अब बसों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे. इस ट्रेन का नाम ‘नमो भारत’ रखा गया है.

प्रीमियम कोच में एंट्री कैसे होगी? || How to get Enter in Rapid Rail Premium Coach

स्टेशन पर टिकट खरीदने के बाद आप एएफसी (ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन) गेट से एंट्री करेंगे. ऊपर प्लेटफॉर्म पर जाने के बाद आपको प्रीमियम कोच में बैठने के लिए एक बार फिर एएफसी गेट से एंट्री करनी होगी. अगर आप गलती से स्टैंडर्ड कोच में चढ़ गए हैं और आपको प्रीमियम कोच में जाना है, तो ऐसा चलती ट्रेन में मुमकिन नहीं है. आप ऐसा ट्रेन रुकने के बाद ही कर पाएंगे.

प्रीमियम कोच की लोकेशन क्या है || Rapid Rail Premium Coach Location

प्रीमियम कोच ट्रेन का सबसे अगला डिब्बा है.

ट्रेन में लेडीज कोच कहां है || Rapid Rail Ladies Coach

ट्रेन का दूसरा डिब्बा लेडीज कोच है.

प्लेटफॉर्म पर क्या सुविधा है || Facilities on Rapid Rail Platform

रैपिड एक्स ट्रेनों के प्लेटफॉर्म पर कुर्सियां हैं. आप मैग्जीन भी पढ़ सकते हैं. हालांकि ये सुविधाएं प्रीमियम कोच के लिए एएफसी गेट पार करने के बाद ही मिलेंगी.

रैपिड रेल में दरवाजे कैसे खुलेंगे || How Rapid Rail doors will open

रैपिड रेल जैसे ही किसी स्टेशन पर पहुंचेगी. दरवाजे पर लगे बटन में ग्रीन लाइट जल उठेगी. ग्रीन लाइट जलने के बाद आपको बटन दबाना होगा और इसके बाद दरवाजे खुल जाएंगे.

दोस्तों ये रही Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System से जुड़ी कुछ खास जानकारी. आपको ये पेशकश कैसी लगी, प्रतिक्रिया जरूर दें. मिलेंगे अगली बार फिर एक नए वीडियो में… आप देखते रहें ट्रैवल जुनून…

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