Chhath Puja : छठ पर्व का तीसरा दिन जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है,चैत्र या कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है. पूरे दिन सभी लोग मिलकर पूजा की तैयारियां करते हैं. छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद जैसे ठेकुआ, चावल के लड्डू जिसे कचवनिया भी कहा जाता है, बनाया जाता है, छठ पूजा के लिए एक बांस की बनी हुई (Chhath Puja) टोकरी जिसे दउरा कहते है में पूजा के प्रसाद,फल डालकर देवकारी में रख दिया. जाता है.
वहां पूजा अर्चना करने के बाद शाम को एक सूप में नारियल,पांच प्रकार के फल,और पूजा का अन्य सामान लेकर दउरा में रख कर घर का पुरुष अपने हाथो से उठाकर छठ घाट पर ले जाता है, यह अपवित्र न हो इसलिए इसे सर के ऊपर की तरफ रखते है. छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में प्रायः महिलाये छठ का गीत गाते हुए जाती है.
सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा का सारा सामान लेकर घुटने भर पानी में जाकर खड़े हो जाते है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करते है. इस साल 2022 में, यह शुक्रवार, 30 अक्टूबर को पड़ेगा.
छठ पूजा के दौरान “दंडवत प्रणाम” की परंपरा भी है. जिन लोगों ने कामना की है या किसी चीज में सफल होने की इच्छा रखते हैं, वे साधारण कपड़े में जमीन पर लेटकर और नमस्कार करके छठ घाट पर जाने की शपथ लेते हैं. एक “कांडा” की मदद से एक प्रकार की छड़ी आसानी से इलाके या खेतों में पाई जाती है, भक्त पेट की मदद से जमीन पर लेटकर और “प्रणाम मुद्रा” में दोनों हाथों को फैलाकर एक गोल रेखा खींचता है. “दंड” के बाद घाट पर पहुंचने के बाद भक्त पवित्र नदी में स्नान करते हैं और चट्टी मैय्या की पूजा करते हैं.
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More
Chhath Puja 2024 : महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More
Dev Diwali 2024: देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More
Cashews Quality Check : काजू सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, वहीं मिलावटी काजू… Read More
Tulsi Kadha : तुलसी का काढ़ा या तुलसी की चाय सर्दियों के आगमन के साथ… Read More