Chhath Puja 2022 : देशभर में नाहय खाय से छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है...
Chhath Puja 2022 : देशभर में छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है. देशभर में नाहय खाय से छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को छठ पूजा का विशेष विधान है. इस पूजा की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार से हुई है, जो अब देश-विदेश तक फैल चुकी है.
षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है और पर्व का समापन सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय अर्घ्य के साथ होता है. छठ मैय्या को सूर्य देव की मानस बहन माना गया है, इसलिए छठ के अवसर पर छठ मैय्या के साथ भगवान भास्कर की अराधना पूरी निष्ठा व परंपरा के साथ की जाती है.
Chhath Puja : जानें छठ में आखिरी दिन क्या होता है
छठ की पूजा में बांस की टोकरी का विशेष महत्व होता है. बांस को आध्यात्म की दृष्टि से शुद्ध माना जाता है. इसमें पूजा की सभी सामग्री को रखकर अर्घ्य देने के लिए पूजा स्थल तक लेकर जाते हैं.
छठ में ठेकुए का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. गुड़ और आटे से मिलाकर ठेकुआ बनता है. इसे छठ पर्व का प्रमुख प्रसाद माना जाता है. इसके बिना छठ की पूजा को भी अधूरी माना जाता है.
Chhath Puja : आज डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें कहां से शुरू हुई परंपरा
छठ की पूजा में गन्ने का भी विशेष महत्व माना जाता है. अर्घ्य देते वक्त पूजा की सामग्री में गन्ने का होना सबसे जरूरी समझा जाता है. गन्ने को मीठे का शुद्ध स्रोत माना जाता है. गन्ना छठ मैय्या को बहुत प्रिय है. कुछ लोग गन्ने के खेत फलने-फूलने की भी मनौती मांगते हैं.
छठी माई की पूजा करने में केले का पूरा गुच्छ मां को अर्पित किया जाता है. केले का प्रयोग छठ मैय्या के प्रसाद में भी किया जाता है.
Chhath Puja : छठ के दूसरे दिन क्यों मनाया जाता है खरना, जानें इसका क्या है महत्व
अर्घ्य देने के लिए जुटाई गई सामग्रियों में पानी वाला नारियल भी महत्वपूर्ण माना जाता है. छठ माता को इसका भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित भी किया जाता है. छठ मैय्या के भक्ति गीतों में भी केले और नारियल का जिक्र किया जाता है.
खट्टे के तौर पर छठ मैय्या को डाभ नींबू भी अर्पित किया जाता है. यह एक विशेष प्रकार का नींबू होता है जो अंदर से लाल और ऊपर से पीला होता है. इसका स्वाद भी हल्का खट्टा मीठा होता है.
Chhath Puja : जानें छठ में संध्या अर्घ्य के दिन क्या होता है
चावल के लड्डू जो एक खास प्रकार के चावल से बनाए जाते हैं. इस चावल की खूबी यह होती है कि यह धान की कई परतों में तैयार होता है जिससे यह किसी भी पक्षी द्वारा भी झूठा नहीं किया जा सकता है. मान्यता है कि किसी भी तरह से अशुद्ध प्रसाद चढ़ाने से छठ मैय्या नाराज हो जाती हैं, इसलिए इनके प्रसाद का बड़ा ध्यान रखा जाता है.
Char Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री… Read More
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में एकाग्रता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है.… Read More
Spring Season 2025 : वसंत ऋतु सबसे सुखद मौसमों में से एक है, जिसमें फूल… Read More
Dharamshala travel Blog Day 1 धर्मशाला उत्तर भारत का एक शहर है. यह हिमाचल प्रदेश… Read More
Vietnam Travel Blog : वियतनाम एक खूबसूरत देश है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार लैंडस्केप… Read More
Trek With Friends : फरवरी दोस्तों के साथ रोमांचक सर्दियों की यात्रा पर निकलने का… Read More