Chhath Puja : छठ पूजा में इन बातों का रखें खास ख्याल, कहीं हो न जाए अपशकुन
Chhath Puja : छठ पूजा का त्यौहार कल से यानि 18 नवंबर से शरू होने जा रहा है. छठ पूजा (Chhath Puja) हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद हिंदूओं का छठ सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस बार छठ की पूजा नवंबर यानी शुक्रवार को है. उत्तर भारत और खासतौर से बिहार,यूपी,झारखंड में इस त्योहार का बेहद खास महत्व होता है. यूं तो हिंदू पंचांग में कई तरह के व्रत और त्योहार आते हैं लेकिन छठ पूजा के व्रत को कठिन उपवासों में से एक माना जाता है क्योंकि इस व्रत से जुड़े नियम बेहद कठिन होते हैं.
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छठ पूजा के दौरान कुछ बातों का बहुत ध्यान रखना होता है तभी पूजन को सफल माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको वो बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको छठ पूजा के दौरान याद रखने की जरूरत है. इस दौरीन कुछ ऐसे काम होते हैं जो आपको गलती से भी नहीं करने चाहिए.
साफ-सफाई- छठ पूजा में साफ-सफाई का खास महत्व होता है. जिस जगह पर छठ पूजा का प्रसाद बनता है उसे साफ सुथरा रखना चाहिए. गंदे हाथों से छठ पूजा का प्रसाद न ही बनाना चाहिए और न ही छूना चाहिए. जिस जगह पर घर पर खाना बनाया जाता है वहां पर छठ पूजा का प्रसाद नहीं बनता है.
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Keep the kids away
छठ पूजा के दिन ध्यान रखें कि बच्चे पूजा के किसी भी सामान को बिना हाथ धोए नहीं छूएं और यदि वे ऐसा कर देते हैं तो फिर उस सामाग्री को उपयोग में न लें. बच्चे प्रसाद खाने की जिद करते हैं पर यह आपको ध्यान रखना होगा कि जब तक छठ का पर्व संपन्न नहीं हो जाता है तबतक बच्चे प्रसाद को जूठा न कर पाएं.
Remove negativity
छठ पूजा के दौरान अपशब्द और अभद्र भाषा नहीं बोलनी चाहिए. व्रत के चारों दिन लड़ाई नहीं करना चाहिए. यदि कोई लड़ाई कर रहा है तो उस जगह से दूर चले जाएं. अपने मन को शांत और अधिक से अधिक सकारात्मक ऊर्जा से भरकर रखना है.
Do not consume meat
छठ पूजा के दिनों में जो व्यक्ति प्रसाद बनाता है या जो व्रत रखता है, उसे गलती से भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे स्थान पर या ऐसे बर्तन में प्रसाद न पकाएं जिसमें मांसाहार बन चुका हो. घर के सदस्यों को भी इन चार दिन मांसाहार का सेवन न करने दें.