What is Sengol : दोस्तों, भारत का नया संसद भवन बनकर तैयार है. नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. नए संसद भवन में लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. वहीं नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है.
नए संसद भवन में जरूरी कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस है. कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और वीआईपी लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.
नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च आया है. वहीं नए संसद भवन में तमिलनाडु से आए ऐतिहासिक और पवित्र सेंगोल स्पीकर की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा. यह वही सेंगोल (राजदंड) है, से 1947 में अंग्रेजों से भारत में सत्ता के ट्रांसफर के प्रतीक के तौर पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था. हर कोई अब सेंगोल के बारे जानना चाहते हैं तो आइए आज के आर्टिकल के बारे में आपको बताएंगे…
सेंगोल भारत की स्वतंत्रता से जुड़ा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रतीक है. सेंगोल को सत्ता के ट्रांसफर के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया था जब अंग्रेजों ने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी.
लॉर्ड माउंटबेटन – जिन्हें सत्ता ट्रांसफर की प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू से पूछा था कि सत्ता ट्रांसफर के लिए किन परंपराओं/अनुष्ठानों को करने की आवश्यकता है नेहरू ने देश के अंतिम गवर्नर जनरल सी राजा गोपालचारी के साथ इस मुद्दे पर आगे चर्चा की, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल के बारे में सूचित किया. एक तमिल परंपरा जिसमें एक वरिष्ठ पुजारी एक नवगठित राजा को एक राजदंड प्रस्तुत करता है.
इसके बाद तमिलनाडु से एक सेंगोल आयात किया गया और ‘राजदंड’ सेंगोल सत्ता के ट्रांसफर का प्रतीक बन गया. सेंगोल को तब चेन्नई के एक प्रसिद्ध जौहरी (तब मद्रास के नाम से जाना जाता था) वुम्मीदी बंगारू चेट्टी द्वारा तैयार किया गया था. राजदंड लगभग पांच फीट लंबा है और शीर्ष पर एक ‘नंदी’ बैल है, जो न्याय और निष्पक्षता की अवधारणा का प्रतिनिधित्व करता है.
सेंगोल का ना सिर्फ देश की आजादी से खास रिश्ता है, बल्कि इसका रिश्ता चोल साम्राज्य से रहा है. सेंगोल की उत्पत्ति का पता दक्षिण भारत के चोल राजवंश से लगाया जा सकता है, जो दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजवंशों में से एक है.
तमिलनाडु राज्य में सेंगोल का गहरा सांस्कृतिक महत्व था. तमिलनाडु राज्य में सेंगोल को विरासत और परंपरा के प्रतीक के रूप में भी लिया जाता है, जो विभिन्न कल्चर कार्यक्रमों, त्योहारों और महत्वपूर्ण समारोहों के अभिन्न अंग के रूप में काम करता है.
एक बार जब नेहरूस जी किसी फक्शन में जाने वाले थे, तो राजगोपालाचारी जिन्हें राजाजी के नाम से भी जाना जाता है को एक राजदंड की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
इसके बाद, वह मदद के लिए तमिलनाडु के तंजौर जिले के एक फेमस मठ थिरुववदुथुराई अथेनम के पास पहुंचे और इसके नेता ने आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार चेन्नई स्थित “वुम्मिदी बंगारू चेट्टी” ज्वैलर्स को सेंगोल के निर्माण का काम सौंपा.
आज तक सेंगोल को इलाहाबाद के एक म्यूज़ियम में रखा गया था और अब इसे नए संसद भवन ले जाया जाएगा. यह सेंगोल वही है जो आजादी के समय यानी 14 अगस्त 1947 को सत्ता ट्रांसफर के प्रतीक के रूप में पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू को दिया गया था.
आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, तीन लोग, जिनमें “अधीनम के उप महायाजक, नादस्वरम वादक राजारथिनम पिल्लई और ओडुवर (गायक)” शामिल हैं, तमिलनाडु से नव-निर्मित सेंगोल लाए गए. समारोह के दौरान, जो 14 अगस्त, 1947 को हुआ था, एक पुजारी ने लॉर्ड माउंटबेटन को राजदंड दिया और फिर उसे वापस ले लिया.इसके बाद इसे “पंडित जवाहरलाल नेहरू के घर जुलूस में ले जाया गया, जहां इसे उन्हें सौंप दिया गया. जैसा कि महायाजक ने कहा है, एक विशेष गीत गाया गया.
इसमें कहा गया है कि समारोह के दौरान बजाया गया गीत 7 वीं शताब्दी के तमिल संत तिरुगुनाना संबंदर द्वारा रचित था – एक विलक्षण बालक जो केवल 16 वर्ष जीवित रहा. इस कार्यक्रम में डॉ राजेंद्र प्रसाद, जो बाद में भारत के पहले राष्ट्रपति बने, और कई अन्य लोगों ने भाग लिया.
Amrit Udyan Open : राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान (जिसे पहले मुगल गार्डन… Read More
Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More
Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है. यह… Read More
Prayagraj Travel Blog : क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More
10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More
Mirza Nazaf Khan भारत के इतिहास में एक बहादुर सैन्य जनरल रहे हैं. आइए आज… Read More