Viceregal Lodge Trip : राष्ट्रपति निवास के नाम से मशहूर वाइसरीगल लॉज (Viceregal Lodge) कभी ब्रिटिश वायसराय का गर्मियों का आवास हुआ करता था. कई दशकों तक इस लॉज में रहकर ब्रिटिश वायसराय ने भारत पर शासन किया. इस छह मंजिला इमारत में ब्रिटिशकाल के प्राचीन लेख और फोटोज आज भी संरक्षित किए गए हैं और इसके चारों ओर घास के मैदान इसे और भी सुंदर बनाते हैं.
आज़ादी के बाद कई दशकों तक यह लॉज भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए गर्मियों के आवास के रूप में इस्तेमाल हुआ. पर्यटक यहां ब्रिटिश समय की तस्वीरें देख सकते हैं. यहां के पुराने बॉलरूम और डाइनिंग रूम को एक पुस्तकालय में बदल दिया गया है. पर्यटकों को इस लॉज के कुछ ही हिस्से में घूमने की इजाज़त है और इमारत का बाकी हिस्सा इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के तौर पर काम करता है.
शिमला में ऑबजरवेटरी हिल पर वाइसरीगल लॉज स्थित है. इस भव्य इमारत का निर्माण कार्य सन् 1888 में पूरा हुआ था और यह ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड डफरिन का निवास स्थान हुआ करता था. ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी इरविन ने इस लॉज को डिजाइन किया था और यह लॉज जैकोबेथन वास्तुकला शैली में बना हुआ है.
सन् 1960 में इस इमारत के कुछ हिस्से को इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांसड स्टडीज के हवाले कर दिया गया था. साल 1991 मे इसे पहली बार आम पर्यटकों के लिए खोला गया था जिसके बाद से यहां लगातार हर साल सैलानियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
वाइससरीगल लॉज का निर्माण शिमला की दूसरी ऊंची चोटी “ऑबजरवेटरी हिल” (Observatory Hill) पर कराया गया था. इस लॉज के निर्माण के लिए ऑबजरवेटरी हिल की जमीन को पहले चपटी और समतल बनाया गया और पहाड़ों पर ईंटें लाने के लिए खच्चरों का इस्तेमाल किया गया था.
यहां फोटोग्राफी करना मना है
अपने पहचान पत्र अपने साथ रखें
प्रवेश का समय सुबह 9:30 बजे से शाम के 6:30 बजे तक है
भारतीय पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रुपए व विदेशी पर्यटकों का 50 रुपए है
वायस रीगल लॉज ऐतिहासिक ‘शिमला सम्मेलन’ का गवाह रहा है जिसके कारण भारत का विभाजन हुआ. असल में जिस मेज पर विभाजन के कागजात तैयार किए गए थे, वह आज भी इस भवन में मौजूद है. उस समय के लगभग सभी बड़े नेता जैसे जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आज़ाद, लियाक़त अली खान, मास्टर तारा सिंह और मोहम्मद अली जिन्नाह इस सम्मेलन में मौजूद थे, जिसकी तस्वीरें आज आप वहां की दीवारों पर देख सकते हैं.
स्वतंत्रता के बाद इस भवन को यह नया नाम ‘राष्ट्रपति निवास’ मिला और एक नए निवासी यानी भारत के राष्ट्रपति यहां पर रहने आ गए. वर्तमान रूप से भारत के राष्ट्रपति का शिमला में एक और ग्रीष्मकालीन आवास है जिसे ‘द रिट्रीट’ कहा जाता है.
क्या आपको पता है कि हैदराबाद में भारत के राष्ट्रपति का एक और शिशिर-कालीन निवास है जिसे राष्ट्रपति नीलायम कहा जाता है.
यहां पर तस्वीर प्रदर्शन के तीन कक्ष हैं, जहां पर शाही शिमला, शिमला में स्वतंत्रता के पूर्व की एक्टिवीटी और शिक्षा संस्थान की अनेक फोटोज यहां लगी है. यहां के गाइड टूरिस्ट को इन तीनों कक्षों की यात्रा कराते हैं. यहां पर आप शिमला की पुरानी तस्वीरें देख सकते हैं.
राष्ट्रपति निवास के उस कक्ष में जो पहले बॉलरूम हुआ करता था उसमें अब शिक्षा संस्थान का एक बड़ी सी लाइब्रेरी है, जिसमें 1.5 लाख किताबें हैं जो पूरे लाइब्रेरी में दो स्तरों पर प्रदर्शित की गई हैं.
वहां के गार्डन में गोवा के कलाकार सुभोध केरकर द्वारा बनाई गई एक मूर्ति देखी जा सकती है जो सिंधु घाटी सभ्यता की नर्तकी की थी. यह मूर्ति रेलवे लाइन पर रखी गई है जो यह याद दिलाता है कि उसकी खोज एक रेलवे अभियंता ने की थी.
यहां पर एक कैफे-कम-बुकशॉप है जिसे फायर स्टेशन कैफे कहा जाता है. यह एक पुराना फायर ब्रिगेड केंद्र है जिसे कैफे में बदला गया है. यहां पर आप कॉफी का मजा लेते हुए इन्सिट्यूट के प्रकाशनों को देख सकते हैं और अपने लिए स्मृति-चिह्न भी ले सकते हैं. गाइडेड टूर की टिकट भी यहां पर बेची जाती हैं.
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