Varanasi Travel Blog : बनारस की खूबसूरती के आगे दुनिया का हर नजारा फेल
Varanasi Travel Blog : कभी जब दिल घबराए, मन कुछ पल के लिए सुकून ढूंढना चाहे, या खुद को तराशने का जी चाहे तो एक बार जनाब बनारस जरूर घूम आएं। क्योंकि यहां बने घाट और शाम की गंगा आरती का नजारा आपको वो सुकून दिलाएगा जो आपको कहीं और नहीं मिलेगा। भीनी-भीनी महक, चंदन की खुश्बू, गंगा की नदी से निकलता हुए सुर्य भगवान का दर्शन और गंगा की लहरों से टकराता हुआ पत्थर अपने आप में ही मानों कुछ कहता हो। जी हां, भोले बाबा की नगरी बनारस में मंदिर-मस्जिद, गंगा, घाट, पान और साड़ी के रंगों की बात ही कुछ और है जिसका मजा बताने पर नहीं बल्कि वहां जाकर खुद घुमने पर ही आएगा। लेकिन फिर भी हम आपको काशी यानी की बनारस के बारे में सब कुछ बताएंगे । तो चलिए शुरू करते हैं बनारस की ट्रिप-
काशी विश्वनाथ || Kashi Vishwanath
सबसे पहले आपको ले चलते हैं भोले बाबा के दर्शन के लिए मतलब की काशी विश्वनाथ। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक है। कहा जाता है कि यहां महादेव साक्षात वास करते हैं। बता दें कि यहां बाबा विश्वनाथ के दो मंदिर बेहद खास है। पहला विश्वनाथ मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां स्थान रखता है, वहीं दूसरा जिसे नया विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर काशी विश्वविद्यालय के प्रांगण में बना है।
अब चलते है बनारस की शान यानी की बनारस के घाट पर। जहां की सीढ़ियों पर घंटों बैठकर आप गंगा की खूबसूरती को निहारते ही रह जाएंगे। घाट पर आपको भांग की मस्ती में डूबे कुछ साधु-सन्यासी भी मिलेंगे।
बनारस में कितने घाट
-दशाश्वमेध घाट
-अस्सी घाट
-मर्णिकणिका घाट
-हरिश्चन्द्र घाट
-केदार घाट
-अहिल्याबाई घाट
-आदिकेशव घाट
-गाय घाट
-मानसरोवर घाट
-सरवेसवरा घाट
– गोला घाट
-यहां चौरासी से ज़्यादा घाट हैं
ये घाट हैं ज्यादा फेमस || These ghats are more famous
दशाश्वमेध घाट– ये घाट सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक है। ये वाराणसी के सबसे ओजस्वी घाटों में से एक है।
प्रयाग घाट -प्रयाग घाट वाराणसी के महत्वपूर्ण घाटों में से एक है। दशाश्वमेध घाट के ठीक बाईं तरफ स्थित इस घाट का निर्माण सन 1778 में बालाजी बाजीराव ने करवाया था।
अस्सी घाट– इस घाट पर श्रद्धालु शिवलिंग के रुप में भगवान शिव की पूजा करते हैं। लेकिन इस पूजा से पहले इसी घाट पर स्नान करते हैं। आपको बता दें कि यह वहीं अस्सी घाट है जहां मशहूर भारतीय कवि तुलसी दास जी ने रामचरितमानस जैसे ग्रंथ की रचना की थी।
मणिकर्णिंका घाट– इस घाट पर अंतिम संस्कार किया जाता है।
कब शुरू होती है गंगा आरती
गंगा आरती शाम 6.45 पर शुरू होती है और 45 मिनट तक चलती है।
इन घाटों पर भी होती है आरती
दशाश्वमेध घाट के अलावा वाराणसी के सामने घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदारघाट, अहलियाबाई घाट, ललिता घाट, रविदास घाट पर नित्य शाम गंगा आरती होती है।
बनारस में ये भी है खास-
-सारनाथ
-कुश्ती अखाड़ा
-चुनार का किला
-रामनगर
जल्दी से जानिए इन चारों जगहों के बारे में-
1.सारनाथ
यह बौद्ध धर्म का एक पवित्र स्थान है जोकि बनारस से 10 किमी की दूरी पर है। यहां पर लोग काफी दूर-दूर सेस घुमने के लिए आते हैं।
2.कुश्ती अखाड़ा
अगर जा रहे हैं बनारस तो कुश्ती अखाड़ा भी जरूर जाएए। यहां आप कई युवाओं को कुश्ती करते हुए पाएंगे।
3.चुनार का किला
चुनार का किला बनारस से 37 किमी की दूरी पर बना है। किला के दोनों तरफ गंगा नदी बहती है।
4.रामनगर
रामगनर के किले को आपने कई फिल्मों में देखा होगा। यहां का नजारा आप अस्सी घाट पर खड़े होकर आसानी से देख सकते हैं।
क्या खाएं
अगर आप भी खाने-पीने के शौक रखते हैं तो बनारस आपके लिए काफी अच्छी जगह है। क्योंकि यहां आपको फुटपाथ की दुकानों से लेकर बड़े-बड़े होटलों में काफी स्वादिष्ठ खाना खाने को मिलेगा।
खाने के लिए ये गलियां है मशहूर
-बनारसी पान
-पप्पू की चाय
-मलइयों
-चाची की कचौड़ी
-रामनगर की लस्सी
कैसे पहुंचे बनारस || How to reach Banaras
बनारस से बड़े शहर जैसे की नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और जयपुर आदि से वायु, सड़क और रेल यातायात जुड़ा हुआ है। ये
यहां जाने के लिए आपको आसानी से ट्रेनें और बस मिल जाएगी। साथ ही बनारस पहुंच कर आप ऑटो बुक करा कर वहां की सैर कर सकते हैं।