Samadhi Sthal of Great Indian Leaders: भारत में कई महान शख्सियतों ने जन्म लिया है. कई शख्सियतों की जीवनी से हम प्रेरणा भी लेते रहते हैं. कई के जीवन पर फिल्में भी बनाई गई हैं. इस लेख में हम आपके लिए कुछ ऐसी शख्सियतों की समाधियों की जानकारी लेकर आए हैं, जहां जाकर आप जीवन को नई प्रेरणा दे सकते हैं. आइए जानते हैं भारत में कुछ चुनिंदा समाधियों के बारे में जो यहां की महान विभूतियों के निधन के बाद उनकी स्मृति में बनाई गई हैं
विजय घाट भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मारक है. विजय का अर्थ जीत है और उनके स्मारक का नाम उस जीत के नाम पर रखा गया था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 के युद्ध में भारत का नेतृत्व किया था. स्मारक उस स्थान को चिह्नित करता है जहां शास्त्री का अंतिम संस्कार किया गया था और हर साल उनकी जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ पर प्रार्थना सेवाएं आयोजित की जाती हैं. इस महान नेता को अपना सम्मान देने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्राध्यक्ष और अतिथि गणमान्य व्यक्ति विजय घाट जाते हैं.
11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की तत्कालीन सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह पाकिस्तान के साथ संधि करने वहां गए थे.
किसान घाट प्रसिद्ध किसान नेता चौधरी चरण सिंह का स्मारक है. यह यमुना नदी के किनारे और महात्मा गांधी रोड के बीच राज घाट के ठीक बगल में स्थित है. इसे मुख्य रिंग रोड के रूप में भी जाना जाता है.
चौधरी चरण सिंह ने भारतीय राजनीति में कांग्रेस के एकाधिकार को चुनौती दी. उनकी लड़ाई उत्तर भारत के किसानों के लाभ पर केंद्रित थी. इससे उन्हें एक मजबूत समर्थन आधार मिला, जिसने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनने में मदद की.
धीरे-धीरे उनके प्रयास रंग लाए और वे आपातकाल के दौरान और उसके बाद प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार भी बन गए. चौधरी चरण सिंह पहले उप प्रधान मंत्री बने और फिर 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने.
हालांकि वे प्रधान मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने में असमर्थ थे, लेकिन 1987 में उनके निधन तक वे राजनीति में एक उल्लेखनीय नेता के रूप में चमकते रहे.
यह विडम्बना ही है, जैसा कि अधिकांश इतिहासकार कहते हैं कि कांग्रेसी नेताओं की नीतियों का विरोध करने वाले चौधरी चरण सिंह का स्मारक उन्हीं नेताओं के स्मारक के बगल में स्थित है जिनका उन्होंने विरोध किया था.
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे. उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई. 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. वीरभूमि राजीव गांधी की समाधि स्थित है. यह दिल्ली के रिंग मार्ग पर आने वाला एक बस स्टॉप भी है.
डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे. भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 14 मई 1962 तक का रहा. साल 1962 उन्हें ‘भारतरत्न’ की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित भी किया गया था. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का 28 फरवरी 1963 को निधन हो गया था. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की समाधि पटना के बांसघाट के ‘महाप्रयाण घाट’ पर स्थत हैं.
गुलजारीलाल नन्दा भारतीय राजनीतिज्ञ थे. उनका जन्म 4 जुलाई, 1898 को सियालकोट पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था. कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित गुलज़ारी लाल नंदाजी दो बार भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाये गए पहली बार पं जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में और एक बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद 1966 में. उनका निधन 15 जनवरी 1998 को हुआ था.
शांतिवन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल के लिए जाना जाता है. यमुना नदी के किनारे महात्मा गांधी मार्ग पर 52.6 एकड़ के बड़े क्षेत्रों में फैला यह शांतिवन हरे-भरे घास के मैदानों के लिए भी जाना जाता है.
शक्ति स्थल भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का समाधि स्थल है. यह स्थान भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है. इंदिरा गांधी भारत की लगातार 3 बार प्रधानमंत्री रहीं एवं चौथी बार के कार्यकाल में उनकी हत्या कर दी गयी थी.
यह स्थान भारत के छटवें प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) की समाधि स्थल है यह स्थान अहमदाबाद (गुजरात -Gujarat ) में स्थित है. मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री थे. भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था.
यह स्थान भारत के उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की समाधि स्थल है यह स्थान भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है.
यह स्थान भारत के संविधान के निर्माता एवं भारत रत्न डॉ बी. आर. अम्बेडकर की समाधि स्थल है. यह स्थान दादर (मुंबई) में स्थित है डॉ बी. आर. अम्बेडकर को बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता था.
देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह 25 जुलाई, 1982 को पद की शपथ ली. उनके कार्यकाल में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या प्रमुख घटनाएं हैं. एकता स्थल भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है और इसका अपना राष्ट्रीय महत्व भी है. एकता स्थल दरिया गंज, नई दिल्ली में स्थित है.
के. आर. नारायणन भारत के पहले दलित एवं मलयाली दसवें राष्ट्रपति और 9 वें उपराष्ट्रपति थे. उनका जन्म 27 अक्टूबर 1920 में केरल के एक छोटे से गांव में हुआ था. 9 नवम्बर, 2005 को आर्मी रिसर्च एण्ड रैफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में उनका निधन हो गया.
डॉ. शंकरदयाल शर्मा भारत के 9 वें राष्ट्रपति थे. उनका कार्यकाल 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक रहा. राष्ट्रपति बनने से पूर्व ये भारत के आठवें उपराष्ट्रपति भी थे, ये भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री (1952-1956) रहे। 9 अक्टूबर, 1999 को, उन्हें दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. कर्म भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे, वह पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक भारत के प्रधान मंत्री थे, और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त, 2018 को निधन हो गया. राष्ट्रीय स्मृति स्थल (नई दिल्ली) पर वाजपेयी जी का अंतिम संस्कार हुआ.
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