Travel History

Kairana Blog : कर्ण नगरी, किराना और अब कैराना… जानिए इस कस्बे की कहानी

Kairana Blog : ककैराना (Kairana) उत्तर भारत का एक कस्बा है. यूं तो ये भी देश के किसी आम कस्बे जैसा ही है लेकिन बीते कुछ सालों में ये कस्बा खासा चर्चित रहा है. ट्रैवल जुनून का मकसद किसी भी राजनीतिक टिप्पणी में खुद को शामिल करना नहीं है लेकिन चूंकि कैराना आम भारतीयों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है इसलिए हम इस कस्बे की बात करना जरूरी समझते हैं. मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर जैसे पश्चिमी यूपी के अहम जिलों से घिरा कैराना मुजफ्फरनगर से करीब 50 किमी पश्चिम में हरियाणा सीमा सेसटा हुआ है. इस कस्बे की आबादी करीब 90,000 है. कैराना कस्बा प्राचीन काल में कर्णपुरी के नाम से जाना जाता था जो बाद में किराना बना और धीरे धीरे कैराना में बदल गया.

महाभारत काल से है रिश्ता || There is a relationship with the Mahabharata period.

कैराना का सीधा रिश्ता महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. इसके पूर्व में मेरठ में पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर है तो उत्तर-पूर्व में कुरुक्षेत्र भी यहां से नजदीक ही है. वो लाक्षागृह जिसमें पांडवों को जलाकर मारने की साजिश थी, वो भी यहां से नजदीक ही बागपत जिले में है. महाभारत के हर अध्याय की पृष्ठभूमि पश्चिमी यूपी के अलग अलग हिस्सों में दिखाई देती है. कैराना भी इस बहुमूल्य इतिहास का नायाब अंश है.

कर्ण से क्या है रिश्ता || What is your relationship with Karna?

इतिहासकार बताते हैं कि द्वापरयुग में कर्ण ने कैराना पर राज किया था. ऐसा कहा जाता है कि कर्ण का जन्म इसी जगह पर हुआ था. इस कस्बे का शुरुआती नाम अंगराज बताया जाता है. अपने मित्र दुर्योधन को कर्ण ने ये इलाका भेंट स्वरूप दिया था. दुर्योधन-कर्ण की दोस्ती के उदाहरण आज भी दिए जाते हैं.

जहांगीर ने भी किया उल्लेख || Jahangir also mentioned

ऐसे प्रमाण मिले हैं कि 16वीं सदी में भारत पर हुकूमत चला रही मुगल सल्तनत में भी कैराना का नाम शान और गौरव से लिया जाता था. मुगल शहंशाह जहांगीर के बचपन का काफी हिस्सा दोस्तों संग यहीं बीता था. शहंशाह जहांगीर ने अपनी आत्मकथा में कैराना का उल्लेख भी किया है. जहांगीर की आत्मकथा का नाम तुजुक-ए-जहांगीरी है.

कैराना का किराना घराना || Kairana’s grocery store

कैराना भारत में ऐतिहासिक दृष्टि से काफी अहमियत रखता है. कम लोग ही जानते हैं कि सांस्कृतिक रूप से भी इस माटी में कई चीजें समाहित हैं. कैराना की हवा में जहां एक और संगीत की मधुर लहरें गुंजायमान होती हैं तो दूसरी ओर यहां की धरा में नृत्य कला की भी छाप है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह इलाका भारतीय शास्त्रीय संगीत के नामी किराना घराने के लिए भी जाना जाता था। इस घराने की स्थापना महान शास्त्रीय संगीत गायक अब्दुल करीम खां ने की थी.

मन्ना डे से भीमसेन जोशी तक || From Manna Dey to Bhimsen Joshi

नदियां चले चले रे धारा जैसे गीतों को अपनी जुबां देकर अमर कर देने वाले महान गायक मन्ना डे कैराना की मिट्टी का दिल से सम्मान करते थे. मन्ना डे एक बार कैराना आए थे. यहां की धरती पर पैर रखने से पहले मन्ना डे ने अपने जूतों को उतार लिया था. ऐसा करने को लेकर उनसे जब सवाल किया गया तो मन्ना डे ने कहा कि यह धरती महान संगीतकारों की हैं और वो यहां पर जूते पहनकर कतई नहीं चल सकते  हैं. कम ही लोग जानते हैं कि भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी का ताल्लुक भी कैराना घराने से है..

बारादरी नवाब तालाब || Baradari Nawab Pond

नवाब मुकर्रम अली खान मुगल शहंशाह जहांगीर के खास दोस्तों में से थे. मुकर्रम की परवरिश भी जहांगीर की तरह ही हुई थी. बाद में इनके लिए कैराना में महल भी बनवाया गया था. इस महल के अंश आज भी मौजूद हैं. यहां एक तालाब भी है जिससका नाम बारादरी तलाब है.

मुगल काल में बदल गया जनसंख्या समीकरण || Population equation changed during Mughal period

मुगल काल में देश के अलग अलग हिस्सों में धर्मांतरण पर खास जोर रहा. आप देखेंगे तो पाएंगे कि यूपी के हर शहर में मुस्लिम आबादी बहुल है. बरेली, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, कानपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर और वाराणसी भी. हर जिले में शहरी आबादी में मुस्लिमों की अच्छी खासी संख्या है. इसकी सीधी वजह मुगल काल में हुआ धर्मांतरण है. कैराना भी इससे अछूता नहीं रहा. कैराना की आबादी चूंकि मूलतः गुर्जरों की हैं इसलिए आज भी यहां के मुस्लिम, मुस्लिम गुर्जर कहे जाते हैं और हिंदू, हिंदू गुर्जर. हालांकि मुगल काल ने यहां पर मुस्लिम जनसंख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.

Recent Posts

Hair Fall Tips : इस तरह माइल्ड शैम्पू से बाल धोने से रुक सकता है बालों का झड़ना, जानिए कैसे

Hair Fall Tips : बाल झड़ने की समस्या से निजात पाने के लिए लोग महंगे… Read More

21 hours ago

Buy watermelon tips : इन Tips के जरिए मीठे और रसीले तरबूज़ की करें पहचान

Buy watermelon tips :  गर्मियां आते ही तरबूज की मांग बढ़ जाती है. क्योंकि इसे… Read More

1 day ago

Journey to Pattaya : Ayutthaya और Bangkok से पटाया कैसे पहुंचें? जानें Thailand यात्रा की जानकारी

Journey to Pattaya : थाईलैंड के अयुत्थाया में 4 दिन बिताने के बाद अब वक्त… Read More

1 week ago

Why Indian like to visit Thailand? : थाईलैंड क्यों है भारतीयों की पहली पसंद?

Why Indian like to visit Thailand? : आखिर थाईलैंड क्यों है भारतीयों की पहली पसंद?… Read More

1 week ago

Phanom Rung Historical Park : Thailand में है भगवान शिव का अद्भुत मंदिर, किसी अजूबे से नहीं है कम

Phanom Rung Historical Park : आइए जानते हैं थाईलैंड में शिव और इंद्र के मंदिर… Read More

1 week ago

Chaitra Navratri 2025 : हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें इसका आध्यात्मिक महत्व

Chaitra Navratri 2025 : हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें इसका आध्यात्मिक महत्व… Read More

2 weeks ago