Black Pepper History: यात्राओं का इतिहास कई पड़ावों से होकर गुजरा है. किसी ने अकेले पहाड़, देश नाप दिए तो किसी ने यात्राओं को किताबों में संजोकर हमतक पहुंचाया. आज हम जिस यात्रा की बात कर रहे हैं, वह है एक मसाले की यात्रा, यानी काली मिर्च (Black Pepper) की यात्रा. वो काली मिर्च जो भारत, खासतौर से केरल (इतिहास में मालाबार) से होकर पहले रोम, फिर अरब और फिर यूरोप तक पहुंची. आइए आज इसी मसाले की रोचक और ऐतिहासिक यात्रा की जानकारी को आपसे साझा करते हैं.
ये भी पढ़ें- हज यात्रियों का वो जहाज जिसे क्रूर वास्को डी गामा ने उड़ा दिया था
काली मिर्च का इतिहास ( Black Pepper History ) 4 हजार साल पहले शुरू होता है. एक छोटी सी दानेदार चीज भारत से होते हुए दुनियाभर में पहुंचती है और किसी हीरे की तरह कीमती बन जाती है. भारतीय व्यंजन में इस्तेमाल होने वाली काली मिर्च का जिक्र प्राचीन तमिल साहित्य में भी मिलता है. ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में लिखी पुस्तकों में ऐसे व्यंजनों का जिक्र किया गया है जिसमें काली मिर्च ( Black Pepper ) का इस्तेमाल होता था.
इस भारतीय मसाले को इतिहास में किसी हीरे की तरह समझा जाता था. ये काली मिर्च का दाना व्यापार की बड़ी वस्तु थी. व्यापारी इस काली मिर्च से बड़ा धन कमाते थे. समुद्री लुटेरों, तूफानों और मलेरिया से बचकर अगर भारत से चला काली मिर्च से भरा कोई जहाज यूरोप पहुंच जाता था, तो उसका मालिक पूरी जिंदगी शान से जी लेता था, वो भी सिर्फ इस काली मिर्च के दम पर.
काली मिर्च का जिक्र भारतीय औषधि में कब्ज, कान का दर्द, दिल की बीमारियों का दूर करने के लिए किया गया है. रोमन शासक, Marcus Aurelius ने हर मसाले पर टैक्स लगाया था, सिवाय काली मिर्च के. Attila और Hun राजवंशों ने रोम को बर्खास्त करने के बाद काली मिर्च को फिरौती की फीस रखा था. मध्यकाल में फ्रांस में एक कहावत आम हो चली थी- ‘काली मिर्च की तरह प्यारा है’. मध्यकाल में ये मसाला कुकिंक स्टेटस सिंबल बन चुका था.
16वीं शताब्दी में डॉक वर्कर्स के लिए एक खास तरह का ड्रेस कोड भी रखा गया जिसमें जेबें नहीं होती थीं. ऐसा काली मिर्च की चोरी को रोकने के लिए किया गया था. इस मसाले को कई जगह किराया चुकाने और कई शादियों में लड़कियों के दहेज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था.
पुर्तगाली खोजकर्ता, वास्को डी गामा ने भारत तक ट्रेड रूट को खोजा और इसी ने शुरुआत की काली मिर्च पर पुर्तगाल के उस आधिपत्य की जो 18वीं सदी तक चलती रही. वहीं, दूसरी तरफ क्रिस्टोफर कोलंबस ने भी धन और काली मिर्च को हासिल करने की उम्मीद पाल रखी थी. सोने से भी कीमती बन चुकी काली मिर्च की जगह कोलंबस ने मिर्च को देखा और पाया की वह उसी के करीब है. वह मिर्च को यूरोप लेकर आया और उसे काली मिर्च बताया. काली मिर्च और मिर्च के बीच ये दुविधा लंबे समय तक बनी रही.
इसी बीच, काली मिर्च की उपज जो भारत में होती रही थी, उसने नई दुनिया में अपना रास्ता बनाया और आज वियतनाम में इसकी सबसे ज्यादा उपज हो रही है.
ये भी पढ़ें- लहसुन के फायदे ही नहीं, उसका इतिहास भी जादुई है | भारत से पहुंचा इस्लामिक देशों में…
आर्कोलॉजिकल सबूत बताते हैं कि काली मिर्च हजारों साल पहले से इस्तेमाल में आ रही है. ऐसा ज्ञात है कि इसे भारत से दुनिया भर में निर्यात किया. भारत से मिस्र में भी काली मिर्च का निर्यात हुआ है. 1303-1213 ईसा पूर्व में रामसस द ग्रेट को जब ममीफाइड किया गया तो उनकी नाक में काली मिर्च भरा गया था.
40 ईसा पूर्व में रोमन भारत से कई मसालों का व्यापार करते थे, जिसमें काली मिर्च भी शामिल थी. जुलाई में मानसून आने से पहले ही रोमन भारत के दक्षिण पश्चिमी तट से माल ले जा चुके होते थे. इसमें दालचीनी, सुगंधित तेल और काली मिर्च शामिल होता था.
410 ईसा पूर्व में जब रोम पर हमला हुआ तो शहर को बचाने के लिए रोमवासियों ने सोना, चांदी, सिल्क के अलावा 3 हजार पाउंड काली मिर्च भी दी थी. हालांकि जल्द ही समझौते की उम्मीद खत्म हो गई और सीज कायम कर दिया गया.
रोम साम्राज्य के पतन के बाद, दूसरे लोगों ने स्पाइस ट्रेड पर आधिपत्य कायम किया. इस्लाम के संगठित गुट ने इसपर आधिपत्य कायम किया और यही केरल में इस्लाम के आने की बड़ी वजह भी बना. मसालों के व्यापार पर अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए अरब व्यापारियों ने काली मिर्च को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाईं और इसकी असली कीमत भी पता नहीं चलने दी. उन्होंने लोगों को बताया कि ये जंगल में उगता है और इसकी सुरक्षा जंगली सांप करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इसे उगाने के लिए पेड़ों को जलाना पड़ता है और सांपों से भी जूझना पड़ता है.
काली मिर्च की मांग बढ़ी और उसका व्यापार भी बढ़ता चला गया. 10वीं शताब्दी तक, काली मिर्च यूरोप में भी काफी चर्चित हो चुका था. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इंग्लिश राजा Ethelred II (978-1016) ने लंदन में कारोबार करने की शर्त पर जर्मन मसाला व्यापारियों से 10 पाउंड काली मिर्च वसूल की थी.
ये भी पढ़ें- भारत के दक्षिणी राज्य केरल में कैसे आया था इस्लाम?
अरब व्यापारी समंदर में अब अकेले नहीं रह गए थे. मध्यकाल आते आते कई अन्य भी काली मिर्च के व्यापार से जुड़ चुके थे. 14वीं सदी तक GENOA एक प्रमुख कमर्शल सेंटर बन चुका था जिसकी प्रमुख कमोडिटी काली मिर्च ही था. 1367 से 1371 के बीच GENOA में एलेक्जेंड्रिया होकर आने वाली कुल वैल्यू का 40 फीसदी काली मिर्च से ही था.
स्पाइस मर्चेंट्स एलेक्जेंड्रिया से इसे वेनिस लेकर आए. 15वीं सदी के अंत तक ये हर साल 400 टन की मात्रा तक पहुंच गया. 1497 में, पुर्तगाली राजा ने वास्को डी गामा को भारत तक समुद्री रास्ते की तलाश करने के लिए भेजा. इस यात्रा का मकसद ईसाईयों को और मसालों को तलाशना था. 15वीं सदी के अंत तक पुर्तगालियों ने मसाला व्यापार पर राज कायम कर लिया, वह भी उच्च कीमतों के बिना. पुर्तगाल को इसके लिए काफी नुकसान भी सहना पड़ा. 30 फीसदी पुर्तगाली बेड़े तबाह हो गए लेकिन 1500 से 1600 के बीच मालाबार से पुर्तगाल निर्यात होने वाली काली मिर्च 2 मिलियन किलो सालाना पर पहुंच गई थी.
हालांकि पुर्तगाली काली मिर्च की पैदावार करने वाले इलाकों में राजनीतिक और मिलिट्री आधिपत्य बनाने से चूक गए. 16वीं सदी आते आते व्यापार पर उनकी पकड़ कम होनी शुरू हो गई. 17वीं शताब्दी में, Bantam, Ceylon, Java, Lampong और Malabar में अपनी कालोनियों के साथ डच इस क्षेत्र के अहम खिलाड़ी बन चुके थे. इससे कई साल पहले हिंदू व्यापारी इसके पेड़ को इंडियन ओशियन तक पहुंचा चुके थे. जिसमें जावा भी शामिल था जहां मार्को पोलो ने 13वीं शताब्दी में इसे ढूंढा था.
जैसे जैसे ब्रिटिशर्स ने अपनी ताकत बढ़ाई, मसाला व्यापार पर भी उनका आधिपत्य होता चला गया. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को मिलिट्री का पूरा साथ मिली और वह सुपरपावर बन गई. आज वियतनाम में सबसे ज्यादा काली मिर्च की पैदावार होती है. 2013 में वियतनाम ने 130000 से 135000 टन काली मिर्च दुनिया में निर्यात की और इससे 900000000 डॉलर की कमाई की.
अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो हमारे फेसबुक पेज को जरूर लाइक करें. इस आर्टिकल को अपने दोस्तों से जरूर शेयर करें
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More