Gomti River History : हमारे देश भारत में नदियों का इतिहास बेहद दिलचस्प है. न जाने कितनी पवित्र नदियां भारत के हर एक कोने से निकलकर दूसरे कोने तक बहती हैं और अपनी पवित्रता की अनोखी दास्तान बयां करती हैं. गंगा, यमुना, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों की कहानी तो न जाने कितने ही रहस्यों को खुद में समेटे हुए है और इन नदियों के आलावा भी न जाने कितनी नदियां हमारे देश के सभी हिस्सों में बहती हैं और लोगों को अपने जल से तृप्त करती हैं. इसी कड़ी में आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे गोमती नदी के बारे में इंनटरस्टिंग फैक्ट…
नदी का उद्गम स्थान माधवतांडा, पीलीभीत में स्थित गोमत ताल से होता है, यही कारण है कि पीलीभीत को गोमती के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है. गोमती नदी पवित्र एवं प्राचीन भारतीय नदियों में से एक है जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में प्रवाहित गोमती पीलीभीत, माधोटांडा के गोमत ताल से उद्गमित होकर लगभग 960 किमी का लंबा सफर तय करते हुए अनंतोग्त्वा वाराणसी के कैथ क्षेत्र में मार्कंडेय महादेव मंदिर के सामने गंगा नदी में जाकर मिल जाती है. नदी अपने स्रोत के लिए भूजल पर बहुत अधिक निर्भर करती है और इसके किनारे के पास अत्यधिक खुदाई या कृषि उद्देश्यों के लिए भूजल का उपयोग करने से यह नदी लगभग सूख रही है.
अवध की खूबसूरती को खुद में समेटे हुए गोमती बनाम आदि गंगा आज अपनी उपनदियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के तकरीबन 15 शहरों के लिए महत्त्वपूर्ण बनी हुई है. यह नदी लगभग 15 शहरों में अपना जल प्रवाहित करती है और लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है. वर्षों से गोमती नदी तकरीबन 7500 वर्ग मीटर क्षेत्र के निवासियों की पेयजल संबंधी आवश्यकताओं की आपूर्ति और कृषि में योगदान देकर अपनी अहम भूमिका निभा रही है. इसके जल के इस्तेमाल से धीरे-धीरे इस नदी का जल कई जगहों पर लगभग सूख सा गया है जो इस नदी के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.
इस नदी का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि वनवास से लौटते समय प्रभु श्रीराम ने अयोध्या में प्रवेश से पहले सई नदी को पार कर गोमती में स्नान किया था. गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में भी इस बात का उल्लेख किया है कि सई उतर गोमती नहाए, चौथे दिवस अवधपुर आए. रामायणकाल से जुड़े होने की वजह से गोमती नदी का इतिहास और ज्यादा दिलचस्प हो जाता है और इसे अवध की पवित्र नदियों में से एक बनाता है.
गोमती सरयू नदी की एक सहायक नदी है. यह नदी भारत के उत्तराखंड के बैजनाथ शहर के उत्तर-पश्चिम में भटकोट के ऊंचे इलाकों से निकलती है. यह बागेश्वर में सरयू से मिलती है, जो फिर पंचेश्वर की ओर बढ़ती है जहां यह काली नदी में मिलती है. गोमती घाटी, जिसे बैजनाथ के कत्यूरी राजाओं के बाद कत्यूर घाटी के नाम से भी जाना जाता है, कुमाऊं का एक प्रमुख कृषि क्षेत्र है. इस घाटी में स्थित प्रमुख शहरों में गरूर और बैजनाथ शामिल हैं.
देश की सबसे घनी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भारत के सबसे ज्यादा मशहूर शहरों में से एक है. नवाबों की आन बान और शान के लिए जाना जाने वाला शहर लखनऊ जहां एक ओर अपनी शान के लिए जाना जाता है. वहीं इस शहर की पहचान इसमें बहने वाली गोमती नदी भी है.
लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा की भूलभलैया हो या फिर छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, छतर मंजिल, रेजीडेंसी, बारादरी, दिलकुशा, शाहनजफ इमामबाड़ा जैसी कई अन्य ऐतिहासिक जगहें हों इस नदी के किनारे ही बेस हैं और हर पल इस नदी के किनारे अपने आस-पास पर्यटकों को आकर्षित करते नजर आते हैं. तो ये तो थी गोमती नदी की दिलचस्प कहानी और वास्तव में यह नदी लखनऊ शहर की शान मानी जाती है जो इसे शहर का एक मुख्य हिस्सा बनाती है.
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