Travel History

कहां है वो कुआं, जिसके नाम पर पड़ा Dhaula Kuan का नाम?

नई दिल्ली का धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) भारत की राजधानी में एक बेहद चर्चा में रहने वाला इलाका है. पास ही स्थित साउथ कैंपस, जहां दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज, आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, जीसस एंड मैरी कॉलेज आदि हैं. वहीं, दिल्ली का आर्मी कैंट भी इससे बहुत दूर नहीं है.

सड़क मार्ग के लिए तो ये जगह एक तरह से जंक्शन हैं. देश की राजधानी का बेहद खास ये इलाका खुद में खास इतिहास भी संजोए बैठा है. क्या आप जानना चाहेंगे कि वो कौन सा कुआं हैं जिसके नाम पर धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) को उसका नाम मिला? ये आर्टिकल इसी से जुड़ा हुआ है.

धौला कुआं, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित एक चौराहे, तथा उसी से लगे एक रिहायशी क्षेत्र का नाम है. धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) का नाम जिस कुएं के नाम पर पड़ा वो कुआँ आज भी है. इस कुएं को मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन से भी जोड़ा गया है. यहाँ पर एक बस अड्डा भी स्थित है. जहां से हरियाणा तथा राजस्थान के कुछ नगरों के लिए बस सेवा का संचालन होता है.

धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) जितना पुराना और गहरा है उतनी ही पुरानी और गहरी है इसकी कहानी. धौला का सही अर्थ होता है सफेद, क्योंकि इस कुएं से सफेद पानी निकलता था, तब से इस कुएं का नाम धौला कुआं पड़ा.

दिल्ली में धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) पेट्रोल पंप और मौजूदा मेट्रो स्टेशन के बीच से एक रास्ता जो डीडीए के झील पार्क की ओर जाता है. आप जैसे ही डीडीए पार्क में एंट्री करते हैं, बाएं हाथ की ओर पत्थरों से बना हुआ एक कुआं नजर आएगा. इस कुएं पर आज भी पुरानी दीवारें हैं जिन पर से कभी रस्सी के सहारे सफेद पानी निकाला जाता था. तब से ही ये धौला कुआं के नाम से जाना जाने लगा.

Delhi Metro New Rules – ऑफिस समय पर पहुंचना है तो जान लें मेट्रो के ये नए नियम

धौला कुआं पर डीडीए ( Delhi Development Authority ) ने सुरक्षा के लिहाज से लोहे का एक जाल डाल दिया है, जिससे किसी भी तरह की बुरी घटना से बचा जा सके. धौला कुआं  पत्थरों को एक-दूसरे से जोड़कर बनाया गया है. धौला कुआं बहुत गहरा है इसलिए इसकी गहराई का अनुमान लगा पाना मुश्किल है.

ऐसा बताया जाता है कि इस कुएं में अपने आप ही प्राकृतिक तरीके से पानी आता है. धौला कुआं ( Dhaula Kuan ) के आसपास कई तरह का निर्माण कार्य होने की वजह से अब इस कुएं का पानी पूरी तरह से सूख गया है. अभी भी कुएं की तली में कुछ इस तरह के पत्थर पड़े हैं जिनसे धौला कुएं का पानी सफेद हो जाता था.

धौला कुआं 1857 स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है. पुराने बुजुर्ग बताया करते हैं कि यह कुआं पहले स्वतंत्रता संग्राम का भी गवाह बना था. धौला कुएं ( Dhaula Kuan ) पर ही देश को आजाद कराने के लिए वीर सेनानियों ने शपथ ली थी.

ऐसा कहा जाता है कि हरियाणा, यूपी और दिल्ली से आए हजारों सेनानियों ने धौला कुएं में नमक की बोरियां डाल दी थीं और कुएं के चारों ओर खड़े होकर ये शपथ ली थी कि हम मर जाएंगे, लेकिन कभी भी अंग्रेजों के सामने झुकेंगे नहीं.

360 गांवों की पंचायत की ओर से उस समय अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को भी ये संदेश भेजा गया था कि वे फिर से उन्हें देश का सुल्तान बनाएंगे. आज भी गांवों में लोटे में नमक डालने की परंपरा चलती चली आ रही है.

Goa State Museum – गोवा की संस्कृति और इतिहास को समझने की Perfect जगह

ऐसा बताया जाता है कि मुगल बादशाह जब पालम या राजस्थान और हरियाणा की ओर जाते थे, तो कुछ समय धौला कुएं के पास ही आराम करते थे. जबकि यह स्पष्ट रूप से कहीं नहीं दिया गया है कि आखिर यह कुआं कितना पुराना है. लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है कि यह धौला कुआं करीब 300 साल से भी ज्यादा पुराना है.

धौला कुआँ कई अलग-अलग कामों के लिए उपयोग में लाया जाता था. धौला कुएं के अंदर पत्थर कुछ इस तरह से लगाए गए हैं कि इसका पानी रिस न सके. इस कुएं का पानी खेती के काम भी आता था.

उत्तराखंड की तकदीर बदलने वाली All Weather Road, जानें देश को और आपको क्या फायदा होगा इससे

कुछ लोग ये भी बताते हैं कि धौला कुआं के आसपास के कुछ इलाकों में चने और गेहूं की खेती की जाती थी. यहां पर बैलों को चलाकर चमड़े की बाल्टियों से कुएं का पानी भी निकाला जाता था, जिससे खेतों की सिंचाई की जाती थी.

अब इस जगह पर डीडीए का झीलपार्क स्थित है. डीडीए के कर्मचारी बताते हैं कि करीब 3-4 साल पहले तक कुएं में मोटर लगाकर पानी निकाला जाता था. जिससे पानी तेज धार से निकाला जाता था. कुएं के पानी का इस्तेमाल पार्क में किया जाता था. जो कि पिछले 35 सालों से यहां तैनात हैं. लेकिन कुछ साल पहले धौला कुआं सूख गया है.

 

Recent Posts

Anantnag Travel Blog : अनंतनाग में घूमने की ये 19 जगहें हैं बहुत फेमस

Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More

1 hour ago

Chhath Puja 2024 Day 3 : जानें, सूर्यास्त का समय, पूजा अनुष्ठान, महत्व और अधिक

Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More

6 hours ago

High Uric Acid Control : हाई यूरिक एसिड से हैं परेशान, सुबह खाली पेट खाएं ये सफ़ेद चीज़

High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More

24 hours ago

Kharna puja 2024 : इस चीज के बिना अधूरी है खरना पूजा, जानिए 36 घंटे के निर्जला व्रत की विधि

 Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More

1 day ago

Chhath Puja 2024 : 36 घंटे के व्रत के दौरान इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें

Chhath Puja 2024 :  महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More

1 day ago

Dev Diwali 2024 : जानें, कब है देव दिवाली, समय, महत्व और अनुष्ठान

Dev Diwali 2024:  देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More

2 days ago