Travel Junoon आपको इस लेख के ज़रिए भूली भटियारी के महल ( Bhuli Bhatiyari Ka Mahal ) की पूरी जानकारी देने जा रहा है. दिल्ली के इतिहास की एक ऐसी तस्वीर है जो आज भी दिल्ली के शोरगुल से दूर है. शहर में जब भी किलों की बात होती है तो सबसे पहले जुबां पर लाल किले का ही नाम आता है. इसके बाद, ज़फर महल, फिरोज़शाह कोटला का किला, तुगलकाबाद का किला की तस्वीर भी उभरती है लेकिन भूली भटियारी महल ( Bhuli Bhatiyari Ka Mahal ) का नाम अब भी लोग कम जानते हैं. दिल्ली सल्तनत के काल में बनी ये शिकारगाह आज खामोश है, वीरान है. अगर आप भूली भटियारी के महल ( Bhuli Bhatiyari Ka Mahal ) के बारे में ट्रैवल ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको ब्लॉग से इतर, इस किले की जानकारी देंगे. आप भूली भटियारी के महल ( Bhuli Bhatiyari Ka Mahal ) कैसे जा सकते हैं, वह आसपास और क्या क्या जगहें हैं, और साथ ही, इसका इतिहास क्या है. आइए शुरुआत करते हैं –
भूली भटियारी का महल भारत की राजधानी दिल्ली में सात सौ साल पुरानी इस्लामिक विरासत और दिल्ली सल्तनत का एक नमूना है. कुछ लोग इसे प्रेतबाधित या भुतहा किला भी कहते हैं. भूली भटियारी का महल बनाने के लिए अरावली के लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. ये शाही लोगों की शिकारगाह के रूप में बनाई गई थी.
भूली भटियारी का महल दिल्ली के सेंट्रल रिज फॉरेस्ट एरिया में बनाया गया था. इस किले में दो प्रवेश द्वार हैं. पहले प्रवेश द्वार के लिए ऊंची सीढ़िया हैं. दरवाज़े पर आपको दिल्ली सल्तनत काल की नक्काशी आज भी दिख जाती हैं. प्रवेश द्वार के दोनों ओर बैठने के लिए आसन भी बनाए गए थे. इस पहले प्रवेश द्वार से अंदर जाने पर एक बहुत छोटा सा अहाता आता है और उसके बाद इस महल में प्रवेश करने का द्वार आता है. इसमें प्रवेश करके आप एक बड़े आंगन में दाखिल होते हैं. इस आंगन में किनारों पर कमरे बने हैं. इन कमरों का इस्तेमाल यहां ठहरने वाले लोग करते थे.
इस महल के उत्तर की ओर सीढ़ियां हैं. ये सीढ़ियां आपको एक चबूतरे की ओर ले जाती हैं. आज भी इसे देखकर ऐसा आभास होता है कि सुल्तान यहां बैठकर किले में होने वाले उत्सव का आनंद लेता होगा. किले के चारों ओर 8 से 10 फ़ीट ऊंचे बुर्ज हैं.
आप अगर भूली भटियारी महल आते हैं तो आपको झंडेवालान मेट्रो स्टेशन आना होगा. अपने वाहन से भी आपको इसी को सबसे नजदीकी स्पॉट मानकर चलना होगा. झंडेवालान पर आपको हनुमान जी की विशाल प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिलता है. आप इस मंदिर में जा सकते हैं. साथ ही, नजदीक झंडेवालान मंदिर में दर्शन कर सकते हैं.
हनुमान जी की मूर्ति से बाएं होने पर एक पतला सा रास्ता है जो आपको भूली भटियारी महल लेकर जाता है. घने जंगल में आप इस रास्ते के ज़रिए जैसे ही दाखिल होते हैं, दाहिनी ओर एक दरगाह मिलती है. आप इस दरगाह पर भी कुछ पल बिता सकते हैं. ये बग्गा लिंक के पीछे वाला हिस्सा है.
भूली भटियारी महल क्योंकि घने जंगल में है इसलिए आप यहां वृक्षों के बीच शांति से कुछ पल बिता सकते हैं. यहां आवाजाही बेहद कम है. ध्यान रहे, दिल्ली में ऐसी शांति कम ही जगह नसीब होती है. हां, हमारा सुझाव ये है कि आप यहां अकेले आने से बचें. इसकी वजह ये है कि यहां अक्सर ही आसामाजिक तत्व अकेला पाकर आपराधिक वारदात को अंजाम दे देते हैं.
यहां पुलिस का पहरा है, जिस जिप्सी की बीट है, वह यहां गश्त भी करती है लेकिन हमेशा नहीं.
तुगलकाबाद किले में पानी की कमी होने पर फ़िरोजशाह तुगलक ने कोटला फिरोजशाह में अपनी नई राजधानी बनाई थी. जानकार इसे दिल्ली में बना पांचवा शहर मानते हैं. फिरोजशाह कोटला बनाने वाले बादशाह फिरोजशाह तुगलक ने देश में फिरोजाबाद, फतेहाबाद, जौनपुर, हिसार सहित कई शहरों को बसाया था. फिरोज शाह तुगलक को इतिहास, शिकार, सिंचाई और वास्तुकला में दिलचस्पी थी. फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली में कई शिकारगाह बनावाई थीं. इनमें भूली भटियारी का महल के अलावा बाड़ा हिंदुराव अस्पताल के पास ‘पीर गायब’, चाण्यक पुरी में स्थित ‘मालचा महल’, तीन मूर्ति भवन में स्थित ‘कुश्क महल’ और महिपाल पुर में एक शिकारगाह है.
आप इंटरनेट पर जैसे ही भूली भटियारी का महल लिखेंगे या इससे जुड़ी कोई भी जानकारी तलाशेंगे, आपको सामने इसके हॉन्टेड होने को लेकर कई तरह के आर्टिकल आ जाते हैं. कई जगह कहा गया है कि यहां एक रानी की आत्मा भटकती है. कई जगह ये लिखा गया है कि एक ग्रुप जब तस्वीर क्लिक करवाने जंगल में गया तो उसने एक सफेद दीवार के आगे तस्वीर क्लिक की लेकिन जब ग्रुप ने फोटो देखी तो दीवार गायब थी.
इसके साथ ही, भूली भटियारी महल के बारे में कई जगह लिखा गया है कि यहां कोई गार्ड टिक ही नहीं पाता है, अगर कोई गार्ड यहां रहा तो उसके साथ अहित हो जाता है. हालांकि, मैं आपको सच्चाई बता दूं कि हमारी टीम के एक सदस्य ने यहां अकेले यात्रा की. मुकेश नाम के इस सदस्य को यहां गार्ड भी मिला और वह तीन साल से यहां सेवा दे रहा था. उसकी एजेंसी को एएसआई ने यहां के देख-रेख का कॉन्ट्रैक्ट दिया हुआ है.
नवाबुद्दीन नाम के इन सिक्योरिटी गार्ड ने भुतहा होने जैसी सभी अफवाह को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो मैं यहां क्यों होता. मैं तो तीन साल से यहीं हूं. हां, उन्होंने ये ज़रूर माना कि असामाजिक तत्वों से बचने की ज़रूरत है. यहां ऐसे शरारती तत्व हैं जो दरवाज़े का ताला तक तोड़ ले जाते हैं और इसी वजह से उन्हें दरवाज़े पर रस्सी बांधकर रखना पड़ता है. नवाबुद्दीन जी ने मुकेश को भी हिदायत दी कि वह अकेले इस तरह न आएं, क्योंकि खतरा किसी नकारात्मक शक्ति से नहीं बल्कि शरारती तत्वों से है.
मेट्रो से – मेट्रो से अगर आप भूली भटियारी के महल आना चाहते हैं तो आपको झंडेवालान मेट्रो स्टेशन पहुंचना होगा. यहां से 500 मीटर पैदल चलकर आप भूली भटियारी के महल पहुंच जाएंगे. गूगल मैप आपको एकदम सटीक लोकेशन बता देता है.
अपने वाहन से – ये जगह कनॉट प्लेस के पास है. कनॉट प्लेस के नजदीक होने की वजह से आप 5 मिनट की ड्राइव करके कनॉट प्लेस से झंडेवालान पहुंच जाते हैं. भूली भटियारी के महल तक गाड़ी आराम से जा सकती है.
आपको भूली – भटियारी के महल पर दी गई हमारी ये जानकारी कैसे लगी, ज़रूर बताएं. किसी भी तरह का सवाल हो तो हमें लिख भेजें- gotraveljunoon@gmail.com पर, हम उत्तर ज़रूर देंगे. धन्यवाद
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