Spring Season 2025
Spring Season 2025 : वसंत ऋतु सबसे सुखद मौसमों में से एक है, जिसमें फूल खिलते हैं और मौसम भी बहुत बढ़िया होता है. हर यात्री इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करता है, ताकि वह भारत के खूबसूरत जगहों का भरपूर आनंद उठा सके. साफ आसमान, खूबसूरत फूल और सुकून देने वाली हवा इस मौसम को travel के लिए बेहतरीन बनाती है. चाहे आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको बताते हैं भारत की कुछ ऐसी जगहें बताई गई हैं, जहां आपको वसंत ऋतु में ज़रूर जाना चाहिए.
कश्मीर की खूबसूरती देखने लायक है. अपने जीवन में हर किसी को एक बार कश्मीर जरूर जाना चाहिए. वसंत ऋतु के दौरान, श्रीनगर ट्यूलिप गार्डन, शानदार डल झील और बर्फ से ढके पहाड़ों का स्वर्ग है. आप इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए कुछ खूबसूरत तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं. आप श्रीनगर शिकारा की सवारी का भी मजा ले सकते हैं.
आप हवाई जहाज, रेलगाड़ी या सड़क मार्ग से श्रीनगर पहुंच सकते हैं.
हवाई जहाज से श्रीनगर कैसे पहुंचे ||How to reach Srinagar by plane
श्रीनगर में शेख उल आलम एयरपोर्ट (IATA कोड SXR) नामक एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है.
आप दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, बैंगलोर और मुंबई जैसे शहरों से हवाई जहाज से श्रीनगर पहुंच सकते हैं.
रेलगाड़ी से श्रीनगर कैसे पहुंचे || How to reach Srinagar by Train
श्रीनगर का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है, जो लगभग 300 किलोमीटर दूर है.
आप उधमपुर रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं.
बहुत से लोग जम्मू के लिए ट्रेन लेते हैं और फिर श्रीनगर के लिए टैक्सी या बस लेते हैं.
सड़क से श्रीनगर कैसे पहुंचे || How to reach Srinagar by Road
आप दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों के साथ-साथ जम्मू और लेह से भी श्रीनगर के लिए बस ले सकते हैं.
आप Gulmarg, Sonamarg, Pahalgam और Jammu जैसे आस-पास के स्थानों से भी श्रीनगर के लिए टैक्सी या जीप ले सकते हैं.
राज्य की बसें सुरक्षित हैं लेकिन थोड़ी असुविधाजनक हैं.
अन्य जानकारी
वीज़ा पर आने वाले विदेशी यात्रियों को हवाई अड्डे या अपने होटल या हाउसबोट पर पहुँचने पर Registration कराना ज़रूरी है.
यदि आप पहाड़ों के प्रेमी हैं, तो आपको नैनीताल की यात्रा करनी चाहिए, जिसका नाम नैना झील के नाम पर रखा गया है. 10 से 25 डिग्री के बीच का सुहावना मौसम इसे यात्रा के लिए बेहद उपयुक्त बनाता है. आप खूबसूरत हिमालय श्रृंखला से घिरी नैना झील में बोटिंग का मजा ले सकते हैं. रोमांच चाहने वालों के लिए, आप जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं.
नैनीताल कैसे पहुंचे || How To Reach Nainital
नैनीताल पहुंचने के लिए सबसे सुविधाजनक तरीका है पंतनगर हवाई अड्डे (निकटतम हवाई अड्डा) तक उड़ान भरना, फिर नैनीताल के लिए टैक्सी या बस लेना, जो लगभग 70 किलोमीटर दूर है., आप ट्रेन से काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं और फिर नैनीताल के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं, जो स्टेशन से लगभग 35 किलोमीटर दूर है; सड़क मार्ग से, नैनीताल दिल्ली, देहरादून और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जहां नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं.
हवाई मार्ग से नैनीताल कैसे पहुंचे || How to reach Nainital by air
पंतनगर हवाई अड्डे (नैनीताल के नजदीकी हवाई अड्डा) तक उड़ान भरें.
ट्रेन से नैनीताल कैसे पहुंचे || How to reach Nainital by Train
काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुँचें, जो नैनीताल का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है.
सड़क मार्ग से नैनीताल कैसे पहुंचे || How to reach Nainital by Road
दिल्ली, देहरादून, लखनऊ या अन्य प्रमुख शहरों से बस लें या टैक्सी किराए पर लें.
भारत की योग राजधानी, ऋषिकेश आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का एक परफेक्ट मिश्रण है. इस जगह में कई आध्यात्मिक स्थान हैं जहां आप एकांत की तलाश कर सकते हैं. एडवेंचर चाहने वाले प्रेमियों के लिए, यहां कई Water Sports हैं जिन्हें आप दोस्तों के इंजॉय कर सकते हैं.
सड़क मार्ग से ऋषिकेश कैसे पहुंचे || How To Reach Rishikesh By road
ऋषिकेश उत्तराखंड और भारत के उत्तरी राज्यों के प्रमुख स्थलों के साथ मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली आईएसबीटी कश्मीरी गेट और मेरठ से ऋषिकेश के लिए लग्जरी और सामान्य बसें आसानी से उपलब्ध हैं.
देहरादून, हरिद्वार, श्रीनगर, टिहरी, उत्तरकाशी आदि जैसे उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से ऋषिकेश के लिए बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्थित है जो बद्रीनाथ को जोड़ता है.
रेल मार्ग से ऋषिकेश कैसे पहुंचे || How To Reach Rishikesh By Train
ऋषिकेश भारत के प्रमुख स्थलों के साथ रेलवे नेटवर्क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेनें अक्सर चलती हैं.
हवाई मार्ग से ऋषिकेश कैसे पहुंचे || || How To Reach Rishikesh By air
जॉली ग्रांट हवाई अड्डा ऋषिकेश का नजदीकी हवाई अड्डा है जो 21 किमी की दूरी पर स्थित है. जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से ऋषिकेश के लिए टैक्सियां आसानी से उपलब्ध हैं. जॉली ग्रांट हवाई अड्डा दिल्ली से दैनिक उड़ानों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.
दक्षिणी भारत में पूरे साल सुहावना मौसम रहता है, वसंत ऋतु इस क्षेत्र में और भी अधिक खूबसूरत हो जाता है. कर्नाटक में स्थित कूर्ग उन हरे-भरे स्थानों में से एक है जहां पहाड़ियां, हरी-भरी हरियाली, सुहावना मौसम और कॉफ़ी के फूल खिलते हैं. आप इस क्षेत्र में हाइकिंग और कॉफ़ी के बागानों की खोज कर सकते हैं.
कूर्ग तक केवल सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है. कर्नाटक के प्रमुख शहरों से कूर्ग जाने वाली कई सरकारी और निजी बसें हैं. कूर्ग का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, और सबसे नज़दीकी मैसूर (120 किमी) में है. सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा मैंगलोर (152 किमी) में है, जहाँ से पर्यटक बस या टैक्सी द्वारा कूर्ग जा सकते हैं.
फ्लाइट से कूर्ग कैसे पहुंचें || How To Reach Coorg by air
कूर्ग का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो कूर्ग से 165 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप कूर्ग पहुंचने के लिए कैब ले सकते हैं.
नजदीकी एयरपोर्ट: मैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IXE) – कूर्ग से 111 किमी
सड़क से कूर्ग कैसे पहुंचें || How To Reach Coorg by road
कूर्ग दक्षिण भारत के मुख्य शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. आप मैंगलोर, बेंगलुरु और मैसूर से कूर्ग के लिए डीलक्स KSRTC बसें पकड़ सकते हैं.
ट्रेन से कूर्ग कैसे पहुंचें || || How To Reach Coorg by train
कूर्ग का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मैसूर में है, जो 95 किमी दूर है. कूर्ग पहुंचने के लिए आप मैसूर से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं. आप रेलवे स्टेशन के बाहर से कूर्ग तक चलने वाली बस में भी सवार हो सकते हैं,
भारत की सबसे रोमांटिक जगहों में से एक, दार्जिलिंग में प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत स्थान हैं. हिमालय की पर्वतमाला और चाय के बागानों की पृष्ठभूमि इसे आपके साथी के साथ घूमने के लिए एक परफेक्ट जगह बनाती है.दार्जिलिंग, जिसे “पहाड़ों की रानी” के नाम से जाना जाता है, देश के पूर्वी भाग में भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में एक नगरपालिका शहर और जिला मुख्यालय है. यह 2,042 मीटर (6,700 फीट) की ऊँचाई पर छोटे हिमालय में स्थित है. दार्जिलिंग अपनी चाय, दुनिया के तीसरे सबसे ऊँचे पर्वत कंचनजंगा (8,586 मीटर) के लुभावने मनोरम दृश्य और UNESCO World Heritage Site दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के लिए दुनिया भर में फेमस है.
दार्जिलिंग, जिसे “पहाड़ों की रानी” के नाम से जाना जाता है, देश के पूर्वी भाग में भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में एक नगरपालिका शहर और जिला मुख्यालय है. यह 2,042 मीटर (6,700 फीट) की ऊंचाई पर छोटे हिमालय में स्थित है। दार्जिलिंग अपनी चाय, दुनिया के तीसरे सबसे ऊँचे पर्वत कंचनजंगा (8,586 मीटर) के लुभावने शानदार व्यू और UNESCO World Heritage Site दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के लिए दुनिया भर में फेमस है.
दार्जिलिंग जिले में चार उप-विभाग हैं, अर्थात; दार्जिलिंग सदर, कुर्सेओंग, मिरिक और सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग सदर, कुर्सेओंग और मिरिक पहाड़ियों में स्थित हैं, जबकि सिलीगुड़ी मैदानी इलाकों में केवल 400 मीटर की ऊँचाई पर है.
कलिम्पोंग 14 फरवरी, 2017 तक दार्जिलिंग जिले का एक उप-विभाग था, जब इसे पश्चिम बंगाल के 21वें जिले के रूप में बनाया गया.
हवाई मार्ग से दार्जिलिंग कैसे पहुंचे || How to Reach Darjeeling by Air
बागडोगरा, दार्जिलिंग से 90 किलोमीटर (एनएच 110 के माध्यम से) दूर, कोलकाता, दिल्ली और गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों से उड़ानों द्वारा जुड़ा नजदीकी हवाई अड्डा है.
ट्रेन से दार्जिलिंग कैसे पहुंचे || How to Reach Darjeeling by train
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे स्टेशन (न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से 88 किलोमीटर) के अलावा दो नजदीकी रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी और न्यू जलपाईगुड़ी हैं. इन रेलवे स्टेशनों का कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी और भारत के अन्य प्रमुख शहरों से सीधा रेल संपर्क है.
सड़क के रास्ते दार्जिलिंग कैसे पहुंचे || How to Reach Darjeeling by road
सड़क मार्ग से दार्जिलिंग तक पहुंचने का मुख्य रास्ता सिलीगुड़ी, 77 किलोमीटर (एनएच 55 के माध्यम से) है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं सिलीगुड़ी के तेनजिंग नोर्गे बस स्टैंड से बस सेवा उपलब्ध है. एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मोटर सिंडिकेट्स/पुलिस मोटर स्टैंड से सीट-शेयरिंग/किराए पर छोटी गाड़ी भी उपलब्ध हैं. एनजेपी रेलवे स्टेशन और बागडोगरा एयरपोर्ट से प्री-पेड टैक्सी स्टैंड की सुविधा भी ली जा सकती है. दार्जिलिंग पहुंचने के लिए सिलीगुड़ी से चार रूट चुने जा सकते हैं.
तिनधरिया-कुर्सियांग रूट
दुधिया-मिरिक रूट
रोहिणी रूट
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