Singapore Travel Blog : बिल्डिंग का ऐसा नजारा देख हंसी छूट गई
Singapore Travel Blog : होटल के मेरे कमरे में बड़ी सी कांच की खिड़की थी जिससे सामने बना एक रेसिडेंशल अपार्टमेंट दिखता था। वो अपार्टमेंट लगभग 23 मंज़िला था। सभी घरों में बालकनी थी। सबमे एक खास बात थी। हर घर की बालकनी के आगे तीन सुराख़ थे जिसमे सीधे सीधे डंडे फंसा कर वहां लोग धूप में कपडे सुखाते हैं। मुझे ये तरीका बड़ा फनी लगा।
एक बात मेरे होटल की भी बड़ी दिलचस्प थी। यहाँ स्विमिंग पूल चौथे फ्लोर पर था। शाम को हम सिंगापोर की मशहूर नाईट सफारी देखने गए। हमारा कैब ड्राइवर और गाइड माइक था। माइक सिंगपोरियन था लेकिन उसके पुरखे दक्षिण भारतीय थे। रास्ते भर माइक हमे सिंगापुर की सभी जगहे दिखता रहा और वहां की अच्छी अच्छी बातों के बारे में हमें बताता रहा। उसकी मर्सिडीज़ वैन में माइक लगा था जिससे पीछे बैठे लोगों को भी उसकी आवाज़ अच्छी तरह सुनाई दे रही थी।
वैन में हमारे साथ कुछ अन्य भारतीय परिवार भी थे। हम सभी भारतीय परिवार आपस में जान बूझ कर हिंदी में ही बात कर रहे थे क्योंकि पराये देश में हिंदी में बात करना बड़ा खुशगवार लग रहा था। हालाँकि माइक को हिंदी नहीं आती थी लेकिन फिर भी उसने अपनी वैन में पुरानी हिंदी फ़िल्मी गीत बजा रखे थे। नाईट सफारी सिंगापोर के बाहरी इलाके में थी।
वो एक ज़ू जैसा था जिसमे घूमने के लिए तीन खुली बसों का एक बेडा था जो आपस में जुडी हुई थी जो आपको पूरे जू का चक्कर लगावाती थी। हर बस में एक रिकार्डेड आवाज़ थी जो हर जानवर के आने से पहले उसके बारे में हमें ब्रीफिंग दे रही थी। कहने को ये ज़ू था लेकिन इसमें कोई भी जानवर पिंजरे में क़ैद नहीं था। ना जाने किस तरह इन्हे ट्रेंड किया गया था कि वो अपनी जगह आराम से बैठे थे। कुछ तो हमारी बस के आसपास भी घूम रहे थे।
हमें फोटो लेते समय फ़्लैश चमकाने की और ज़ोर से चिल्लाने की मनाही थी। वहां ढेर सारे जंगली जानवर भी थे। हाथी, शेर, लकडबघा और और भी बहुत सारे जानवर। इनमे सिर्फ एक टाइगर ही ऐसा जानवर था जो पिंजरे में क़ैद था। और उसका पिंजरा भी न जाने कौनसे कांच का बना था जो बहुत ध्यान से देखने से ही पता चलता था। वहां एक जानवरों का शो भी था जिसको एक तेजप्रीत नाम का भारतीय बड़ी ख़ूबसूरती से होस्ट कर रहा था। कुल मिला कर वहां मेले जैसा माहौल था। रात को होटल वापिस लौटते हुए भी माइक ने सिंगापोर के बारे में ढेर सारी बाते बताई।