Sikkim First Railway Station : सिक्किम को मिला पहला रेलवे स्टेशन, जानें स्टेशन के बारे में पूरी डिटेल
Sikkim First Railway Station : शायद आपको लगता होगा कि देश के हर राज्य तक ट्रेनें पहुंचती होंगी, पर असल में ऐसा नहीं है. भारत के नक्शे में खूबसूरत सिक्किम राज्य पर नजर दौड़ाइए. यहां अभी रेलवे नहीं पहुंची है. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 फरवरी 2024 को राज्य के पहले रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी. सिक्किम 16 मई 1975 को भारत का हिस्सा बना और राजतंत्र की समाप्ति के बाद यह देश का 22वां राज्य बना. आज के आर्टिकल में आपको बताएंगे सिक्किम में रेवले स्टेशन के बारे में पूरी डिटेल और वहां घूमने की जगहों के बारे में…
सिक्किम में अब तक क्यों नहीं पहुंची ट्रेन || Why has the train not reached Sikkim yet?
सिक्किम जाने वाले लोगों को जल्द ही रेलवे का रास्ता भी मिलने वाला है. अभी तक राज्य में रेलवे लाइन न होने की सबसे बड़ी वजह ऊंचे पहाड़ों का होना है. पहाड़ों में कई सुरंगें बनानी पड़ी है और यह काम आसान नहीं है. अब रेल लाइन पहुंचाई जा रही है.
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तीन फेज में पूरा मिशन || Complete mission in three phases
अलीपुरद्वार के डिप्टी रेलवे मैनेजर अमरजीत अग्रवाल ने बताया है कि बॉर्डर स्टेट होने के कारण रंगपो स्टेशन टूरिस्ट से महत्वपूर्ण है. अधिकारी ने कहा कि वास्तव में सिक्किम में रेलवे लाइन नहीं है. सरकार ने तीन चरणों में इस प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू की है. पहले चरण में सेवोक से रंगपो रेल प्रोजेक्ट, दूसरे चरण में रंगपो से गंगटोक और तीसरे चरण में गंगटोक से नाथूला तक काम पूरा किया जाएगा.
सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन का निर्माण सिवोक-रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा, जिसे अक्टूबर 2009 में शुरू किया गया था. इस रेल लाइन प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 45 किमी है जो पश्चिम बंगाल के सिवोक से सिक्किम के रंगपो को जोड़ती है.
पहला अंडरग्राउंड हाल्ट || First underground halt
– इस लाइन पर कुल पांच स्टेशन होंगे, जिसमें एक तीस्ता बाजार भी होगा. तीस्ता बाजार भारत का पहला अंडरग्राउंड हाल्ट स्टेशन हो सकता है. इस लाइन पर बाकी चार ओपेन क्रॉसिंग स्टेशन- सिवोक, रियांग, मेल्ली और रंगपो होंगे.
– प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहिंदर सिंह ने बताया कि 45 किमी में से साढ़े तीन किमी सिक्किम में और 41.5 किमी हिस्सा पश्चिम बंगाल में है. उन्होंने आगे कहा, ‘तीस्ता बाजार स्टेशन एक भूमिगत रेलवे स्टेशन होगा.’
– अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे में, खासतौर से ब्रॉड गेज में यह पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि तीस्ता बाजार दार्जिलिंग को गंगटोक से जोड़ता है. इससे उन यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक हो सकता है जो दार्जिलिंग या गंगटोक जाना चाहते हैं.
– इस परियोजना में 14 सुरंगें, 13 बड़े 9 छोटे पुल शामिल हैं.
45 किमी लंबे रूट में सुरंगों, पुलों के साथ-साथ स्टेशन यार्ड शामिल है. कुल 44.96 किमी लंबाई में 38.65 किमी (86%) में सुरंगें हैं जबकि 2.24 किमी (5 प्रतिशत) पुल हैं. सुरंग बनाने का काम नई NATM (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) तकनीक का उपयोग करके किया गया है. वैसे यह काम इसी साल तक पूरा होना था लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण कुछ देरी हुई है. बहरहाल, सिक्किम के लिए करीब 50 साल लंबा ट्रेन का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है.
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गंगटोक || Gangtok
गंगटोक जो पहाड़ियों के बीच स्थित है और कंचनजंगा पर्वत के शानदार व्यू दिखाई देता है. खूबसूरत दो ड्रुल चोर्टेन, एक बौद्ध स्तूप और हलचल भरे बाजार चौक से घूमते हुए घूमें.
युमथांग घाटी, फूलों की घाटी || Yumthang Valley, Valley of Flowers
इसे फूलों की घाटी कहा जाता है, यह वसंत के दौरान अपने खूबसूतर फूलों, गर्म झरनों और प्राचीन लैंडस्केप से टूरिस्ट को मंत्रमुग्ध कर देता है.ट्रैकिंग के शौकीन लोग शांत वातावरण का मजा लेते हुए इसकी प्राकृतिक सुंदरता का मजा ले सकते हैं, जिससे यह प्रकृति के बीच शांति की तलाश करने वालों के लिए एक यह एकदम सही जगह है.
गुरुडोंगमार झील, भारत की सबसे ऊंची झील|| Gurudongmar Lake, the highest lake in India
17,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुडोंगमार झील की आध्यात्मिक यात्रा पर निकलें, जो इसे भारत की सबसे ऊंची झील बनाती है. यह शांत झील बौद्धों और सिखों दोनों के लिए बहुत महत्व रखती है, जो पहाड़ों के बीच एक शांत विश्राम प्रदान करती है.
पेलिंग, एक शानदार शहर || Pelling, a picturesque town:
कंचनजंगा रेंज और हरी-भरी घाटियों के शानदार व्यू पेश करने वाला एक आकर्षक शहर.पर्यटक पेमायांग्त्से जैसे प्राचीन मठों का भ्रमण कर सकते हैं, चेनरेज़िग की विशाल प्रतिमा को देख सकते हैं और खूबसूरत लैंडस्केप के बीच ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं.
नामची, एक आध्यात्मिक केंद्र || Namchi, a spiritual center
अपने शांत वातावरण और सांस्कृतिक आकर्षण के लिए जाना जाता है. पर्यटक चार धाम परिसर का पता लगा सकते हैं, जिसमें प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थलों की प्रतिकृतियां शामिल हैं.