Ranikhet Travel Guide: रानीखेत एक ऐसी जगह है जिसे देखकर मालूम होता है कि कुदरत ने इसे बहुत फुरसत से बनाया है। तभी तो इसका मन को छू लेने वाला रूप हजारों मीलों की दूरी से भी लोगों को अपनी तरफ खींच लाता है। शांत वातावरण, चीड़ और देवदार के घने जंगल, दूर दूर तक फैली खूबसूरत घाटियां, फूलों से ढके हुए रास्ते, ठंडी हवाएं और पक्षियों की चहचहाहट रानीखेत की खूबसूरती को बखूबी दिखाती है। इसलिए रानीखेत को ‘पहाड़ों की रानी’ भी कहते हैं।
रानीखेत उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। रानीखेत एक छोटा सा शहर है जो कि समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रानीखेत की सुंदरता के बारे में एक बार नीदरलैंड के राजदूत ने कहा था कि जिसने भी इसे नहीं देखा उसने भारत को ही नहीं देखा। कुमाऊं रेजिमेन्ट का मुख्यालय भी रानीखेत में ही है। जिस कारण यहां चारों तरफ साफ सफाई देखने को मिलेगी। रानीखेत के नाम के बारे में कहते हैं कि सैंकड़ों साल पहले एक रानी यहां पर घूमने के लिए आई थीं लेकिन यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर वो इतनी मंत्र मुग्ध हो गईं थी कि उन्होंने इस क्षेत्र को ही अपना घर बना लिया था तभी से ही इस क्षेत्र को रानीखेत कहा जाने लगा।
चौबटिया अपने खूबसूरत बाग-बगीचों के लिए पर्यटकों के बीच में काफी मशहूर है। यहां की सबसे प्रसिद्ध चीज यहां के खूबसूरत झरने हैं जो कि ऊपर से गिरते हुए संगमरमर की तरह चमकते हैं जिनका अद्भुत नजारा देख पर्यटक भी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। रानी खेत से चौबटिया की दूरी 10 किलोमीटर के करीब है। ये अपने सुंदर बाग बगीचो के लिए काफी मशहूर है। परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए ये एक बेहद शानदार जगह है।
रानीखेत में गोल्फ मैदान भी दर्शनीय स्थलों में से एक है जिन पर्यटकों को गोल्फ में रूचि हो वो यहां पर जरूर जाएं। यहाँ का अद्भुत नजारा आपको दीवाना कर देगा। दूर-दूर तक फैला गोल्फ का मैदान और उसके चारों तरफ चीड़ के बड़े-बड़े पेड़, बेहद सुन्दर हरी भरी मखमली घास ओढे गोल्फ के मैदान को देख पर्यटक काफी प्रसन्न होते हैं। गोल्फ मैदान रानी खेत से 5 किलोमीटर की दूरी पर रानी खेत अल्मोडा मार्ग पर बना हुआ है। इस मैदान को उपट कालिका के नाम से भी जाना जाता है।
चिलियानौला में हेड़ाखान बाबा का भव्य कलात्मक मंदिर काफी ज्यादा मशहूर है। ये मंदिर रानीखेत से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। यहां पर देवी देवताओं की कलात्मक मूर्तियां देखने लायक है। साथ ही ये पिकनिक मनाने के लिए भी एक अच्छी जगह है। यहां का वातावरण काफी शांत रहता है और यहां से हिमालय की बड़ी सी पर्वत श्रृंखला आसानी से दिखती है। वहीं नंदा देवी का पर्वत तो यहां से ठीक सामने ही नजर आता है। वहीं ये जगह ट्रेकिंग के लिए भी एकदम उचित है।
शीतला खेत ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एकदम सही जगह है। और ये ट्रेकिंग के शौकीन हर शख्स को काफी ज्यादा पसंद आती है। इसके अलावा यहां के प्राकृतिक नजारे भी पर्यटकों को अपनी तरफ खींचते हैं। ये रानीखेत से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर ठहरने के लिए उत्तम होटलों की भी व्यवस्था है।
यहां से हिमालय पर्वत के खूबसूरत नजारे पर्यटकों को दूर से ही अपनी तरफ खींच लाते हैं। अगर आप रानीखेत जाने की सोच रहे हैं तो इन खूबसूरत नजारों को देखने के लिए यहां पर जरूर जाएं। ये एक पिकनिक स्पॉट भी है। यहां से हिमालय पर्वत श्रृखलाओं का बर्फ से ढका हुआ दृश्य बहुत ही सुंदरता के साथ दिखाई देता है।
द्वाराहाट हरी भरी रंगीन वादियों से घिरा हुआ एक दर्शनीय स्थल है। इसका अलग अपना पुरातत्व महत्त्व है जिससे इसकी महत्ता के बारे में पता चलता है। यहां पर कलात्मक शैली के 65 पुरातात्विक मंदिर हैं। आप यहां पर आकर इन सभी मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। रानी खेत से द्वाराहाट की दूरी लगभग 32 किलोमीटर की है।
दूनागिरि पर्यटन के लिहाज से काफी सुंदर जगह है। यहां पर आने का अपना ही एक अलग मजा है। इसकी चोटी पर कलात्मक शैली के मंदिर हैं जो कि देखने लायक है। हिमालय की खूबसूरती यहां से ओर भी मनमोहक लगती है। द्वाराहाट से दूनागिरी की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है।
मजखाली से हिमालय पर्वत के खूबसूरत नजारे देखे जाते हैं जो की पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां का सौंदर्य पर्यटक कभी भूल नहीं पाते हैं। मजखाली रानीखैत अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है। ये जगह फोटोग्राफी के शौकीन लोगों को काफी ज्यादा पसंद आती है।
रानीखेत के मुख्य बाजारों में खड़ी बाजार आता है। प्राचीन में ये कभी मेयो स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था। इस बाजार में आप कलात्मक शैली के काष्ठकला को खरीद सकते हैं।
भालू डैम चौबटिया से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये स्थान फिशिंग और बोटिंग के लिए एक आदर्श स्थल माना जाता है।
झूला देवी मंदिर दुर्गा माता को समर्पित है। यहां पर दूर से ही घंटियों की आवाज आनी शुरू हो जाती है। इस मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर घंटी चढ़ाने की मान्यता है। पूरे मंदिर में आपको छोटी बड़ी घंटियां देखने को मिल जाएंगी। यहां से कुछ कदम की दूरी पर ही एक राम मंदिर भी है।
रानीखेत जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन, बस और टैक्सी हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर सबसे नजदीकि रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो कि 84 किलोमीटर की दूरी पर है। काठगोदाम से रानीखेत के लिए बस टैक्सियां आसानी से मिल जाती है। वहीं अगर आप सड़क मार्ग से हां आ रहे हैं तो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से रानीखेत के लिए सीधी बसें मिल जाती है। वहीं यहां से 19 किलोमीटर दूर पंतनगर का हवाईअड्डा भी है।
रानीखेत जाने के लिए सबसे सही वक्त अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच में रहता है। अगर आप रानीखेत घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े जरूर रखें। गौरतलब है कि आप यहां पर बाकी के बचे महीनों में भी जा सकते हैं।
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