Puri Travel Guide : पुरी (Puri) एक खूबसूरत शहर है, ये पूर्वी भारत में ओडिशा राज्य में स्थित है, जो राजधानी से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है. ये बंगाल की खाड़ी के साथ वहाँ के ताड़ के पत्तों और समुद्र के किनारे पर टिमटिमाती लहरों के साथ वहां की खिली हुई धूप का देखने लायक नज़ारा पेश करता है. पुरी ( Puri Travel Guide ) शहर में विभिन्न पर्यटक स्थलों के साथ यहां के मंदिरों में भक्तों का नज़ारा देखने को मिलता है. यही नहीं, आपको यहां समुद्र के किनारों पर धूप सेंकते पर्यटक भी दिख जाएंगे. पुरी को ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे अधिक यात्रा करने वाले स्थानों में से एक माना जाता है.
पुरी को तीर्थयात्रा के नजरिए से धाम माना जाता है. बता दें हिंदुओं के लिए चार सबसे पवित्र तीर्थ स्थल और हर साल शानदार रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ का जमावड़ा यहां देखने को मिलता है. इसमें जगन्नाथ मंदिर, गुंडिचा मंदिर, विमला मंदिर, लोकनाथ मंदिर और कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर हैं. यहां पर पंच तीर्थ भी है, जहां एक स्नान करने पर एक पुरी की तीर्थयात्रा पूरी होती है. पुरी ( Puri Travel Guide ) में यात्रा करने के लिए सुंदर स्थानों के साथ, शहर की लोकल शॉप्स में आप यहां के कारीगरों द्वारा बनायी गईं चीज़ें भी खरीद सकते हैं.
पुरी ( Puri ) आदिवासियों के जीवन और पारंपरिक ओडिया संस्कृति और वहां की विरासत के बारे में भी जानकारी देता है. पुरी ( Puri Travel Guide ) को समुद्र किनारे स्थित शहर के रूप में जाना जाता है. यही नहीं ये दुनिया भर के यात्रियों के बीच छोटी हिप्पी यात्राओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है. पुरी (Puri) आने वाले पर्यटक समुद्र तट के किनारे बैठना पसंद करते हैं और यहां होने वाली डिफरेंट एक्टिविटीज जैसे वॉटर स्पोर्ट्स, बोटिंग और फिशिंग का मज़ा लेते हैं.
वैसे तो पुरी (Puri) शहर की जलवायु साल भर ही अच्छी रहती है. लेकिन गर्मियों में यहां बहुत नमी हो जाती है. यहां गर्मियों में सबसे अधिक तापमान 36 ° C के आसपास होता है और सर्दियों में सबसे कम 17 ° C के आसपास होता है. पुरी(Puri)जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के समय के आसपास है क्योंकि इस समय ना तो यहां बहुत गर्मी और ना ही बहुत ठंड होती है.
ये दुनिया भर में सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जिसे रथ यात्रा के शुरुआती बिंदु के रूप में जाना जाता है. यहां की रथ यात्रा दुनियाभर में प्रसिद्ध है. पुरी(Puri)हिंदू तीर्थ के चार धाम का एक हिस्सा है और भगवान विष्णु के एक रूप जगन्नाथ को समर्पित है.
ये मंदिर जगन्नाथ मंदिर से सिर्फ 3 किमी की दूरी पर स्थित है. इसे गुंडिचा मंदिर के नाम से जानते हैं. वैसे तो ये साल भर खाली रहता है, लेकिन रथ यात्रा के दौरान यहां बहुत भीड़ हो जाती है. जो सच में देखने लायक हो जाता है.
ये पुरी (Puri) के मौज़ा डंडीमाला साही में स्थित एक पवित्र तालाब है. यहां भक्त डुबकी लगाकर अपनी अशुद्धियों को दूर करने के लिए आते हैं. व्यक्तियों के आने-जाने के लिए टैंक के बीच में एक मंदिर भी मौजूद है.
ये भारत की सबसे लोकप्रिय बीच होने की वजह से बहुत साफ भी है. ये रेत की मूर्तियों के लिए भी एक फेमस डेस्टिनेशन है इसलिए अगर पुरी(Puri)जाने का प्लान बनाते हैं, तो इस बीच पर जाना ना भूलें. यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय रेत गोल्डन रंग की दिखाई देती है. जिसकी वजह से इसे गोल्डन बीच के नाम से जाना जाता है. पुरी(Puri)बीच फेटिवल नामक एक एनुअल फेस्टिवल जो यहां के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है.
ये झील पारिस्थितिकी तंत्र में एक महान विविधता प्रदान करती है और पक्षियों की भीड़ यहां दूर-दूर से आती है. ये झील इको-टूरिज्म के लिए एक दर्शनीय स्थल है जिसके माध्यम से आप इस क्षेत्र में रहने वाली विभिन्न प्रजातियों का पता लगा सकते हैं. पुरी(Puri)यात्रा के दौरान आपको नदी के किनारे स्थित नलबाना पक्षी अभयारण्य की यात्रा करनी चाहिए.
ये गाँव कला और शिल्प का एक केंद्र है जो शहर की सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा रहा है. इस जगह पर विभिन्न प्रकार की कलाकृतियाँ जैसे कि पट्टाचित्र पेंटिंग, ताड़ का पत्ता, पैपीयर माचे, लकड़ी और पत्थर की नक्काशी के साथ और भी बहुत कुछ पाया जा सकता है.
कला प्रेमियों के लिए बना ये म्यूज़ियम स्टेशन रोड पर स्थित है. इस संग्रहालय की स्थापना सुदर्शन साहू ने की थी. ये एक जापानी शैली के बौद्ध मंदिर के रूप में बनाया गया है. इस म्युज़ियम में मूर्तियों, लकड़ी की नक्काशी, हस्तकला की वस्तुओं और उम्दा पेंटिंग्स जैसी कलाकृतियाँ हैं.
पुरी (Puri) में समुद्र तटों की एक भीड़ है. यहां पर आप चंद्रभागा बीच, स्वर्गद्वार बीच, अस्त्रंगा बीच, बालेश्वर बीच, बलिहारचंडी बीच, बालीघाई बीच और गोल्डन बीच की यात्रा कर सकते हैं. यहां स्थित बहुत सारे समुद्र तट सुंदर मंदिरों के करीब हैं. और इन समुद्र तटों को एक चीज़ जो अलग बनाती है वो है यहां की प्रकृति की सुंदरता, श्रद्धालुओं की आस्था और ओडिया की विरासत का संगम. यहां स्थित सभी समुद्र तटों को अच्छी तरह से बनाए रखा गया है और कुछ बीच वॉटर राइड्स भी प्रोवाइड करते हैं.
ये एक स्मॉल टाउन है. जो कारीगरों और उनके हस्तशिल्प से संपन्न है. ये स्थान विशेष रूप से अपने कुख्यात अप्लीक हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है. जिसे लोकल में चंदुआ के रूप में भी जाना जाता है.
पुरी (Puri) शहर में बहुत से मंदिर हैं, प्रत्येक का अपना सांस्कृतिक महत्व है. लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख हैं- कोणार्क मंदिर, मार्कंडेश्वर मंदिर, बेदी हनुमान मंदिर, अलारनाथ मंदिर, लोकनाथ मंदिर, विमला मंदिर और लक्ष्मी मंदिर. जब भी पुरी की यात्रा करें तो यहां जरूर जाएं.
पुरी (Puri) शहर की सबसे प्रसिद्ध जगह है यहां का जगन्नाथ मंदिर और समुद्र के किनारे. इसके अलावा ये शहर अपने एनुअल कार फंक्शन, ताड़ के पत्ते, मूर्तियों, लकड़ी की मूर्तियों, पपीर के मुखौटे और सोलैपिथ जैसे हस्तशिल्प कलाओं के लिए जाना जाता है.
यहां की पारंपरिक साड़ियाँ पासपाली, बोमकई, संबलपुरी और ईकाट साड़ियाँ हैं. जो यहाँ के शिल्प कौशल को दिखाती हैं.
इस तटीय शहर में लगभग 8-10 बीच हैं. इनमें प्रमुख हैं पुरी बीच, चंद्रभागा बीच, स्वर्गद्वार बीच, अस्त्रंगा बीच, बालेश्वर बीच, बलिहारचंडी बीच और बालीहाई बीच.
पुरी(Puri)यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के दौरान सर्दियों (तापमान: 10-18 डिग्री) में है. इस समय यहां ज़्यादा नमी नहीं होती और मौसम भी बहुत सुहावना रहता है. जिसके चलते आप यहां की यात्रा का आनंद ले सकते हैं.
आपको बता दें ओडिशा, हवाई, रेल और सड़क, तीनों मार्ग से जुड़ा है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर जो जगन्नाथपुरी से लगभग 60 कि.मी. दूर है.
अगर आप हवाई मार्ग से यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो भुवनेश्वर, यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है और ये भारत के सभी राज्यों से जुड़ा हुआ है. यहां से आपको सरकारी और निजी एयरलाइंस की कई फ्लाइट्स मिल जाएंगी. ये भुवनेश्वर को कोलकाता, दिल्ली, रायपुर, हैदराबाद, नागपुर,वाराणसी, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों से जोड़ती हैं.
अगर आप रेल से यात्रा कर रहे हैं तो भुवनेश्वर, यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं. रेल से यात्रा के दौरान आप ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद भी उठा सकते हैं. रेल यात्रा सुविधाजनक और आरामदेह भी होगी. यही नहीं यहां की कई ट्रेनें भारत के अन्य कोनों को ओडिशा से जोड़ती हैं. इन महत्वपूर्ण ट्रेनों की सेवाएं ,राजधानी, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमोंडल एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में मिलती है. वहीं ओडिशा के अन्य जिलों गंजम, खुर्दा, कोरापुट, रायगढ़, नौपाड़ा-गुनुपुर में भी रेलवे स्टेशन स्थित हैं.
बात करें भुवनेश्वर की तो ये राष्ट्रीय राजमार्ग पर आता है, जो चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों को जोड़ता है. जिन लोगों को सड़क पर लंबी यात्राएं करने का शौक है, उनके लिए ओडिशा पहुंचना बेहद आसान और आरामदायक है. ओडिशा में सड़कों का बड़ा नेटवर्क है. जिस वजह से ओडिशा के कोने-कोने तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है. इन रास्तों पर नियमित बस सेवा भी चलती है. तो आप बस द्वारा अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं.
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