Places to visit in Arwal : अरवल शहर भारत के बिहार राज्य में अरवल जिले का प्रशासनिक केंद्र है, यह जहानाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था. इस जिले की स्थापना क्षेत्र में नक्सलवाद से निपटने के लिए की गई थी. जिले की स्थापना के लिए आसपास के दो जिलों, जहानाबाद और औरंगाबाद की भूमि को मिलाया गया था. अरवल में घूमने की ये जगहें हैं एक ये एक. जानने के लिए पढ़े ये आर्टिकल…
गौतम बुद्ध मंदिर || Gautam Buddha Mandi
भगवान गौतम बुद्ध का मंदिर अरवल जिले के बोधगया नामक स्थान पर स्थित महाबोधि मंदिर से जुड़ा हुआ एक तीर्थ स्थान और धार्मिक स्थल है. यह मंदिर इसीलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहीं पर गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ती हुई थी.
गौतम बुद्ध मंदिर || Gautam Buddha Mandi
किसी महात्मा द्वारा बनाया गया यह मन्दिर बिहार के अलवर जिले के फखरपुर पंचायत में स्थित है. इस मंदिर में लक्ष्मण, राम, सीता जैसे बहुत से नव निर्मित छोटी छोटी मूर्तियां स्थित हैं.
मधुस्रवा आश्रम || Madhushrwa Asharam
बिहार के अरवल जिले में स्थित एक बहुत ही प्राचीन मठ मधुस्रवा आश्रम है, इस मठ से बहुत सा इतिहास जुड़ा हुआ है, यहां पर साल में तीन बार मिला लगता है, जिसे लोग दूर दूर से देखने के लिए आते है. इस आश्रम का उल्लेख ऋती और पुराणों में भी किया गया है.
बुढ़वा महादेव मंदिर मंदिर || Bhudhwa Mahadev Temple
60 वर्ष पुराना यह मंदिर अरवल जिले में स्थित बुढ़वा महादेव का मंदिर है, जो कि 500 फीट ऊंची चोटी पर स्थित बिहार के महूदी पहाड़ की चोटी पर स्थित है. इस मंदिर में भगवान शिव की एक प्रतिमा भी स्थापित है जो कि लगभग डेढ़ फीट ऊंची है.
मखदूम शाह मजार || Makhdum Shah Majar
अरवल के धार्मिक स्थलों में से एक सोन नदी के तट पर स्थित मखदूम शाह की मजार स्थित है. इस मजार को आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र माना जाता है, इसके साथ ही इस मजार पर बड़ी-बड़ी हस्तियों के द्वारा चादर भी चढ़ाया जा चुका है. यहां के लोगों को कहना है कि यहां पर सोन नदी से मिला हुआ एक पारस पत्थर रखा हुआ था. जिसे लोहे को छूने से सोना बन जाता था.
मखदूम शाह मजार ||Makhdum Shah Majar
अरवल जिले से लगभग 38 किमी की दूरी पर कुर्था तहसील में स्थित है. इस गांव को सती नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर सती मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है, इस मंदिर का इतिहास ये है कि सोन मति जो कि इसी गांव की एक महिला है अपने पति के शव के साथ ही सती हो गई थी. तब से यह मन्दिर लोगो के आस्था का केंद्र बना हुआ है.
पंचतीर्थ घाम || Panchtirtha Dham
पंच तीर्थ धाम का एक धार्मिक महत्व रखने वाला स्थान है. जहां पर एक प्राचीन शिवलिंग भी स्थित है. ऐसा यहां के स्थानीय लोगो को कहना है की यहां 5 गज में पंच तीर्थ धाम में स्वर्ग बसता है. इसके साथ ही यहां भगवान शिव का एक विशाल मंदिर है. इसके अलावा यहां भगवान विष्णु के दोनो चरण पादुका भी है.
बेलसार सूर्य मंदिर ||Belsar Surya Temple
सोन नदी के तट पर स्थित बेलसार सूर्य मंदिर अलवर जिले में है. 20 से 25 साल पुराना यह मंदिर जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक था. मनोकामना मंदिर के रूप में लोग इस मंदिर की चर्चा करते है.
खटांगी सूर्य मंदिर || Khatangi Surya Temple
खटांगी सूर्य मंदिर औरंगाबाद और अरवल जिले के सीमा स्थित प्राचीन मंदिरो मे से एक है.इस मंदिर में मौर्यकाल की मूर्ति रखी हुई है, जो कि पूरी तरह काले पत्थर से बनी हुई है हर साल यहां पर चैत और कार्तिक के महीने में भव्य तरीके के छठ पूजा मनाई जाती है.
अरवल में घूमने का सबसे अच्छा समय || Best time to visit Arwal
यात्रा के लिए सभी मौसम अच्छे हैं.
अरवल कैसे पहुंचे || How Reach Arwal
अरवल से 65 किलोमीटर दूर है पटना जिला. इसकी सीमा पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद और भोजपुर जिलों से लगती है.
इस क्षेत्र में कोई रेल सेवा नहीं है. यह किसी भी सीमावर्ती जिले से सड़क के रास्ते द्वारा पहुंचा जा सकता है.
65 किलोमीटर दूर स्थित पटना हवाई अड्डा इस क्षेत्र का नजदीकी हवाई अड्डा है.
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