Places to visit Dantewada : दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ का प्रमुख जिला है. दंतेवाड़ा रायपुर से लगभग 355 किलोमीटर दूर है. रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी है. दंतेवाड़ा में डंकिनी और शंकिनी नामक दो नदियां बहती हैं. दोनों नदियों का संगम दंतेवाड़ा में हुआ है. ये दोनों नदियाँ दंतेवाड़ा की प्रमुख नदियां हैं. दंतेवाड़ा जिला पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है.
दंतेवाड़ा जिला आदिवासी जनजातियों का घर है और यहां कई जनजातियां रहती हैं. दंतेवाड़ा में आदिवासी जनजाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा आदिवासी लोग दंतेवाड़ा में रहते हैं.
दंतेवाड़ा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. दंतेवाड़ा में आपको खूबसूरत पहाड़ियां, जंगल और नदियां देखने को मिलती हैं.दंतेवाड़ा में आपको ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक जगहें घूमने के लिए मिलेंगी. आप यहां आकर इन सभी जगहों की सैर कर सकते हैं.
इस ब्लॉग में हम आपको दंतेवाड़ा जिले और दंतेवाड़ा जिले में घूमने की जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं. आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़ें…
दंतेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है और देशभर से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती का दांत गिरा था, इसलिए इस मंदिर को दंतेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर मुख्य दंतेवाड़ा जिले में बना हुआ है. यह मंदिर डंकिनी और शाकिनी नदी के संगम के पास स्थित है.
आप यहां आराम से पहुंच सकते हैं. यहां आने में कोई दिक्कत नहीं है. यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क उपलब्ध है. यहां आप कार और बाइक से आराम से पहुंच सकते हैं,यहां तक पहुंचने के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध है.यहां नियमित बस चलती है जिसके माध्यम से आप इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं.
दंतेश्वरी मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है. मां दंतेश्वरी का मंदिर लकड़ी से बना है। यह मंदिर बेहद खूबसूरत है. मंदिर में देखने के लिए महामंडप, मंडप, अर्धमंडप और गर्भ ग्रह हैं. यहां मंदिर के अंदर कई प्राचीन मूर्तियां पाई जाती हैं. यहां शंकर जी, गणेश जी, विष्णु जी तथा अन्य कई देवी-देवताओं की काले पत्थर की मूर्तियां विराजमान हैं.
मुख्य गर्भगृह में मां दंतेश्वरी की मूर्ति स्थापित है. गर्भगृह में मां दंतेश्वरी की काले रंग की मूर्ति विराजमान है और मां दंतेश्वरी को वस्त्र और आभूषणों से सजाया जाता है.मां दंतेश्वरी के सिर पर चांदी का छत्र लगा हुआ है, जिससे उनकी मूर्ति बेहद आकर्षक लगती है.
मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए आपको लुंगी पहनकर जाना होगा. यहां लुंगी की व्यवस्था की गई है जहां से आप लुंगी मुफ्त में ले सकते हैं। मुख्य मंदिर परिसर के बाहर आपको गरुड़ स्तंभ देखने को मिलता है. गरुड़ स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि जो कोई भी इस स्तंभ को पूरी तरह से अपनी बांहों में ले लेता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
नवरात्रि के दौरान यहां काफी भीड़ होती है। साल की दोनों नवरात्रि के दौरान यहां बहुत से लोग दंतेश्वरी माता के दर्शन के लिए आते हैं और यहां एक बड़ा मेला भी लगता है. दंतेश्वरी मंदिर अति प्राचीन है। दंतेवाड़ा जिले का नाम देवी दंतेश्वरी के नाम पर रखा गया है.
नवरात्रि के दौरान यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. यहां मेला लगता है और विशाल जुलूस निकाला जाता है. बस्तर का दशहरा इसी जुलूस के कारण प्रसिद्ध है. यह दशहरा पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां ज्योति कलश जलाने की परंपरा है. यहां भक्त पैदल चलकर मां के दर्शन के लिए आते हैं. यह दंतेवाड़ा की सबसे अच्छी जगह है. आप यहां आकर शांति पा सकते हैं.
ढोलकल गणेश छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध स्थान है. यह छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. ढोलकल गणेश जी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित हैं. यह दंतेवाड़ा जिले से लगभग 13 किलोमीटर दूर फरसपाल गांव के पास स्थित है. ढोलकल गणेश दंतेवाड़ा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. फरसपाल गांव तक सड़क उपलब्ध है. फरसपाल गांव तक आप बाइक और कार से जा सकते हैं. फरसपाल गांव तक पहुंचने के बाद आपको पैदल ही जाना पड़ता है.यहां तक पहुंचने के लिए आपको 4 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी.
ढोलकल गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पैदल चलना होगा. यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है. यह मंदिर चारों तरफ से घने जंगल से घिरा हुआ है. मंदिर तक पहुंचने का रास्ता पूरा जंगल का रास्ता है. यहां ढोलकल गणेश की मूर्ति घने जंगलों के बीच एक बहुत ऊंची चट्टान पर स्थित है. यहां गणेश जी की मूर्ति 300 फीट की ऊंचाई पर स्थापित है. अगर आप यहां गणेश जी के दर्शन के लिए आते हैं तो आपको एक गाइड लेकर आना होगा, क्योंकि आप जंगल में भटक सकते हैं.
ढोलकल गणेश जी के पास पहुंचने के बाद आपको चारों तरफ खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. यहां चारों तरफ हरियाली नजर आती है. यहां आप चट्टान की चोटी पर चढ़कर चारों ओर का नजारा देख सकते हैं.
ढोलकल गणेश जी की मूर्ति खुले आकाश और खुले क्षेत्र के नीचे विराजमान है. यहां कोई मंदिर नहीं है. यह प्रतिमा पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यह प्रतिमा 3 फीट ऊंची है. यह प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर से बनी है. यह मूर्ति देखने में बेहद आकर्षक लगती है. इस मूर्ति का निर्माण नौवीं और दसवीं शताब्दी में किया गया था. इसका निर्माण नागवंशी शासकों ने करवाया था.
इसके बारे में कहा जाता है कि परशुराम जी और गणेश जी के बीच युद्ध हुआ था. परशुराम जी ने गणेश जी पर फरसे से हमला किया था जिससे गणेश जी का दांत टूट गया था इसलिए उन्हें एकदंती कहा जाता है और जिस गांव से ट्रैकिंग शुरू होती है उसे फरसपाल गांव कहा जाता है. यह दंतेवाड़ा का एक साहसिक स्थान है. यहां आकर आपको मजा आएगा. अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं होगी.
सतधारा झरना दंतेवाड़ा का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यह दंतेवाड़ा का खूबसूरत झरना है. यह झरना घने जंगल के अंदर बना हुआ है. यह झरना दंतेवाड़ा के बारसूर गांव के पास स्थित है. सतधारा झरना बारसूर गांव से लगभग 8 किमी दूर है। आप यहां सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. सतधारा झरना तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क है। यहां आप बाइक और कार से आराम से पहुंच सकते हैं.
यह झरना इंद्रावती नदी में बना है. यहां इंद्रावती नदी बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच छोटी-छोटी धाराओं के साथ बहती है, जिससे यह बेहद खूबसूरत लगती है. सतधारा झरना हरे-भरे घाटी से घिरा हुआ है. इस झरने की यात्रा का सबसे अच्छा समय सर्दियों का है. क्योंकि बरसात के मौसम में झरने में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसके कारण झरना देखने को नहीं मिलता और यहां बाढ़ जैसा माहौल हो जाता है.
इस झरने का नाम पानी की सात धाराओं के नाम पर रखा गया है जिन्हें सर्दी के मौसम में देखा जा सकता है. इस झरने का नाम सताधार इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां आपको 7 धाराएं देखने को मिलेंगी जो बेहद खूबसूरत लगती हैं.परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए दंतेवाड़ा में यह सबसे अच्छी जगह है. आप यहां आकर पिकनिक मना सकते हैं. पिकनिक के लिए दंतेवाड़ा में यह सबसे अच्छी जगह है। अच्छा समय बिताने के लिए आप यहां आ सकते हैं.
किरंदुल दंतेवाड़ा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। किरन्दुल दंतेवाड़ा का एक प्रसिद्ध स्थान है. यह स्थान मुख्यतः लौह अयस्क के खनन के लिए फेमस है. यहां बड़ी मात्रा में लौह अयस्क निकाला जाता है और यहां आपको लौह अयस्क की बड़ी-बड़ी खदानें मिल जाएंगी. यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. यहां आप जंगल और पहाड़ देख सकते हैं.
किरंदुल दंतेवाड़ा से करीब 50 किलोमीटर दूर है. यहां तक पहुंचने के लिए सड़क उपलब्ध है. आप यहां बाइक और कार से पहुंच सकते हैं. आप यहां बस से भी आ सकते हैं. यहां घूमने लायक कई जगहें हैं, जहां आप अच्छा समय बिता सकते हैं.
यहां आपको पहाड़ियों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, क्योंकि किरंदुल पहाड़ियों के बीच में स्थित है. यहां आपको राम बूटी मंदिर, सत्संग मंदिर, शिव मंदिर देखने को मिलते हैं. यहां आपको अंबेडकर पार्क और चिड़िया पार्क देखने को मिलते हैं. किरंदुल में आपको खूबसूरत सूर्यास्त देखने को मिलता है. बरसात के मौसम में यहाँ बहुत अच्छा लगता है.
बैलाडीला पहाड़ी दंतेवाड़ा का प्रमुख प्राकृतिक पर्यटक आकर्षण है. बैलाडीला एक ऊंचा पर्वत है. ये पहाड़ बहुत खूबसूरत है. यह पर्वत बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है. यह पर्वत किरंदुल के पास स्थित है. यह पर्वत दंतेवाड़ा से लगभग 44 किमी दूर है. आप सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं और इस पहाड़ पर ट्रैकिंग कर सकते हैं.
पहाड़ की तलहटी में बसे गांवों में आप सड़क मार्ग से यहां आ सकते हैं. यहां आने के लिए अच्छी सड़क है. यहां आपको प्राकृतिक न. बैलाडीला लोहे से समृद्ध है और यहां लोहे का खनन किया जाता है.
बैलाडीला पहाड़ी के आसपास के इलाकों में आदिवासी जनजातियां रहती हैं. बैलाडीला में जंगली जानवरों और पौधों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. आदिवासियों का जीवन जंगल पर आधारित है. वे जंगल से चीजें इकट्ठा करते हैं और उनका उपयोग करते हैं. इनका जीवन बहुत ही सरल है. आप यहां आकर आदिवासियों को देख सकते हैं. आदिवासियों को उनकी जरूरत की चीजें जंगल से मिलती हैं। दंतेवाड़ा में यह एक अच्छी जगह है.
प्राचीन शिव मंदिर दंतेवाड़ा का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह दंतेवाड़ा का एक ऐतिहासिक स्थान है। यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना है. यह पूरा मंदिर पत्थर से बना हुआ है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यहां सावन के सोमवार और शिवरात्रि पर बहुत से लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं. यहां सावन के सोमवार को कावड़ यात्री आकर भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं.मंदिर के गर्भगृह में आपको शिवलिंग देखने को मिलता है। मंदिर के पास एक तालाब भी है. यह तालाब बहुत बड़ा है और इस तालाब का पुनर्निर्माण कराया गया है.
प्राचीन शिव मंदिर दंतेवाड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए अच्छा सड़क मार्ग है. यह मंदिर गीदम से भैरमगढ़ तक हाईवे रोड से थोड़ा अंदर है. यह मंदिर समलूर गांव में स्थित है. आप स्वयं के वाहन से यहां पहुंच सकते हैं. मंदिर के बाहर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है.
बचेली दंतेवाड़ा का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है. बचेली दंतेवाड़ा से लगभग 24 किलोमीटर दूर है. आप यहां सड़क मार्ग से आ सकते हैं. आप यहां रेल मार्ग से भी आ सकते हैं. यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क व्यवस्था है. आप यहां बाइक और कार से पहुंच सकते हैं. आप यहां बस से भी पहुंच सकते हैं.
बचेली एक शहर है. वहां बहुत सारी लोहे की खदानें देखी जा सकती हैं.यहां लोहे की कई बड़ी-बड़ी खदानें हैं. बचेली चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. यहां आपको पहाड़ का खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा. यहां ऐसे कई व्यूप्वाइंट हैं जहां से आप खूबसूरत नजारे देख सकते हैं. यहां आपको सूर्यास्त का अच्छा नजारा देखने को मिलेगा. आप यहां अच्छा समय बिता सकते हैं.
फुलपाड़ जलप्रपात दंतेवाड़ा का एक प्राकृतिक टूरिस्ट प्लेस है. इस झरने को इंदुल फॉल्स के नाम से भी जाना जाता है. स्थानीय लोग इस झरने को फुलपाड झरना कहते हैं. यह झरना घने जंगल के अंदर बना हुआ है। यह झरना बेहद खूबसूरत है. यह झरना प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. यहां आप आकर बड़े-बड़े पहाड़ देख सकते हैं. यह झरना इन्हीं पहाड़ों के बीच से बहता हुआ बेहद खूबसूरत दिखता है.
आप यहां बारिश के मौसम और सर्दी के मौसम में घूमने आ सकते हैं. यह झरना बैलाडिला पहाड़ी श्रृंखला में स्थित है. यह झरना किरंदुल के पास स्थित है. यह झरना दंतेवाड़ा से लगभग 50 किमी दूर होगा. आप यहां सड़क मार्ग से आ सकते हैं.
लेकिन झरने तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी. यहां अगर आप किसी स्थानीय व्यक्ति के साथ झरने पर जाते हैं. तो यह आपके लिए अच्छा होगा क्योंकि स्थानीय व्यक्ति को इस जगह के बारे में अधिक जानकारी होती है.
यहां आप आकर पिकनिक मना सकते हैं. यहां जाने का रास्ता थोड़ा कठिन है. यह झरना बेहद खूबसूरत है. यहां आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं.
मुचनार दंतेवाड़ा का सर्वश्रेष्ठ टूरिस्ट प्लेस है. यह दंतेवाड़ा की एक खूबसूरत जगह है. यह स्थान बारसूर के मुचनार गांव के पास इंद्रावती नदी के तट पर स्थित है. आप यहां सड़क मार्ग से आ सकते हैं. यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क है. आप यहां बाइक और कार से आ सकते हैं. यह स्थान इंद्रावती नदी के तट पर स्थित है। यहां आप आकर कई गतिविधियां कर सकते हैं.
यहां आप कैंपिंग, अलाव, रात्रि प्रवास, साहसिक खेल, पिकनिक, नेचर ट्रेल आदि गतिविधियों का मजा ले सकते हैं. यह जगह मुचनार गांव के पास है. इसलिए इस स्थान को मुचनार के नाम से जाना जाता है. यहां आप होमस्टे कर सकते हैं. आप स्थानीय भोजन का आनंद ले सकते हैं. इंद्रावती नदी के तट पर रेत का टीला है, जो बहुत अच्छा है और आप यहां स्नान और तैराकी का आनंद ले सकते हैं.
दंतेवाड़ा की यात्रा के लिए सर्दी सबसे अच्छा समय है. आप यहां सर्दियों के दौरान आ सकते हैं और सभी जगहों की सैर कर सकते हैं.आप यहां अक्टूबर से मार्च के बीच आ सकते हैं. अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम बहुत सुहावना होता है। यहां आप हर जगह आकर घूम सकते हैं.
वैसे तो आप साल में कभी भी दंतेवाड़ा आ सकते हैं. दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन के लिए नवरात्रि सबसे अच्छा समय है. नवरात्रि के दौरान यहां बहुत से लोग दर्शन के लिए आते हैं. दंतेवाड़ा में साल की दोनों नवरात्रि के दौरान काफी भीड़ रहती है. आप यहां विजिट कर सकते हैं.
दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख जिला है. दंतेवाड़ा में परिवहन सुविधा उपलब्ध है. आप यहां आराम से पहुंच सकते हैं. आप यहां हवाई, सड़क और रेल मार्ग से आ सकते हैं.
हवाई मार्ग से दंतेवाड़ा कैसे पहुंचे? || How to reach Dantewada by air
हवाई मार्ग से दंतेवाड़ा पहुंचना बहुत आसान है. दंतेवाड़ा का नजदीकी हवाई अड्डा बस्तर के जगदलपुर में स्थित है. जगदलपुर दंतेवाड़ा से लगभग 88 किलोमीटर दूर है. आप पहले जगदलपुर आ सकते हैं और फिर सड़क मार्ग से दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं.
रेल मार्ग से दंतेवाड़ा कैसे पहुंचे? || How to reach Dantewada by rail
दंतेवाड़ा तक रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है. दंतेवाड़ा में एक रेलवे स्टेशन है. यह रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. आप रेल मार्ग से आसानी से दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं। स्टेशन के बाहर आपको ऑटो मिल जाते हैं.
सड़क मार्ग से दंतेवाड़ा कैसे पहुंचे? || How to reach Dantewada by road
सड़क मार्ग से दंतेवाड़ा पहुंचना आसान है. दंतेवाड़ा से हाईवे गुजरता है जिससे दंतेवाड़ा पहुंचा जा सकता है. आप यहां अपने वाहन से भी आ सकते हैं. आप यहां बाइक और कार से भी पहुंच सकते हैं.दंतेवाड़ा पहुँचने के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध है. यहां प्रमुख शहरों से सीधी बस सुविधा उपलब्ध है. आप आराम से दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं. यहां स्थानीय और निजी बसें चलती हैं. यहां नियमित बस सेवा उपलब्ध है. आप यहां बस से आसानी से पहुंच सकते हैं.
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