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Chandni Chowk Travel Blog : ये हैं Purani Dilli की Food वाली गलियां

Delhi Travel Blog, Old Delhi Travel Blog : Delhi Travel की बात हो तो आप सबसे पहले क्या करते हैं? Google बाबा को आवाज लगाते हैं या मन की सुनकर चल देते हैं, जहां दिल करता है? भई, सच कहिएगा. क्योंकि जबसे Google बाबा आए हैं, उससे भी खतरनाक स्थिति तबसे पैदा हो गई है, जबसे Google बाबा से हर कदम पर मिलने का ट्रेंड आया है. ट्रेंड का कीड़ा ऐसा है कि हर कदम पर बाबा से मुलाकात हो ही जाती है. हमारे एक सखा तो अपने गांव का नक्शा तक Google Map पर खोलकर बार बार देखते हैं. और फिर खूब जूम इन्न, हद्द जूम इन करके हमें अपना घर दिखाते हैं. एक बार नहीं बार बार दिखाते हैं…

खैर, ये तो रही हमारे मन की बात… बात दिल्ली पर लाते हैं. हमारा मिजाज तो ऐसा है गुरू… कि जब मन किया तो घुमक्कड़ी हो गई शुरू… फिर क्या Google बाबा और क्या पूछताछ. झोला उठाकर चल देते हैं. अब देखिए न बात दिल्ली के सफर की हो तो हमें सबसे पहले जो याद आता है, वो दिल्ली का आईटीओ है. या यूं कहिए कि मेट्रो ब्रिज के नीचे से Mandi House Metro Station की तरफ जाने वाली लाल बत्ती का चेहरा याद आ जाता है.

आईटीओ से कुछ आगे वाला ये वो चौराहा है, जहां से एक डगर निकलती है नई दिल्ली की चकाचौंध की तरफ और दूसरी आपको वापस लेकर जाती है, पुरानी दिल्ली वाली गलियों में. तय आपको करना होता है कि चलना कहां है? हम पहले आपको पुरानी दिल्ली वाले सफर का किस्सा सुनाते हैं.
बात Lockdown और Corona के फलूदे से कुछ पहले की है. हम न निकले थे एक इतवारी शाम को दिल्ली के ज़ायके का मजा लेने. गाजियाबाद से आने वाली ईएमयू ट्रेन ने हमें शाम को ठीक पौने चार बजे तिलक ब्रिज स्टेशन उतार दिया था. इस ट्रेन से हम ज्यादातर सफर इसलिए करते हैं क्योंकि दस रुपये में कोई और साधन हमें दिल्ली नहीं पहुंचा सकेगा और वो भी सुपरफास्ट. सिर्फ 25 मिनट में.

मेट्रो पकड़ेंगे तो Kashmere Gate metro staion का इंटरचेंज जान ले ही लेगा और फिर Rajiv Chowk Metro Station की मारामारी अलग. खैर अब तो ITO Metro Station भी बन चुका है लेकिन जो मजा भारतीय रेलवे की ईएमयू में है वो कहां मेट्रो में. सस्ता और टिकाऊ. खैर, हम उतरे Tilak Bridge Railway Station पर. इसके बाद हम धीरे से Andhra School की गली से होते हुए निकल गए ESIC बिल्डिंग की तरफ.

ये वही रास्ता है जो आपको सीधा निकालता है मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की तरफ. अगर हम सीधा लाल बत्ती पार करके आते तो रास्ते में आपको Times of India, Indian Express सहित ढेरों अखबारों की इमारते देखने को मिल जाती लेकिन जो चीज़ रोज देखना होता है, उसे इतवारी शाम को फिर से क्यों देखना. तो हमने शॉर्ट कट अपनाया और फिर निकल आए इसी रास्ते पर थोड़ा आगे.

चलते चलते कदम रुके तो हम खड़े थे Express Building के बस स्टैंड पर. यहां सड़क पार करके दाहिनी तरफ Azad Park है और उसके पीछे Ferozeshah Kotla Fort. इसे लोग दिल्ली का भुतहा किला भी कहते हैं. हम तो कई बार यहां जा चुके हैं. प्रेमिकाओं के साथ भी और अकेले भी. अकेले में खुद से बतियाने और प्रेमिका के साथ सस्ते और टिकाऊ जगह की तलाश करते करते. जहां घंटों हम एक दूसरे में डूबे रहें खाली. न कोई डिस्टर्ब करने आए और न बार बार चिप्स वाला कान पर चिप्स चिप्स चिल्लाने आए. इसलिए यहां प्रेमिका के आगे ऑकवर्ड फीलिंग का अहसास भी नहीं होता है.

आगे बढ़िए. आगे Delhi Gate है. यहां सड़क के बीच में एक ऐतिहासिक दरवाजा आज भी अपने ऐतिहासिक होने की गवाही देता रहता है. अब आप उसे कितना महत्व देते हैं, ये आपके ऊपर है. लेकिन ध्यान रखिए, दिल्ली की ये वो तस्वीर है जिसे आपको इग्नोर नहीं मारना चाहिए. आगे चलने पर आपको सड़क के दूसरी तरफ, यानी आपकी राइट साइड पर Ferozeshah Kotla स्टेडियम दिखेगा, जिसका नाम अब Arun Jaitley Cricket Stadium कर दिया गया है. इस स्टेडियम को देखकर आप दिल को थोड़ा सुकून दे सकते हैं. ये सोचकर कि हां, आज आपने वो स्टेडियम देख लिए जिसमें दिल्ली वाले मैच होते हैं.
इसके आगे एक और चौराहा आपका इंतजार करता है. इस चौराहे का भी खूब महत्व है. यहां से दाहिने चलेंगे तो पहुंच जाएंगे Rajghat पर और बाएं चलेंगे तो मिलेगा आपको Loknayak Jaiprakash Narayan Hospital. थोड़ा और आगे आपको Delite Cinema मिलेगा, जहां दिल्ली कभी झूमकर पहुंचती थी सिनेमा देखने. खैर अब वो भी एक इतिहास ही है. अब हमें न इधर जाना था न उधर. जाना था सीधा, सो वहीं चल दिए.

यहां से आपको पुरानी दिल्ली की महक मिलनी शुरू हो जाती है. फिर से अगर सड़क के दूसरी तरफ देखेंगे तो आपको दरियागंज का ऐतिहासिक पुलिस स्टेशन दिखाई देगा. अंग्रेजों की दी हुई ये वो इमारत है, जिसमें अभी तक बुलंदी कायम है. अब यहां आप कुछ चिकन, मटन का मजा ले सकते हैं और हम जैसे शुद्ध शाकाहारी जूस, फल और कचौड़ी का.

आगे बढ़ते जाइए. दरियागंज जैसे ही पार करेंगे एक और चौराहा आएगा. यहां आपको कुछ याद आएगा. अरे नहीं नहीं. आपको कैसे याद आएगा. आप कोई न यहां आए हैं. हम आए हैं. पहले. यहां दरअसल, सड़े को कभी रौनकें हुआ करती थीं. पीछे जो रास्ता छोड़ आए वहां तो अभी भी किलो के हिसाब से किताबें मिलती दिख जाएंगी लेकिन यहां आ हा हा… क्या जूते मिलते थे बंधु. Leather से लेकर Sports Shoe और Party wear Shoe. सब एक से बढ़कर एक. हमने कतई खतरनाक वाली शॉपिंग की है यहां से. अब सड़क वाली मार्केट तो थी ये लेकिन रेट एकदम जुदा. 2 हजार के जूते मिलते थे यहां. वही जूते जो शोरूम में शायद 15 हजार के मिलें. ब्रांड का नाम नहीं बताएंगे, वर्ना बवाल हो जाएगा.

दिल्ली की ये संडे मार्केट कई लोगों के लिए अलादीन के चिराग जैसे था. यहां शर्ट्स, जींस, जूते, बेल्ट, सब मिलता था. और तो और. घर की जरूरत का हर सामान. कालीन, फिश एक्वेरियन से लेकर नट बोल्ट तक. सब चौंका देने वाले रेट के हिसाब से. लेकिन अब ये सब भी बीते कल की बातें हैं.
अब हम चले जा रहे थे, चले जा रहे थे. रास्ते में ठहरकर गन्ने का जूस पिया. यहां से आप चाहें तो Jama Masjid भी जा सकते हैं. कहते हैं, वहां पर कोई Meena Bazar भी है. यहां जाकर आप भी खरीदारी कर सकते हैं. Jama Masjid से आगे बढ़ेंगे तो यहां से चिड़ियों की मार्केट शुरू हो जाती है. आपको हैरतंगेज खूबसूरती से लबरेज पक्षी यहां मिल जाएंगे और वो भी 250 से 300 रुपये जोड़े के हिसाब से. हां, पिंजड़े की कीमत इसमें शामिल नहीं होती है.

अब आपको दाहिनी तरफ, सड़क के उस छोर पर लाल किले की दीवार दिखाई देगी. यहां से बढ़ते रहिए. Delhi Red Fort आपका इस्तेकबाल करेगा और बाई तरफ दिल्ली का मिजाज आपको दावत देता हुआ दिखाई देगा. भाई, अगर बिरयानी शिरयानी के शौकीन हैं तो पुरानी दिल्ली जन्नत है आपके लिए. जामा मस्जिद की गलियां तो रातों रात इसी चकाचौंध में डूबी रहती हैं. लोग कहां कहां से नहीं आते वहां का स्वाद चखने. आप भी अगर उन्हीं शौकीनों में हैं तो चले आइए.

यहीं आपको Haveli Dharampura भी मिलेगी. वहां के स्वाद के कहने ही क्या. उंगलियां चाटते रह जाएंगे. हालांकि यहां वीडियो शीडियो वाला फंडा काम नहीं आएगा. बल्कि हवेली वाले आपसे पैसा मांगते हैं इस चीज का. अब, थोड़ा ही आगे बढ़ेंगे तो आपको एक तरफ, Red Fort नजर आएगा और दूसरी तरफ Chandni Chowk की तरफ जाता हुआ रास्ता. यही वो रास्ता है जहां से आप Chandni Chowk की सैर कर सकते हैं. आप चाहें तो Red Fort घूम सकते हैं और चाहें तो Chandni Chowk की सैर पर आगे बढ़ सकते हैं.

अब Delhi का Chandni Chowk जगह ऐसी है, जहां करने को बहुत कुछ है. आपको यहां कोने पर चिड़ियों का अस्पताल दिखेगा. वहीं पर है Digambar Jain Mandir. Digambar Jain Mandir के बगल में कुछ प्रसाद की दुकाने हैं. हालांकि आप इन्हें मिठाई की दुकान समझें तो भी हर्ज नहीं होगा. इसके बाद थोड़ा आगे दाहिनी तरफ Sr James Church में भी आप जा सकते हैं. ये ऐतिहासिक महत्व वाला चर्च है. यहीं पर आपको Gurudwara Sis Ganj Sahib मिलता है. आप चाहें तो इस गुरुद्वारे का इतिहास जान सकते हैं, कुछ पल ठहरकर शांति का अनुभव ले सकते हैं और लंगर का स्वाद चख सकते हैं, Gurudwara में सेवा भी कर सकते हैं.

Things to do in Chandni Chowk : भैया दिल से कहें तो Chandni Chowk के दिल में इतना कुछ है कि आप जितना समेटें, उतना ही कम है. अगर आप जज़्बात रखते हैं तो आपको यहां की दुकानों की दीवारें भी प्यार करती नजर आएंगी और नहीं तो आपको सिर्फ यहां भीड़ भाड़ और शोर शराबा ही परेशान कर देगा. यहां खाने पीने से लेकर घूमने तक के लिए बहुत कुछ है लेकिन आप क्या करना चाहते हैं, उसे पहले समझ लें.

आप अगर घूमने के शौकीन हैं तो यहां की हवेलियों को देख सकते हैं. हालांकि, अब आपको कोई भी हवेली Haveli Dharampura जैसी तो नहीं ही मिलेगी. हां, कईयों को गोदाम के रूप में इस्तेमाल होता हुआ आप जरूर देख लेंगे तो तकलीफ में आ जाएंगे.

Haveli’s in Old Delhi : Chandni Chowk कभी हवेलियों से गुलजार रहा करती थी. अब ये हवेलियां तो नजर नहीं आती लेकिन उनकी छाप आप जरूर देख सकते हैं. Best haveli;s of chandni chowk में आपको Ghalib ki Haveli और Seth Chunnamal ki Haveli अभी आसानी से नजर आ जाएगी. Ghalib ki Haveli में तो आप आज भी आसानी से जा सकते हैं लेकिन किसी जमाने में दिल्ली के सबसे अमीर सेठ रहे Chunnamal ki Haveli में जाने के लिए आपको उनके वंशजों से इज़ाजत लेनी होगी. सेठ चुन्नामल का परिवार आज भी इस हवेली में रहता है. इसके नीचे कई बड़े ब्रैंड्स के शोरूम भी हैं. इसके अलावा Haveli’s in Chandni Chowk में आपको Jahaz mahal, Zafar Mahal, Zeenat Mahal, Khazanchi haveli, Haksar Haveli, Begum Samru ki haveli, आज भी खंडहर बनकर ही सही, लेकिन नजर आ जाएगी.

What to eat in Chandni Chowk : Chandni Chowk में खाने के लिए बहुत कुछ है, ये आप सबसे सुनते रहे होंगे लेकिन फैसला आपको ही करना होगा तभी सही और गलत का फर्क आपको साफ नजर आएगा. हमारा मतलब है कि भैया Paranthe wali Gali की शॉप्स में स्टार्स की तस्वीरें देखकर मुगालते में कतई न आएं. यहां के परांठे निहायत ही बकवास कैटिगरी के हैं. इसपर आपको हम एक अलग आर्टिकल पढ़वा देंगे. ऐसी ही कई और भी बुरे अनुभव हैं, जिनसे यहां आपको बचना चाहिए.

Best Sweets in Chandni Chowk की लिस्ट में  Daulat ki Chaat, Firni, Shahi Tukda, Rabri Parantha, Kulle Chaat, Mango Kulfi जैसे Desserts हैं.

Best places in Chandni Chowk for Non Vegetarian : अगर आप मेरी तरह वेजिटेरियन नहीं हैं और नॉन वेज खाने का शौक रखते हैं तो आपको Chandni Chowk की इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए. ये जगहें हैं- Karim (opened in 1913), Ashok Chat Corner, Aslam Chicken, Lalu Kababee, Al Jawahar, Jugal Kishore Ramji Lal Chaat Wale, Haaji Sharbati Nihari Wale, Pahelwan Biryani Wala, Kuremal Mohan Lal Kulfi Wale, Jung Bahadur Kachaori Wale, Bade Mian ki Kheer- Old Kheer Shop, Nawab Qureshi, Cool Point, Kallan Sweets . अगर आप इन जगहों पर जाकर एक बार स्वाद भी चख लेंगे तो यकीन मानिए आपको उदासी हाथ नहीं लगेगी. आप चांदनी चौक दिल में बसाकर घर लौटेंगे.

इसके साथ ही आप यहां Fatehpuri Mosque भी देख सकते हैं. ये मस्जिद भी कभी Seth Chunnamal की जागीर थी. Chandni Chowk में Balli Maran से आप जूते खरीद सकते हैं. Nai Sadak मार्केट से किताबें खरीद सकते हैं. इससे थोड़ा आगे बढ़ने पर दाहिनी तरफ Khari Baoli मार्केट के तो कहने ही क्या. एक से बढ़कर एक मसाले का जंक्शन है ये. काजू बादाम तो खरीदें हैं, यहां से आम पापड़ भी आप खर लेकर जा सकते हैं. खजूर भी खूब शानदार मिलते हैं यहां पर. ये सब तो है ही, चांदनी चौक के सीने में, इसके अलावा भी बहुत कुछ है. इस आर्टिकल में चांदनी चौक से संबंधित लिंक्स पर जरूर क्लिक करें. और हमारा ये आर्टिकल आपको कैसा लगा, जरूर बताएं.

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