Travel Blog

Bangladesh Border Journey: सिंदूर और साड़ी… डबल डेकर ब्रिज से आगे ऐसा है मेघालय!

Bangladesh Border Journey: नॉन्गरिअट गांव ( Nongriat Village ) में डबल डेकर ब्रिज ( Double Decker Bridge in Meghalaya ) के सफर के बाद अब अवसर था बांग्लादेश बॉर्डर ( Bangladesh Border ) जाने का. हालांकि, मेरे प्लान में ये टूर कहीं नहीं था लेकिन अचानक मिले 3 दोस्तों की वजह से ये मौका खुद चलकर हमारे पास आया. आप वीडियो में इस पूरे सफर को देख सकेंगे. पढ़ने का भी एक अलग आनंद है, इसलिए हमने आपके लिए बांग्लादेश के भोलागंज ( Bholaganj at Bangladesh Border ) तक के सफर का ब्लॉग लिखा है. आइए इस सफर की शुरुआत करते हैं…

नॉन्गरिअट गांव की जर्नी के बाद || Journey After Nongriat Village

नॉन्गरिअट गांव ( Nongriat Village ) का सफर समय पर पूरा करने के बाद, दीपक और रोहित के साथ हम चल दिए थे उनके गांव की ओर. स्कूटी से कुछ ही दूर बढ़े थे कि ध्यान पेट्रोल पर गया. टंकी खाली थी. हम एक ऐसे रास्ते पर थे, जो पूरी तरह उजाड़ था. यहां ट्रकों की आवाजाही बहुत ज्यादा थी. सड़क खराब थी, धूल उड़ रही थी… यहां मैंने एक बात और ऑब्जर्व की. यहां मुझे पहली बार हिंदू आबादी और उनके घर दिखाई देने शुरू हो चुके थे.

बांग्लादेश बॉर्डर पर कैसी है जिंदगी || Life at Bangladesh Border

Bangladesh Border के पास माथे पर सिंदूर, बंगाली शैली का रहन सहन और वही लिबास ( Bengali Culture )… तालाब से पानी भरती महिलाएं… कमाल की माहौल था. यह एक ट्रांजिशन का फेज था. कल्चर का ट्रांजिशन, जिसे मैंने आखों से देखा. यहां इलाका बीएसएफ का था. बीएसएफ के इस एरिए में, एक तरफ बांग्लादेश था, तो दूसरी तरफ भारत था. इन इलाकों से होते हुए… मैं चला जा रहा था.

पहली बार मैंने कंटीले तारों को देखा. तारों की ये दीवारें अक्सर ही पाकिस्तान से सटी सीमा की देखी थी लेकिन बांग्लादेश बॉर्डर पर साक्षात जीवन में पहली बार मैं इसे देख रहा था. आगे चलकर दीपक का घर आया. यह घर Kurikhal Village में था.

बंगाली परिवार के घर पर लंच || Lunch at Bengali Family House

दीपक का घर एकदम ग्रामीण इलाके में था. यहां बहुत मुश्किल से हमारी स्कूटी उनके घर के बरामदे में जा सकी. ऐसा इसलिए क्योंकि रास्ते में रोड़ी बजरी बहुत ज्यादा थी. घर में गया तो अनुभव शानदार रहा. हाथ मुंह धोया और फिर हम घर में गए. पहली बार मैं किसी बंगाली परिवार ( Bengali Parivaar ) के घर में गया. घर भी ऐसा जो बॉर्डर पर था.

यहां पहले चाय आई और फिर आया लंच. मेरी थाली में ऑमलेट नहीं था. गौरव की थाली में इसका ख्याल रखा गया था. अब मैं ठहरा वेजिटेरियन… भरपेट खाना खाकर तबीयत खुश हो गई.

परिवार के लोगों के साथ खूब बातें की, तस्वीरें खिंचवाई. अब यहां से हम निकल चले बॉर्डर की ओर. रास्ते में एक शिव मंदिर भी दिखा. मेघालय के पूरे सफर में यह पहला मंदिर था जिसे मैंने देखा था. यहां एक नदी आई, जिसमें लोग मछली पकड़ रहे थे.

यहीं पर खुले बॉर्डर से पार करके मैं बांग्लादेश ( Bangladesh ) में गया. यहां मन से निकली बात को मैंने वीडियो में रिकॉर्ड किया. यह वो बात थी जो विभाजन का दर्द देखकर निकली थी.

जिस बॉर्डर के तार को मैं कुछ देर पहले देखकर खुश हो रहा था, जब मैंने उस सीमा को पार किया तो मन भावुक हो गया. ये तो हमारा ही हिस्सा था न! फिर इन तारों को देखने की खुशी क्यों? काश, हम बटें न होते.

मन में दर्द लिए अब हम बढ़ चले थे Tharia River की ओर. यह नदी जिस रास्ते को पार करके थी, वह तो और भी बुरा था. रास्ते भर धूल. ट्रकों की वजह से टू व्हीलर से यहां तक आना बेहद मुश्किल है.

इन्हीं रास्तों से होता हुआ जब मैं थारिया ( Tharia ) पहुंचा, तो ऐसा लगा मानों सारी तकलीफ छूमंतर हो गई हो. यह नदी तो डाउकी जैसी थी. हूबहू वैसी ही. कमाल की जर्नी रही ये. नदी में मैंने बोटिंग की, दीपक रोहित और गौरव के साथ.

नदी में बोटिंग करने के बाद और कुछ पल यहां बिताने के बाद मैं और गौरव चल दिए वापस शिलॉन्ग की ओर. दो रात पहले जिस जोखिम को हमने झेला था, उससे बचने की पूरी कोशिश थी इसलिए हम समय को लेकर बेहद चौकस थे.

जिस रास्ते से हम शिलॉन्ग के लिए निकले थे, वह भी कुछ किलोमीटर तक खराब था. हालांकि इस बार लेटलतीफी की वजह बनी गौरव की मीटिंग. गौरव के ऑफिस की एक कॉल थी और इस वजह से एक गांव में हमें 1 घंटे से ऊपर का वक्त लगा.

हम साढ़े 7 बजे के लगभग शिलॉन्ग पहुंचे. बीच में स्कूटी वाले का भी फोन आना शुरू हो गया था. आखिर में स्कूटी को हमने तय दिन पर लेट होते होते लौटा दिया. अब अगले दिन की तैयारी थी.

इसी रात हमने क्रेम लियाट प्रा केव ( Krem Liat Prah Cave ) और क्रांगसूरी वाटरफॉल ( Krang Suri Waterfall ) के लिए गाड़ी बुक कर ली थी. सफर शुरू होने वाला था अगले दिन…

इन दोनों जगहों पर हमारे साथ क्या क्या हुआ, इसकी पूरी कहानी अगले वीडियो में… वैसे इसका वीडियो हमारे Youtube Channel पर उपलब्ध है. आप देख सकते हैं. मिलते हैं अगले ब्लॉग में, अपना ध्यान रखें…

Recent Posts

Chhath Puja 2024 Day 3 : जानें, सूर्यास्त का समय, पूजा अनुष्ठान, महत्व और अधिक

Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More

2 hours ago

High Uric Acid Control : हाई यूरिक एसिड से हैं परेशान, सुबह खाली पेट खाएं ये सफ़ेद चीज़

High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More

20 hours ago

Kharna puja 2024 : इस चीज के बिना अधूरी है खरना पूजा, जानिए 36 घंटे के निर्जला व्रत की विधि

 Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More

1 day ago

Chhath Puja 2024 : 36 घंटे के व्रत के दौरान इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें

Chhath Puja 2024 :  महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More

1 day ago

Dev Diwali 2024 : जानें, कब है देव दिवाली, समय, महत्व और अनुष्ठान

Dev Diwali 2024:  देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More

2 days ago

Cashews Quality Check : असली या नकली काजू? इन ड्राई फ्रूट्स की क्वालिटी जांचने के लिए अपनाएं ये 5 आसान तरीके

Cashews Quality Check : काजू सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, वहीं मिलावटी काजू… Read More

2 days ago