Morbi Tour Guide : मोरबी शहर मच्छु नदी के तट पर स्थित एक शहर है, जो कि यूरोपियन शैली की आर्किटेक्चर और पारंपरिक का एक अद्भूत मिश्रण है. इस शहर का झूला पुल उस युग की तकनीकी प्रगति का शानदार उदाहरण है, इस ब्रिज को अंग्रेजों के द्वारा ब्रिटिश शासनकाल में बनवाया गया था. मोरबी शहर में प्रवेश के तीन द्वार है. इस शहर को यूरोपीय शैली के आधार पर बनाया गया था.
मोरबी गुजरात का मुख्य जिला है. मोरबी गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 212 किलोमीटर दूर है.मोरबी जिले के बीच से मच्छु नदी बहती है. मच्छु नदी मोरबी जिले में पानी की पूर्ति करती है. यह मोरबी जिले की मुख्य नदी है. मोरबी जिला बहुत सुंदर है और यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं. मोरबी जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं. चलिए जानते हैं – मोरबी जिले में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है.
हैंगिंग ब्रिज को सस्पेंशन ब्रिज या जूल्टो पुल के नाम से भी जाना जाता है और यह जगह सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है. ब्रिज के नीचे स्थित मच्छू नदी, जुल्टो पुल 1.25 मीटर चौड़ी है और 233 मीटर तक फैली हुई है. यह झूला पुल मोरबी में ही बना हुआ है. यह पुल विक्टोरियन लंदन की याद दिलाता है.
श्री रफालेश्वर महादेव मंदिर मोरबी का एक फेमस मंदिर है. यह मंदिर मोरबी जिले में रफालेश्वर गांव के पास स्थित है. यह मंदिर बहुत सुंदर है. यह मंदिर प्राचीन है. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना पांडवों के द्वारा की गई थी और मंदिर में जो शिवलिंग विराजमान है, उसकी पांडव पूजा किया करते थे.
मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं. मुख्य मंदिर के बाहर आपको नंदी भगवान जी की बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है. यहां पर आकर बहुत शांति मिलती है.
ग्रीन टावर मोरबी में घूमने वाली मुख्य जगह है. यहां पर आपको एक सुंदर टावर देखने के लिए मिलता है. यह टावर एफिल टावर से प्रभावित होकर बनाया गया है. इस टावर का निर्माण महाराजा लखधीर जी ने किया था. यह टावर पूरी तरह से हरा रंग का है. इसलिए इस टावर को ग्रीन टावर कहा जाता है.
यह टावर यूरोपीयन स्टाइल में बना हुआ है. यहां पर टावर के नीचे ईट की बिल्डिंग बनी हुई है और टावर की छत में तीन मंजिला लोहे की बिल्डिंग बनी हुई है, जो बहुत सुंदर लगती है और इसमें घड़ी भी लगी हुई है. यह मोरबी का एक मुख्य लैंड मार्क है और आप यहां पर आकर इसे देख सकते हैं. यहां पर आपको मोरबी का बाजार भी देखने के लिए मिलता है.
रंजीत विलास पैलेस मोरबी शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है. यह एक सुंदर महल है. यह महल मोरबी में वांकनेर में स्थित है. यहां पर आकर आपको एक बहुत ही बड़ा और भव्य महल देखने के लिए मिलता है. महल के सामने एक बड़ा सा बगीचा है. इस महल में पर्यटकों के आने की मनाही है.
आप इस महल को बाहर से ही देख सकते हैं. महल में आपको बहुत सारी पुरानी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है.महल के अंदर फोटो लेना मना है. रंजीत विलास शाही महल का निर्माण 1907 ईस्वी में महाराजा अमर सिंह जी के द्वारा किया गया था. वह झाला राजवंश के शासक थे. यह मोरबी की सबसे अच्छी जगह है.
स्वामीनारायण मंदिर मोरबी शहर का एक फेमस मंदिर है. यह मंदिर मोरबी जिले में वांकनेर में स्थित है. यह मंदिर बहुत ही सुंदर है. यह मंदिर स्वामीनारायण भगवान जी को समर्पित है. मंदिर में आपको स्वामीनारायण भगवान जी, गुनातीतानंद स्वामी जी, राधा कृष्ण जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है.
मंदिर में आपको ठहरने के लिए और भोजन की व्यवस्था भी है. आप यहां पर आकर रात्रि विश्राम कर सकते हैं और आपको यहां पर सात्विक भोजन भी मिल जाता है. मंदिर का वातावरण बहुत अच्छा है और यहां पर आकर सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है. यह मोरबी के सबसे अच्छे स्थानों में से एक है.
श्री भीमनाथ महादेव मंदिर मोरबी शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. यह एक धार्मिक स्थल है. यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है. यह मंदिर बहुत सुंदर है. इस मंदिर के पास आपको एक बहुत बड़ा जलाशय देखने के लिए मिलता है. यहां पर मंदिर के आसपास चारों तरफ पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं.
मंदिर से जलाशय का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है. यह मंदिर मोरबी जिले में टंकारा तहसील में स्थित है. आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं.
भीमनाथ महादेव मंदिर पर एक छोटा सा गार्डन बना हुआ है और बच्चों के खेलने के लिए प्ले एरिया है. यहां पर पार्किंग के लिए भी जगह है. आप अपने वाहन से इस जगह पर पहुंच सकते हैं.
यहां पर आकर आपको सूर्यास्त का सुंदर नजारा देखने के लिए मिल जाता है. यहां पर आपको गौ माता का बहुत ही सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलता है, जो बहुत आकर्षक लगता है.
मंदिर के गर्भ गृह में शंकर भगवान जी का शिवलिंग विराजमान है और नाग देवता की प्रतिमा विराजमान है. यहां पर और भी देवी देवता देखने के लिए मिलते हैं. यह जगह चारों तरफ हरियाली से घिरी हुई है. यहां पर आपको बरगद का एक बहुत बड़ा वृक्ष देखने के लिए मिलता है.आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं.
स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म स्थान मोरबी का एक प्रमुख स्थल है. यह मोरबी में घूमने लायक जगह है. यहां पर आपको बहुत ही सुंदर आश्रम देखने के लिए मिलता है. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने एक महान संत थे, जिन्होंने आर्य समाज की स्थापना की थी. उन्होंने समाज कल्याण में बहुत सारे काम किए थे.
दयानंद सरस्वती का जन्म गुजरात के मोरबी जिले के टंकारा में हुआ है. यहां पर आपको स्वामी दयानंद सरस्वती जी के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली जाएगी. यहां पर बहुत बड़ा आश्रम बना हुआ है और स्वामी दयानंद सरस्वती जी की मूर्ति, पेंटिंग और उनकी बहुत सारी वस्तुओं को यहां पर संभाल कर रखा गया है. आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं.
केदारेश्वर महादेव मंदिर मोरबी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है. यह मंदिर प्राचीन है. यह मंदिर केदारेश्वर में सुसवाव गांव में बना है. यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं. यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं. यहां पर महाशिवरात्रि के समय और सावन सोमवार के समय बहुत सारे लोग शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं.
मंदिर के पास में ही आपको एक जलाशय देखने के लिए मिलता है, जो ब्राह्मणी नदी पर बना हुआ है. यह जलाशय भी बहुत सुंदर रहता है. बरसात के समय जब जलाशय में पानी पूरी तरह से भर जाता है. तब इसका पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है.
रामपुरा वन्यप्राणी अभयारण्य मोरबी में देखने लायक एक मुख्य स्थान है. यह जगह पर्यटक के लिए खुली नहीं है. यहां पर पर्यटक के जाने की मनाही है. अगर आप स्पेशल परमिशन लेकर आते हैं, तो आप यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं. यहां पर एशियन लायन का ब्रीडिंग सेंटर हैय इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं. यहां पर पक्षियों की भी बहुत सारी प्रजाति है..
मणि मंदिर मोरबी शहर के सबसे प्रमुख आकर्षण केंद्रों में से एक है. इस मंदिर को मोरबी के राजा ने अपनी रानी की याद में बनवाया था. उनकी रानी के नाम पर ही इस मंदिर का नाम रखा गया है. इसके साथ ही दूसरी ओर मणि मंदिर है जो कि मां लक्ष्मी को समर्पित मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण जयपुरी पत्थर से किया गया है. जिसमें राजस्थानी शैली की नक्काशी की गई है.
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