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Monsoon Travel : भारत के 5 सबसे ऊंचे झरने जिन्हें मानसून में जरूर देखना चाहिए

Monsoon Travel : भारत प्राकृतिक चमत्कारों की भूमि है और इसके झरने भी अपवाद नहीं हैं.  मानसून के आगमन के साथ, ये शानदार झरने खिल उठते हैं. झरनों के शानदार व्यू नजर आते है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी की भागदौड़ से एक ताज़गी भरा एहसास देते हैं. यहां हम आपको बताएंगे भारत के पांच सबसे ऊंचे झरने के बारे में , जिन्हें आपको इस मानसून में जरूर देखना चाहिए, ताकि आप उनकी पूरी भव्यता का अनुभव कर सकें.

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1. कुंचिकल फॉल्स, कर्नाटक || Kunchikal Falls, Karnataka

ऊंचाई-455 मीटर (1,493 फ़ीट)

पश्चिमी घाट में बसा, कुंचिकल फॉल्स भारत का सबसे ऊंचा झरना है. कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित, यह वरही नदी द्वारा निर्मित है और चट्टानी इलाके से नीचे गिरता है, जिससे एक शानदार नज़ारा बनता है. आसपास के घने जंगल और समृद्ध जैव विविधता इस छिपे हुए रत्न के आकर्षण को और बढ़ा देते हैं. प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित होने के कारण, यहां जाने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है, जिससे यह प्रकृति प्रेमियों के लिए कम भीड़-भाड़ वाला और शांत स्थान बन जाता है.

2. बरेहीपानी झरना, ओडिशा || Barehipani Waterfall, Odisha

ऊंचाई- 399 मीटर (1,309 फीट)

ओडिशा के मयूरभंज जिले के सिमलीपाल नेशनल गार्डन में स्थित बरेहीपानी झरना भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है. बुधबलंगा नदी से पोषित यह दो-स्तरीय झरना मेघासनी पर्वत से गिरता है, जो हरे-भरे वातावरण की बैग्रउंड में एक शानदार व्यू दिखाई देता है. यह पार्क विभिन्न प्रकार के वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी है. जिस एंडवेंचर पसंद है और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए एक परफेक्ट जगह बनाता है.

3. नोहकलिकाई झरना, मेघालय || Nohkalikai Falls, Meghalaya

ऊंचाई: 340 मीटर (1,115 फीट)

पृथ्वी पर सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में से एक चेरापूंजी के पास स्थित, नोहकलिकाई झरना भारत का सबसे ऊंचा झरना है. यह 340 मीटर की ऊंचाई से एक खूबसूरत हरे भरे तालाब में गिरता है, यह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला व्यू दिखाई देता है. नोहकालिकाई नाम का अर्थ है “का लिकाई की छलांग” और यह एक दुखद स्थानीय किंवदंती से जुड़ा हुआ है. धुंध भरी पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा यह झरना मानसून के दौरान देखने लायक है, जब यह अपने सबसे शक्तिशाली और सुंदर रूप में होता है.

4. नोह्सिंगिथियांग फॉल्स, मेघालय || Nohsingithiang Falls, Meghalaya

ऊंचाई: 315 मीटर (1,033 फीट)

सात बहनों के झरने के रूप में भी जाना जाने वाला नोह्सिंगिथियांग फॉल्स मेघालय में स्थित एक और मानसून चमत्कार है.  यह खंडित झरना पूर्वी खासी पहाड़ियों की चूना पत्थर की चट्टानों पर 315 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. झरने को बनाने वाली सात धाराएं पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो एक शानदार व्यू भाव पैदा करती हैं, खासकर जब सूरज की रोशनी होती हैं.  भारी बारिश के बाद इसे सबसे अच्छा देखा जा सकता है जब धाराएं भरी होती हैं.

5. दूधसागर झरना, गोवा || Dudhsagar Falls, Goa

ऊंचाई: 310 मीटर (1,020 फीट)

दूधसागर झरना, जिसका अर्थ है दूध का सागर, भारत के सबसे फेमस झरनों में से एक है. यह गोवा में मंडोवी नदी पर स्थित है. 310 मीटर की ऊंचाई वाला यह चार-स्तरीय झरना है जो चट्टानी इलाके से नीचे गिरते समय दूधिया झाग बनाता है. यह अपने नाम के अनुरूप है.हरे-भरे हरियाली और पश्चिमी घाटों से घिरा यह झरना एक शानदार व्यू दिखाई देता है यह दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां आने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान है जब झरना अपने पूरे शबाब पर होता है.

ये शानदार झरने न केवल शानदार व्यू दिखाई करते हैं बल्कि प्रकृति में एक शांत स्टो भी कर सकते है.  मानसून के दौरान इनका दौरा करने से आप इनकी पूरी भव्यता और सुंदरता को देख पाएंगे. तो, अपना बैग पैक करें, मानसून के जादू का आनंद लें और इन झरनों को अपने ऊपर हावी होने दें!

 

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Komal Mishra

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