Manipur Travel Blog : हमारा भारत अपनी ख़ूबसूरती के लिए मशहूर है. फिर चाहे वह कश्मीर के पहाड़ हो या केरल के समुन्द्र तट. हमारे देश के उत्तर पूर्वी राज्य भी सुंदरता से भरपूर है, ऐसा ही एक उत्तर पूर्वी राज्य है मणिपुर जहां की प्राकर्तिक सुंदरता निराली है। यहां बहुत ज्यादा संख्यां में टूरिस्ट नहीं आते इसलिए यह राज्य अभी कुछ अनछुआ है.तो चलिए आज मणिपुर की सैर पर चलते हैं.
लोकतक लेक: ये उत्तर पूर्व की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है जिस पर अनोखे तैरते टापू हैं। इन टापुओं पर पैर रखने से ये हिलते हैं। ऐसे ही एक बड़े टापू पर पूरा गांव बसा है जिसे देखना एक अनोखा अनुभव है।
श्री गोविन्द जी मंदिर: सुरुचिपूर्ण ढंग से बना ये कृष्ण भगवान का मंदिर अपने आप में बेजोड़ है। गोविंदजी मंदिर में सुबह 11 बजे के बाद मिलने वाला भोजन प्रसाद ज़रूर ग्रहण करें। यहाँ शाम की आरती और फेमस मणिपुरी रास भी देखने योग्य है।
कंगला फोर्ट: सोलहवीं शताब्दी में बना ये किला मणिपुर के बनने और उजड़ने की कहानी कहता है। पैदल, साइकिल या बैटरी कार से एक से दो घंटे में ये पूरा फोर्ट आराम से देख सकते हैं।
आईएनए वॉर म्यूजियम: इस म्यूजियम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यादों को संभाल कर रखा गया है।
पोलो ग्राउंड: हॉर्स पोलो की उत्पत्ति मणिपुर में ही हुई थी। यहाँ आप पोनी से खेला जाने वाला पोलो भी देख सकते हैं।
वॉर सेमिट्री: यह दूसरे विश्वयुद्ध में मणिपुर में मारे गए ब्रिटिश सैनिकों की याद में बनाया गया है।
ईमा मार्किट: ये मणिपुर की सबसे बड़ी मार्किट है। इसे मदर्स मार्किट भी कहा जाता है। इस मार्किट की खासियत ये है की इसमें लगभग पांच हज़ार दुकाने हैं और सबकी दुकानदार महिलाएं हैं।
मोरेह: मोरेह मणिपुर का सीमांत क़स्बा है जो आधा भारत तो आधा म्यांमार में है । यहाँ से म्यांमार के तमु कस्बे तक पैदल ही जाया जा सकता है। म्यांमार जाने के लिए कुछ शुल्क लेकर पास जारी किया जाता है जिसके ज़रिये कुछ घंटो के लिए तमु जा सकते हैं। तमु और मोरेह दोनों ही जगह बड़ा बाजार है जहाँ म्यांमार के साथ साथ थाईलैंड और चीन से लाया गया सामान वाजिब दामों पर उपलब्ध है। इन बाज़ारों में भारतीय रुपया भी चलता है।
संगाई फेस्टिवल: नवंबर के महीने में होने वाला वार्षिक संगाई फेस्टिवल मणिपुर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। दस दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में मणिपुर के विभिन्न रंग देखे जा सकते हैं।
क्या खाएं: मणिपुर का मांसाहारी खाना बहुत स्वादिष्ट होता है। खासकर मछली क्योंकि यहां ज्यादातर मीठे पानी की मछली पायी जाती है। शाकाहार में चटपटा काला चना विशेष रूप से खाया जाता है। मीठे में केक और काले चावल की खीर यहाँ बहुत मशहूर है।
क्या खरीदें: यहाँ से आप मणिपुरी हेंडीक्राफ्ट, ऊनी कपडे, कंबल, काला चावल और लाल मिर्ची वाजिब दाम में ले सकते हैं।
मणिपुर जाने का सबसे सही समय सितंबर से अप्रैल है। इन दिनों यहाँ का मौसम सुहावना होता है। नवंबर से फरवरी के बीच ठण्ड रहती है।
कैसे जाएं मणिपुर || How to reach Manipur
हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे मणिपुर || How to reach Manipur by air
मणिपुर के लिए दिल्ली और अन्य शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट उपलब्ध है।
ट्रेन से कैसे पहुंचे मणिपुर || How to reach Manipur by train
इम्फाल में रेल सेवा नहीं है। दिल्ली से नागालैंड के दीमापुर रेलमार्ग से आया जा सकता है, फिर वहां से बस द्वारा इम्फाल आया जा सकता है।
बस से कैसे पहुंचे मणिपुर || How to reach Manipur by bus
नागालैंड और असम से बस द्वारा मणिपुर पहुंचा जा सकता है।
कहाँ रुकें || where to stay
मणिपुर में टू स्टार से लेकर फाइव स्टार तक कई होटल सहज उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप होम स्टे भी ले सकते हैं।
तो सोचिये मत, मेग्नीफिसेंट मणिपुर आपको पुकार रहा है।
चले आइये !
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