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जानें, आमेर किला के बारे में कुछ Interesting facts

Amer Fort :  राजस्थान के ऐतिहासिक किले देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित आमेर का किला भी यहां के सबसे चर्चित स्थलों में से एक रहा है. 16वीं सदी में बना यह किला राजस्थानी कला और संस्कृति का अद्भुत नमूना है. यह किला एक स्वर्णिम युग का साक्षी रहा है.

इसका निर्माण स्थानीय मीणाओं ने करवाया था. एक ऊंची पहाड़ी पर बना आमेर का किला दूर से भव्य नजर आता है. अगर आपकी इतिहास में रुचि है तो आपको इस किले से जुड़ी रोचक बातें जानने में मजा आएगा. (Amer Fort) तो आइए जानते हैं इस किले से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स.

आमेर या अंबर किले का नाम मां अंबा देवी के नाम पर रखा गया है. यहां रहने वाले मीणाओं का मां दुर्गा में गहरा विश्वास था और उन्होंने मां के नाम पर ही इस किले का नाम रख दिया. एक और किवदंति ये है कि इस किले का नाम अंबिकेश्वर के नाम पर पड़ा, जो भगवान शिव के ही एक रूप हैं. इस किले में एक तरफ बड़े-बड़े गलियारे नजर आते हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां संकरी गलियां भी हैं. मुगल और राजपूत की स्थापत्य कला का यह बेजोड़ नमूना है. आमेर किले के ठीक सामने बनी झील इस किले की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देती है.

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It took 100 years to build the fort

आमेर का किला 16वीं सदी में राजा मान सिंह के समय में बनना शुरू हुआ था, लेकिन राजा सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम के समय में भी इसका निर्माण कार्य चलता रहा. इन राजाओं के प्रयासों के चलते इस किले को वर्तमान स्वरूप मिला. इन राजाओं ने इस किले की वास्तुकला पर विशेष ध्यान दिया, इसीलिए इसे बनकर तैयार होने में काफी वक्त लगा. राजा मान सिंह से राजा सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह तक के शासन काल में 100 साल का समय बीत गया.

Shila Devi Temple

आमेर के किले में शिला देवी मंदिर स्थित है. इस मंदिर के पीछे एक रोचक कहानी है. माना जाता है कि राजा मान सिंह के सपनों में मां काली ने दर्शन दिए और उनसे जेसोर(बांग्लादेश के करीब स्थित एक जगह) के करीब अपनी प्रतिमा खोजने को कहा. राजा मान सिंह ने मां के आदेश का पालन किया, लेकिन उन्हें वहां मां की मूर्ति मिलने के बजाय एक बड़ा सा पत्थर मिला. मां शिला देवी की प्रतिमा खोजने के लिए इस पत्थर की सफाई की गई और इस तरह यहां शिला देवी का मंदिर बन गया. आज भी श्रद्धालुओं की इस मंदिर में गहरी आस्था है.

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Sheesh Mahal

किले के भीतर की यह सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है. इस भवन की विशेषता यह है कि यहां शीशे इस तरह से लगाए गए हैं कि इसमें लाइट जलाने पर पूरा भवन जगमगा उठता है. बॉलीवुड डायरेक्टर्स के लिए यह जगह फेवरेट रही है. दिलीप कुमार और मधुबाला की फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के गाने ‘प्यार किया तो डरना क्या के गाने की शूटिंग यहीं हुई थी

आमेर के किले का यह प्रवेश द्वार है, जहां से महाराजा महल के अंदर प्रवेश किया करते थे. गणेश पोल पर ऊपर की तरफ एक छोटा सा झरोखा नजर आता है. यह खिड़की ना सिर्फ इस खूबसूरत आर्कीटेक्चर का हिस्सा थी, बल्कि यह यहां रहने वाली रानियों को ध्यान में रखकर भी बनाई गई थी, जिससे वे आसपास के खूबसूरत नजारों को देख सकें. पहले के समय में शाही घराने से आने वाली महिलाओं को लोगों के बीच जाने की इजाजत नहीं थी, इसीलिए महल में उनके मनोरंजन के पूरे इंतजाम किए गए थे.

Best Time To Visit Amer Fort Jaipur

सर्दियां अक्टूबर से मार्च तक होती हैं और जयपुर शहर में छुट्टियों का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है. इन महीनों में दिन बहुत सुहावने हैं लेकिन रातें 4°C से कम ठंडी होती हैं. अगर आप इन महीनों में यात्रा करते हैं तो अपने साथ ऊनी कपड़े ले जाना ना भूलें.

यहां गर्मी अप्रैल से जून तक पड़ती है और इस इस दौरान मौसम बहुत गर्म और शुष्क होता है. इस समय जयपुर का तापमान 44°C–45°C के बीच होता है और गर्म हवाएं भी चलती हैं. मानसून का महिना यहां जुलाई से सितंबर तक होता है लेकिन जयपुर में मध्यम से कम बारिश होती है.

How To Reach Amer Fort

By Air

अगर आप आमेर का किला घूमने के लिए जयपुर जा रहे हैं तो आपको बता दें कि हवाई जहाज द्वारा जयपुर की यात्रा करना आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा. सांगानेर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से नियमित रूप से चलने वाली कई एयरलाइनों से जुड़ा हुआ है. सांगानेर से आमेर किले की दूरी करीब 27 किलोमीटर है जिसके लिए किसी भी टैक्सी या कैब की मदद ले सकते हैं.

By Road

राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (RSRTC) राजस्थान राज्य के भीतर जयपुर और प्रमुख शहरों के बीच कई लक्जरी और डीलक्स बसें चलाता है. आपको जयपुर के लिए नई दिल्ली अहमदाबाद, उदयपुर, वडोदरा, कोटा और मुंबई जैसे शहरों से नियमित बसें मिल जाएँगी.

By Train 

अगर आप आमेर का किला जयपुर से जाना चाहते हैं तो बता दें कि जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के अन्य हिस्सों एक्सप्रेस ट्रेनों की मदद से जुड़ा हुआ है. जयपुर रेलवे स्टेशन से आप कैब या टैक्सी की मदद से अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

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