Know here which is the best place to visit in Chaibasa
Chaibasa-दक्षिणी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक छोटा सा शहर है चाईबासा. चारो ओर से हरे-भरे पेड़-पौधों से घिरा हुआ सारंडा जंगल के पास यह एक आदिवासी बहुल इलाका है जो अपने सबसे नजदीकी बड़े शहर जमशेदपुर से 60 किलोमीटर और राज्य की राजधानी रांची से 145 किलोमीटर की दूरी पर है.
जनजातीय क्षेत्र होने के कारण चाईबासा मुख्य रूप से स्थानीय लोगों द्वारा मनाये जाने वाले त्योहारों जैसे की सोहराई आदि के लिए जाना जाता है. झारखंड के पुराने पर्व-त्यौहार, नृत्य कलाएं आदि की मौजूदगी के कारण ही यह शहर भी रांची जैसा ही आभाष कराता हुआ जान पड़ता है. यहां बोले जाने वाली भाषाओं में हिंदी, संथाली, हो, मुंडारी आदि प्रमुख हैं. शहर के अंदर रूंगटा गार्डन एवं शहीद पार्क मुख्य दर्शनीय स्थल हैं.
चाईबासा और इसके आस-पास के इलाके खनिज संसाधनों से भरे पड़े है. रुंगटा माइंस लिमिटेड नामक एक कंपनी का मुख्यालय भी यहां स्थित है जो की झारखंड-उड़ीसा सीमा में लौह-अयस्क और मैंगनीज़ का खनन करती है. नजदीकी खनन इलाके जैसे की नोवामुण्डी, किरीबुरू और जोड़ा भी आस-पास ही स्थित है जिनके गर्भ से दशकों से बहुमूल्य खनिजों का निरंतर निष्कासन हो रहा है. मात्र 15 किलोमीटर की ही दूरी पर झींकपानी नामक जगह में एसीसी (ACC) का सीमेंट कारखाना स्थित है. इस तरह अगर देखा जाय तो समूचा दक्षिणी झारखंड का इलाका ही लौह अयस्क सम्बंधित उद्योगों से भरा हुआ है.
दक्षिणी झारखंड का एकमात्र यूनिवर्सिटी कोल्हान यूनिवर्सिटी भी चाईबासा में ही स्थित है, जबकि आश्चर्य इस बात की है की नजदीकी बड़े शहर जमशेदपुर में आज तक कोई यूनिवर्सिटी नहीं है. यहां स्कूल अच्छे हैं, और निजी स्कूल भी काफी संख्या में हैं.
झारखंड एक पठारी राज्य है और इसके हर हिस्से में कोई न कोई पहाड़ी या नदी का होना स्वाभाविक है. जैसा की इससे पहले के कुछ पोस्टों में मैंने रांची और इसके आस पास के कुछ मनमोहक जलप्रपातों एवं घाटियों का जिक्र किया था, इसी तरह चाईबासा में भी कुछ इसी तरह के दृश्य मौजूद हैं.
चाईबासा के मुख्य मार्ग से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर लुपुंगहुटु नामक एक पिकनिक स्थल है. देखने में तो यह एक सामान्य पिकनिक स्पॉट जैसा ही है लेकिन इसकी भी अपनी एक विशेषता है. 10-12 पेड़ों से घिरा हुआ यह एक छोटा सा स्थान है. जहां निरंतर पतली-पतली गर्म जलधाराएं बहती रहती हैं.
दरअसल ये जलधाराएं पेड़ों के जड़ों से ही निकल रही थी. चट्टानों के किनारे बहने वाली धारा पर पत्ते लगाकर लोग बोतलों में जल इकठ्ठा भी कर रहे थे. ऐसी मान्यता भी है की इस जल से कुछ स्वास्थ्य लाभ भी होता है.चाईबासा की एकमात्र नदी रोरो भी नजदीक ही बहती है. आस -पास आबादी ज्यादा नहीं है, सिर्फ एकांत प्रकृति ही है. चाईबासा रेल मार्ग से भी भली भांति जुड़ा हुआ है.
शाहिद पार्क पश्चिम सिंहभूम में एक नव विकसित पार्क है, जिसे झारखंड सरकार द्वारा प्रशासित किया जाता है. यह प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने वाले लोगों के लिए आराम करने के लिए एक आदर्श जगह है. पश्चिम सिंहभूम में छुट्टियों अपने करीबों के साथ आनंद लेने का सही जगह हैं.
लातेहार में Sunrise point से लेकर कई और जगहें हैं घूमने के लिए बेहतर
गांव मंझारी प्रखण्ड में स्थित है. इसके बाहरी हिस्से पहाडों से घीरा एक छोटा सा झील है. झील के पश्चिम में स्थित वन डाक बंगला एक सुंदर प्राकृतिक दृश्य का आदेश देता है. थकोरा झरना लगभग 6 किलोमीटर दूर है.
गांव चक्रधरपुर ब्लॉक में स्थित है और इसके शिव मंदिर के लिए जाना जाता है. शिव चतुर्दशी और चैत्र संक्रांति (महीने-अप्रैल) के अवसर पर सालाना बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं.
हिरणी गांव 40 किमी स्थित है. रांची-चाईबासा रोड पर चक्रधरपुर है इसमें घने जंगलों के बीच एक खूबसूरत झरना होता है, यह लोकप्रिय पिकनिक स्थान है.
जगन्नाथपुर गांव एक 45 किलोमीटर दूर स्थित है. चाईबासा के दक्षिण-पश्चिम गांव का नाम इसके संस्थापक, पोराहट के राजा जगन्नाथ सिंह से मिलता है. इसमें भगवान शिव का एक पुराना मंदिर है.
Pakur tour : पाकुड़ घूमने के लिहाज से है एकदम परफेक्ट Place
जोजोहतु गांव 22 किमी स्थित है जंगलों के बीच चाईबासा के पश्चिम सिंघम क्रोमैट्स कंपनी और टिस्को द्वारा क्रोमैट्स जमा और लौह अयस्क खदान के लिए यह उल्लेखनीय है.
Chatra tour- झारखंड के चतरा में है घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें, यहां लें पूरी जानकारी
केरा गांव लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है. चक्रधरपुर में ब्लॉक मुख्यालय के उत्तर-पूर्व। यह चैत्र-संक्रांति के अवसर पर आयोजित वार्षिक तीन दिवसीय मेले के लिए जाना जाता है. गांव में भगवती मंदिर है, जो बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है.
कोटगढ़ गांव जगन्नाथपुर ब्लॉक में स्थित है. स्थानीय विश्वास के अनुसार, यह बहुत शक्तिशाली भारतीय शासकों की सीट थी, जिनके प्रभाव जगन्नाथपुर, मंजरी, मंजंज और चक्रधरपुर के क्षेत्रों में फैल गए थे, जो कि एक सदी पहले ही थे. नारपत सिंह ने कोटगढ़, जगन्नाथपुर और जंतिगढ़ में किले बनाया था, जो राजवंश के अंतिम राजा थे.
यह केवल 2 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है. चाईबासा शहर के पश्चिम. इसमें एक बारहमासी प्राकृतिक वसंत है, जो एक लोकप्रिय पिकनिक स्थान है.
यह स्थान लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है. गोयलकेरा से इसमें भगवान महादेव का एक महत्वपूर्ण मंदिर है. शिव रत्री के अवसर पर सालाना एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है.
गांव लगभग 14 किमी स्थित है. चक्रधरपुर में ब्लॉक हेड-क्वार्टर से यह उस स्थान के अवशेषों के लिए जाना जाता है जिसे पारंपरिक रूप से राजा मण सिंह के रूप में जाना जाता है, जिसे जाति द्वारा सोरग (सिक) था. गांव में पौरी देवी का एक मंदिर है.
गांव पूर्व पोरहाट राज का मुख्यालय होता था, जो जिले के एक बड़े हिस्से में फैला था.
गांव जगन्नाथपुर ब्लॉक में स्थित है और मकर संक्रांति दिवस (जनवरी) पर आयोजित वार्षिक मेले के लिए जाना जाता है. इसमें एक शिव मंदिर और बैतरनी नदी पर एक झरना है. स्थानीय परंपरा के मुताबिक, भगवान रामचंद्र ने मेकर संक्रांति दिवस पर इस नदी को पार किया, जब मेला आयोजित किया जाता है.
गांव 46 किलोमीटर है. मनोहरपुर में ब्लॉक मुख्यालय के दक्षिण में. यह सुंदर रूप से 1800 फीट की ऊंचाई पर जंगलों के बीच स्थित है और विशेष रूप से खेल के लिए आगंतुकों को खींच सकता है। सबसे पुराना साल का पेड़ “सरंडा क्वीन” यहां मौजूद है. पेड़ का परिधि 25 फीट है.
यह पश्चिम सिंहभूम और उड़ीसा की सीमा में स्थित है. इस जगह का नाम राजा बेनी के नाम पर रखा गया था. यह पुरातात्विक निष्कर्षों के लिए प्रसिद्ध है.
By Train : रांची से कोई सीधी ट्रेन नहीं है, लेकिन कुछ ट्रेनें चाईबासा से रांची वाया टाटानगर रेलवे स्टेशन से जुड़ी हुई है.
By Air : चाईबासा के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है. जमशेदपुर (सोनारी हवाई अड्डा) चाईबासा से 62 किमी की दूरी पर स्थित नजदीकी हवाई अड्डा है और रांची (बिरसा मुंडा हवाई अड्डा) चाईबासा से 138.2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
By Road : पश्चिमी सिंहभूम-चाईबासा का जिला प्रमुख क्वाटर रांची वाया-एनएच -20 से उपलब्ध पहुंचने के लिए अन्य मार्ग वाया जमशेदपुर-हाटा रोड NH-6 है जो लगभग 1 घंटा 45 मिनट का समय लेता है.
Rangbhari Ekadashi 2025: हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी… Read More
Char Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री… Read More
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में एकाग्रता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है.… Read More
Spring Season 2025 : वसंत ऋतु सबसे सुखद मौसमों में से एक है, जिसमें फूल… Read More
Dharamshala travel Blog Day 1 धर्मशाला उत्तर भारत का एक शहर है. यह हिमाचल प्रदेश… Read More
Vietnam Travel Blog : वियतनाम एक खूबसूरत देश है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, शानदार लैंडस्केप… Read More