Jhumri Telaiya – झारखंड के कोडरमा में झुमरी तलैया पड़ता है. झारखंड खनिज के लिए प्रसिद्ध है. हरे जंगलों से घिरे इस ज़िले में ध्वजाधारी पहाड़ी भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है और हर महाशिवरात्रि को यहां पूजा होती है. बरसोती नदी के नज़दीक बसे इस ज़िले में चंचल धाम नाम की एक जगह भी है जहां पर प्रसिद्ध माँ चंचलानी देवी की पूजा होती हैं.
‘झुमरी तलैया’ दो नामों से मिलकर बना है- ‘झुमरी’ और ‘तलैया’. ‘झुमरी’ नाम यहां के स्थानीय सांस्कृतिक नृत्य ‘झुमरी’ के नाम से लिया गया है, जबकि ‘तलैया’ शब्द हिन्दी शब्द ‘ताल’ से आया है जिसका अर्थ है ‘तालाब’. कहा जाता है कि दामोदर नदी में आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए तलैया बांध के कारण इसके नाम के साथ तलैया जुड़ा. इस बांध का ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि यह आजादी के बाद देश में बनाया गया पहला बांध है.
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झुमरी तलैया सिर्फ रेडियो श्रोताओं के लिए ही प्रसिद्ध नहीं रहा, बल्कि यह कस्बा एक समय अपनी अभ्रक की खदानों के लिए भी बहुत मशहूर था. 1890 में कोडरमा के आसपास रेल की पटरी बिछाने के दौरान यहां अभ्रक की खानों का पता चला, इसके बाद ही यहां कई खनन उद्योग अस्तित्व में आए. सबसे ज्यादा अभ्रक यूएसएसआर को निर्यात किया जाता था, जिसका प्रयोग वहां अंतरिक्ष और सैनिक उपकरणों में होता था.
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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस छोटे से झुमरी तलैया में समृद्ध अभ्रक व्यापारियों ने कई विला और आलीशान घर भी बनाए गए हैं. 1960 के दशक में तो मर्सिडीज और पोर्श जैसी कारें झुमरी तलैया में दिखना आम-सा हो गया था. झुमरी तलैया के नाम एक समय सबसे ज्यादा फोन कनेक्शंस और फोन कॉल करने का रिकॉर्ड भी है. लेकिन 90 के दशक में यूएसएसआर के विघटन और अभ्रक के क्रृत्रिम विकल्प की खोज के बाद खनन कारोबार में उतार का दौर शुरू हो गया.
1200 फ़ीट लम्बे और 99 फ़ीट ऊंचे इस डैम से आपको झारखंड के जंगलों की सुन्दरता और साफ़ आसमान दोनों दिखाई देते हैं. लेकिन इसका निर्माण दर्शन के लिए नहीं, बल्कि बाढ़ को रोकने के लिए किया गया था. यह एक टूरिस्ट स्पॉट है. बरकर नदी पर बना झारखंड का यह पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन डैम है. इसे 1953 में आम लोगों के घूमने फिरने के लिए शुरू किया गया था. तब से यह लोगों का पसन्दीदा टूरिस्ट स्पॉट बन गया है.
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माँ चंचला देवी को दुर्गा जी का ही रूप माना जाता है. उनकी एक गुफ़ा भी है यहां पर मौजूद है. भक्त यहां से आसानी से गुज़र जाते हैं. मंगलवार और शनिवार को यहां पर भक्त बड़ी संख्या में जुटते हैं.
चंचला माँ का यह प्रसिद्ध मंदिर समुद्र तल से 400 फ़ीट ऊपर बना है. और यहां पर पहुंचने के लिए आपको ज़िले से गिरिडीह-कोडरमा हाइवे पर 33 किमी0 का लम्बा सफ़र तय करना होगा. इस मंदिर में माँ को मिश्री और चावल का भोग लगाया जाता है और कई मौक़ों पर बड़ी संख्या में शादी की रस्में भी होती हैं. कहते हैं जो भी यहां के नियमों का ठीक से पालन नहीं करता, उसको कोई विषैला जीव आकर काटता जरूर है.
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कोडरमा से 70 किमी0 दूर स्थित है घोड़सिमर धाम. अगर किसी को पुरातत्त्व की चीज़ों से मोहब्बत है, तो समझो स्वर्ग का टिकट यही है. घोड़सिमर बड़ता है घाटकिमसर के अन्दर, जो कि देवघर धाम के ठीक बगल में स्थित है. पुरातत्त्व विभाग के लिए और इनसे जुड़ी चीज़ों के लिए लोगों का दल आपको हमेशा यहां पर मिलेगा. देवघर धाम, पहाड़ नदी कुछ घूमने की जगहें हैं यहां पर है.
कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट झुमरी तलैया से बहुत दूर नहीं है. यह रांची हवाई अड्डे और कोडरमा रेलवे स्टेशन के ठीक बीच में स्थित है. दामोदर नदी और दामोदर घाटी भी यहाँ की देखने लायक जगहों में एक हैं. अगर आप यहां पर घूमने के लिए आ रहे हैं तो कोडरमा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट के साथ साथ चूरचूर आइलैण्ड देखना बिल्कुल न भूलें. यह जगह वाक़ई देखने घूमने, मौज मस्ती करने, खाना पकाने, खाने, शाम का आनन्द लेने के लिए परफ़ेक्ट है.
प्रकृति की गोद में बसा हुआ पेत्रो झरना झारखंड के कुछ गिने चुने प्रसिद्ध जलप्रपातों में एक है. यहां पर पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले एक घने जंगल से होकर गुज़रना पड़ता है, तब जाकर आप यहां पहुंच पाते हैं. यहां पहुंचना अपने आप में एक जोखिम भरा काम है, लेकिन इसके बाद भी यहां पहुंचने वालों की संख्या में कभी कमी नहीं होती. सितंबर में या फिर मॉनसून के महीनों में यहां आने का लाभ उठाया जा सकता है.
By Air Jhumri telaiya
झुमरी तल्लैया का नजदीकी हवाई अड्डा रांची है जो झारखंड की राजधानी है. पर्यटक यहां से बस या कैब के जरिये झुमरी तल्लैया पहुंच सकते हैं.
By Train Jhumri telaiya
ट्रेन द्वारा इस कस्बे का अपना रेलवे स्टेशन है-जिसका नाम है कोडरमा रेलवे स्टेशन, जोकि बड़े-बड़े शहरों जैसे दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, भुवनेश्वर से कई ट्रेनों के जरिए जुड़ा हुआ है, जिनमें राजधानी एक्सप्रेस भी है.
By Road Jhumri telaiya
सड़क द्वारा झुमरी तल्लैया सड़क से अच्छे से जुड़ा हुआ है, अगर आप सड़क द्वारा जा रहे हैं तो नेशनल हाइवे 31 ले सकते हैं जोकि रांची-पटना रोड कहलाता है. यह ग्रांड ट्रंक रोड से 23 किलोमीटर दूर स्थित है. कोडरमा घाटी अपने यू-आकार के मोड़ों के लिए प्रसिद्ध है और जिलेबी घाटी (जलेबी घाटी) के नाम से जानी जाती है.
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