Khajjiar Travel Guide : खज्जियार हिमाचल प्रदेश में एक शानदार जगह है. हरे-भरे घास के मैदानों का विशाल विस्तार, घने देवदार के जंगल, और बर्फ से ढके कैलाश के व्यू, खज्जियार एक प्रकृति प्रेमी का स्वर्ग है और इसके आसपास बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस है. हिमाचल के गुलमर्ग के रूप में भी जाना जाता है, (Khajjiar Travel Guide) यह चंबा, डलहौजी और कालाटोप वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ट्रेक के लिए एक शुरुआती केंद्र भी है.
यहां उन जगहों की लिस्ट दी गई है, जहां हिमाचल के पहाड़ों में आरामदेह छुट्टी बिताने के लिए खज्जियार और उसके (Khajjiar Travel Guide) आसपास की जगहों की सैर की जा सकती है.
चंबल जिले में स्थित, सुंदर खज्जियार झील 1920 मीटर की विशाल ऊंचाई पर स्थित है और आसपास की घाटी का एक शानदार व्यू दिखाई देता है. ‘मिनी स्विजरलैंड’ के नाम से प्रसिद्ध, खज्जियार अपनी पैराग्लाइडिंग और घुड़सवारी के लिए फेमस है.
खज्जियार झील का पानी आसमान के नीले रंग के आपोजिट चमकता है, और आप इसका कई दिलचस्प तरीकों से आनंद ले सकते हैं – जैसे ही सूरज ढलता है, परिदृश्य के माध्यम से टहलें, या खज्जी नाग मंदिर की यात्रा करें, जिसमें जटिल लकड़ी की नक्काशी और एक है। सोने का पानी चढ़ा हुआ गुंबद. यदि आप भाग्यशाली हैं और आसमान साफ है, तो आप खज्जियार झील से कैलाश पर्वत की एक झलक भी देख सकते हैं.
प्राकृतिक सुंदरता और पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचकारी साहसिक खेलों मजा ले सकते हैं. एक पैराग्लाइडिंग यात्रा के लिए आपको 3000 रुपये और 4000 रुपये के बीच कुछ भी खर्च करना होगा. आप घोड़े की पीठ पर हिमाचल की कोमल पहाड़ियों को भी पार कर सकते हैं, और यह निश्चित रूप से आपको एक बेहतरीन एहसास देगा.
झील के स्थल के पास स्थित, नाग मंदिर 12 वीं शताब्दी में बनाया गया था. नाग या नागों के भगवान को समर्पित, यह हिमाचल राज्य का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है, और संघ से, खज्जियार झील भी बहुत पूजनीय है. मंदिर का निर्माण सरल है और हिंदू और मुस्लिम दोनों वास्तुकला का सूक्ष्म प्रतिबिंब है. लकड़ी से बने नाग मंदिर में भगवान शिव और देवी हिडिंबा की मूर्तियां हैं, जबकि आंतरिक गर्भगृह में महाभारत के महाकाव्य युद्ध में कौरवों को हराने वाले पांडवों की लटकी हुई छवियां हैं.
कैलाश व्यू खज्जियार में एक ऐसा पीक पॉइंट है जहां से आप को कैलाश पर्वत के खूबसूरत व्यू देख सकते हैं पूरे विश्व में रहने वाले लगभग सभी हिंदुओं का यह विश्वास है की कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है. हिमाचल प्रदेश में डलहौजी और खज्जियार ऐसी जगहों में से एक है जहां से आप पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं.
पांच पांडव ट्री खज्जियार आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. इस पेड़ की जड़ से 6 अलग-अलग टहनियां निकल रही हैं. स्थानीय निवासियों में इस पेड़ से जुड़ी हुई एक बहुत ही प्रबल मान्यता है.
खज्जियार के स्थानीय निवासियों के अनुसार इस पेड़ की 6 टहनियां महाभारत के समय के पांच पांडवों की तरफ इशारा करते है और इस पेड़ की छठी टहनी पांडवों की धर्म पत्नी द्रौपदी की तरफ इशारा करती है. इस पेड़ से कुछ ही किलोमीटर दूर डलहौजी और खज्जियार रोड पर भी एक देवदार का पेड़ है. इस पेड़ की कुल 13 टहनियां निकली हुई हैं
इन 13 टहनियों की वजह से इस पेड़ को “मदर ट्री” भी कहा जाता है. पांच पांडव ट्री खज्जियार के मैदान में बने हुए रेस्ट हाउस के पास में स्थिति है, इस पेड़ के पास से खज्जियार में बने हुई स्कूल और एक छोटे से गांव की तरफ रास्ता भी जाता है.
स्थानीय हस्तशिल्प से निर्मित वस्तुयें खरीदने के लिए खज्जियार का तिब्बती हस्तशिल्प केंद्र पर्यटकों के लिए उपयुक्त जगह है. खज्जियार के तिब्बती हस्तशिल्प केंद्र में हाथों से बने हुए कालीन और वॉल-हैंगिंग पर्यटकों द्वारा बेहद पसंद किये जाते हैं.
इसके अलावा तिब्बती संस्कृति से संबंधित कई तरह की चीडें भी आप को तिब्बती हस्तशिल्प केंद्र में बड़ी आसानी से मिल सकती है. तिब्बती शॉल और तिब्बत के स्मृति चिन्हों को खरीदने के लिए यह बाजार खज्जियार में परफेक्ट प्लेस माना जाता है. तिब्बती हस्तशिल्प केंद्र में आपको घर की सजावट से जुड़ा हुआ हर तरह का सामान आपको बड़ी आसानी से मिल जाएगा.
अगर आप एकदम खुले मन से खज्जियार या फिर डलहौजी घूमने के लिए आये हैं तो आप को खज्जियार के पास में बने हुए नाइन होल गोल्फ कोर्स जरूर जाना चाहिए. वैसे तो गोल्फ दुनिया के सबसे महंगे खेलों में आता है लेकिन खज्जियार में आप इस शानदार खेल का मजा ले सकते हैं. खज्जियार के मैदानी इलाकों में बना हुआ यह गोल्फ का मैदान आप को स्विटरजरलैंड में होने का एहसास करवाता है.
अगर आप को ट्रैकिंग पसंद है और ऊंचे- ऊंचे पहाड़ों में हाईकिंग का शौक है तो आप खज्जियार से डलहौजी के रास्ते से हिमालय पर्वतमाला की धौलाधर रेंज में ट्रैकिंग करने के लिए जा सकते हैं. वैसे तो धौलाधर रेंज के बर्फ से ढके हुए पहाड़ आप को खज्जियार से बड़ी आसानी से दिखाई दे जाते है लेकिन इन पहाड़ो में ट्रेकिंग करने का मजा कुछ अलग ही स्तर का होता है. खज्जियार से धौलाधर रेंज तक पहुंचने के लिए आप डलहौजी के रास्ते से बस या फिर टैक्सी के द्वारा जा सकते हैं.
अगर आप को कश्मीर की जैसी खूबसूरत वादियां या फिर कश्मीर के जैसी डल झील को देखना है तो आप को खज्जियार से 125 किलोमीटर दूर धर्मशाला के पास स्थित डल झील जरूर देखने जाना चाहिए. धर्मशाला के पास में स्थित डल झील हूबहू कश्मीर की डल झील के जैसी दिखाई देती है.
इस झील का प्राकृतिक वातावरण इतना लुभावना है की आप एकबार यह भूल जाओगे की आप हिमाचल प्रदेश में नहीं बल्कि आप कश्मीर में है. प्राकृतिक व्यू, फोटोग्राफी और बोटिंग के लिए डल झील पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है.
सुबह 07:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक.
प्रवेश निःशुल्क।
डलहौजी, खज्जियार और चंबा के आसपास के क्षेत्रों में अंग्रेजों ने औपनिवेशिक समय में काफी समय बिताया है. अपने शासनकाल के समय यहाँ रहते हुए अंग्रेजों ने इस क्षेत्र में कई तरह की इमारतों का निर्माण करवाया था.
प्रशासनिक इमारतों के अलावा अंग्रेजों ने इस क्षेत्र के आसपास बहुत सारे चर्च का भी निर्माण करवाया था. इस क्षेत्र में बनी हुई लगभग सभी इमारतें और चर्च ब्रिटिश वास्तुकला से प्रभावित है. खज्जियार से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चर्च ऑफ स्कॉटलैंड भी औपनिवेशिक काल में बना हुआ एक चर्च है जिसका निर्माण 1899 में तत्कालीन राजा शाम सिंह द्वारा करवाया गया था.
चर्च ऑफ स्कॉटलैंड का निर्माण कार्य 6 वर्षों तक चला था और 1905 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया था। ऐसा कहा जाता है की इस चर्च का निर्माण स्कॉटिश भिक्षु डॉ। M’Clymont की देखरेख में पूरा हुआ था. यह चर्च इस क्षेत्र में औपनिवेशिक काल में बनी हुई सबसे अच्छी इमारतों में से एक माना जाता है.
सुबह 10:00 बजे से शाम 08:00 बजे तक।
ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से खज्जियार में कोई एयरपोर्ट नहीं है. आप अगर फ्लाइट से खज्जियार आना चाहते है तो गग्गल एयरपोर्ट से आप खज्जियार बड़ी आसानी से पहुंच सकते है. गग्गल एयरपोर्ट को कांगड़ा एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है. खज्जियार से गग्गल एयरपोर्ट की दूरी 110 किलोमीटर है. गग्गल से आप डलहौजी और चंबा के रास्ते से खज्जियार बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं.
आप अगर ट्रैन से खज्जियार आने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो पठानकोट का रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है. पठानकोट रेलवे भारत के प्रमुख शहरों के रेलवे स्टेशन से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. खज्जियार से पठानकोट की दूरी 96 किलोमीटर है. यहां से आप बस और टैक्सी के द्वारा बहुत आसानी से खज्जियार पहुंच सकते हैं.
डलहौजी और चंबा जैसे शहरों से खज्जियार सड़क मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. इन शहरों से आप हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट सर्विस की बसों से आप खज्जियार बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं. आप चाहे तो अपने निजी वाहन या फिर टैक्सी के द्वारा भी खज्जियार बहुत आसानी से पहुंच सकते है.
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