मनाली लेह राजमार्ग उन सड़कों में से एक है जो कि पृथ्वी के स्वर्ग कहे जाने वाले लेह-लद्दाख की तरफ जाता है। ये दुनिया के उन राजमार्गों में से एक है जो कि लगभग हर प्रकृति प्रेमी को पसंद आता है। भारत और विदेशों के यात्रियों का अपने जीवन में कम से कम एक बार इस खतरनाक और खूबसूरत राजमार्ग पर यात्रा करने का सपना होता है।
अगर आपने अच्छी तरह से रिसर्च नहीं की है, तो मनाली लेह राजमार्ग पर यात्रा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। 474 किलोमीटर लंबे मनाली लेह राजमार्ग में से लगभग 350 से ज्यादा रास्ते में कोई रहता नहीं है और इसलिए आप अपनी यात्रा के ज्यादातर हिस्से में अकेले ही होंगे। यहां तक कि मनाली-लेह राजमार्ग पर 365 किलोमीटर के लिए पेट्रोल या डीजल नहीं मिल रहा है। इसलिए, मनाली-लेह राजमार्ग पर यात्रा करने के लिए सही योजना की जरूरत है ताकि इसे एक यादगार अनुभव बनाया जा सके।
मनाली लेह हाईवे ट्रेवल गाइड
ट्रेवल जुनून आपको आज अपने इस लेख के जरिये मनाली लेह हाईवे की ट्रेवल गाइड देने की कोशिश कर रहा है। जिससे आपको अपनी यात्रा को प्लान करने में आसानी होगी। सबसे पहले तो आप इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप मनाली–लेह हाईवे का मजा लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लेह वाली तरफ से जाना चाहिए। यानी कि लेह से मनाली जाएं ना कि मनाली से लेह। इससे आप इस हाईवे का ज्यादा मजा ले सकेंगे। मनाली से लेह की यात्रा आपके मजे को खराब कर सकती है। क्योंकि आप ज्यादातर वक्त 4000 मीटर की ऊंचाई के ऊपर है, तो इस कारण आपका शरीर इतनी जल्दी से उस वातावरण का अपना नहीं पाता जिससे कि AMS और उसके लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन लेह से मनाली की तरफ आते वक्त आपके शरीर को आसानी रहेगी।
दूसरा जब आप अपनी यात्रा में होते हैं तो लेह और मनाली के बीच में सरचू आता है जहां पर रहने के लिए अच्छे विकल्प मिलते हैं। नहीं तो आप एक दिन मनाली से कीलोंग और दूसरे पर कीलोंग से लेह तक चलेंगे। लेकिन अगर आप मनाली से आ रहे हैं तो सरचू में सोने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर आपका शरीर पूरी तरह से जवाब ना दे चुका हो।
तो आप अपनी लेह की यात्रा को इस हिसाब से प्लान करें कि आप जाते वक्त श्रीनगर के जरिये जाएं और वापसी में लेह मनाली हाईवे से यात्रा करें।
लेह मनाली जानें के लिए सबसे अच्छा मौसम
मई के महीने में इस हाईवे पर आप जा सकते हैं तभी रोहतांग पास और बारालचा ला खुलता है। जिस दौरान आप लेह मनाली हाईवे पर यात्रा कर सकते हैं। वहीं जून से सितंबर के बीच में ही लेह मनाली हाईवे की यात्रा करने का सबसे सही वक्त होता है।
शुरुआती वक्त में यानी कि जून में कोई भी बर्फ से सजे हुए रास्ते दिख सकते हैं, जिस कारण सड़क की स्थिति ड्राइव करने के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। हालांकि बाद के वक्त में यानी कि अगस्त से सितंबर तक सड़कों की स्थिति लगभग पूरी तरह से ठीक हो चुकी होती है। बीआरओ द्वारा इन सड़कों पर रखरखाव का कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं जून के महीने में मौसम का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है और बारिश की संभावना भी होती है। इसके चलते मनाली-लेह राजमार्ग पर कुछ हिस्सों को बंद किया जाता है ताकि भूस्खलन से बचा जा सके।
जुलाई और अगस्त के महीने में भारत के उत्तरी हिस्सों में भी मानसून आ जाता है। हालांकि रोहतांग पास के उत्तरी किनारे पर स्थित केलांग और उससे आगे का हिस्सा इन मानसून की बारिश से अछूते रहते हैं। इसलिए जुलाई-अगस्त में आप यहां पर आसानी से जा सकते हैं।
जून जुलाई के महीनों में ऊपर के हिस्सों में बर्फ पिघलती है जिस वजह से छोटी नदियां बननी शुरु हो जाती है। जिन्हें पार कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। कई बार तो दोपहर के वक्त इन नालों और नदियों को पार करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। जिस वजह से कई बार आपको बीच में ही कुछ वक्त के लिए रुकना पड़ता है। इसलिए आप पहले से ही इससे जुड़ी तैयारी भी करके चलें। और कोशिश करें कि जितना सुबह हो सके निकल जाएं।
अपने साथ क्या-क्या लेकर जाएं
अपने साथ टूलकिट, छोटा हथोड़ा, पंक्चर ठीक करने की किट, 2-3 लीटर खाली बोटल जिसमें ज्यादा पेट्रोल या डीजल रख सकें, रस्सी। वहीं अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो इसकी सर्विस जरूर करवा कर ले जाएं।
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