Goa Travel Blog : मेरी Goa Journey कई पड़ावों से होकर गुजरी थी. पहले दिन समंदर किनारे बैठकर वेजिटेरियन खाने से पेट खराब किया तो Baga Beach और Calangute Beach पर डांस करती लड़कियों को देखने का पहला एक्सपीरियंस भी मिला. लड़कियों के लिए पहली बार बार में Free Drinks और Free Entry के बोर्ड्स टंगे देखे थे, साथ ही पहली बार रात के 2 बजे शॉट्स और वेस्टर्न ड्रेस पहनकर Beach पर Dance करतीं लड़कियों के ग्रुप्स भी देखे. Calangute Beach की शांति ने दिल जीत लिया. स्कूटी से North Goa नापने की कोशिश भी की. Baga Beach, Calangute Beach, Vegetor Beach, Anjuna Beach पर शाम और सुबह का मजा लूटा, होटल के Swimming Pool में जमकर मस्ती की, Dolphin Point पर जाकर पहली बार बीच समंदर में Dolphins की उछलकूद देखी, साथ ही भाई का गिफ्ट किया नया मोबाइल भी स्वाहा किया. ये सब करने के बाद आखिरी दिन की घड़ी भी आ गई थी.
इस पूरी Goa Journey में मेरे मित्र अमित हिसारिया मेरे साथ थे. जो दोस्त के साथ साथ गाइड का काम भी बखूबी निभा रहे थे. अमित इससे पहले भी Goa Journey कर चुके थे इसलिए मैं उन्हीं पर ज्यादा डिपेंड था. अब आखिरी दिन से एक दिन पहले ही अमित की फ्लाइट थी इसलिए आखिरी दिन मुझे, श्रीमती जी और पीहू के साथ अकेले ही अंतिम पड़ाव को पार करना था. मैं एक दिन पहले ही अपने शेड्यूल को फिक्स कर चुका था. इसमें सुबह जाकर काजू और चॉकलेट्स खरीदना, Beach Walk, Drinks, Swimming Pool में नहाना और गाड़ी करके टाइम से वापस एयरपोर्ट के लिए निकलना था. चूंकि हमारी फ्लाइट रात को 11:45 की थी इसलिए हमारे पास पर्याप्त समय था.
सुबह आंख खुलने के कुछ ही देर बाद वाइफ ने उस स्वीट कॉर्न की डिमांड की जिसे हमने दो दिन पहले Anjuna Beach पर खाया था. वाइफ और मैं बीते 3 दिन से अच्छे शाकाहारी खाने के लिए तरस रहे थे. प्रीति की तो तबीयत ही मानो खराब हो गई थी इसलिए उनका मन स्वीट कॉर्न खाने का ज्यादा था. मैं सुबह नहाकर होटल से बाहर आया. मैंने स्कूटी को चेक किया तो देखा कि उसमें अभी भी पेट्रोल बाकी था. मैंने तुरंत ही राहत की सांस ली और Anjuna Beach की तरफ उड़ चला. भला हो उस स्कूटी किराए पर देने वाले का. सच कहूं तो उसने मक्खन की तरह चल रही उस स्कूटी को देकर मेरा दिल खुश कर दिया था. मैं भी ठहरा एक रिस्पॉन्सिबल आदमी. स्कूटी का ख्याल वैसे ही रख रहा था जैसे वह मेरी अपनी ही थी.
मेरी स्कूटी Anjuna Beach की तरफ बढ़े जा रही थी. रास्ते में मैं क्या देख रहा था कि सुबह सुबह गोवा एकदम शांत था. अमूमन इन सड़कों पर पहले के तीन दिन दोपहर 12 बजे के बाद ही आ रहे थे लेकिन पहली बार था कि मैं सुबह 8 बजे उन सड़कों पर था और वह भी अकेले. मुझे सड़क पर भीड़ तो क्या चहलकदमी भी नहीं दिखाई दे रही थी. हां, यह भी ध्यान रखें, कि गोवा में अगर आप जरा भी चूके तो रास्ता भूल जाएंगे. पतली पतली, शांत सड़कें आपको कहां से कहां पहुंचा देंगी आपको पता भी नहीं चलेगा. ये सड़कें किसी गुत्थमगुत्था की तरह आपस में जुड़ी हुई हैं. यही मेरे साथ हुआ, मैं आधे घंटे रास्ता भटकता रहा, लोगों से पूछता रहा, फिर जाकर Anjuna Beach पहुंचा.
Anjuna Beach पहुंचकर तो मुझे ऐसा लगा जैसे सुबह सुबह मेरा कट गया हो. वहां मुझे स्वीट कॉर्न वाला तो दूर, एक पर्यटक त न दिखाई दिया. Anjuna Beach एकदम वीरान था. मैं समझ चुका था कि Goa सिर्फ Night Life के लिए, Day Life के लिए नहीं है. बस क्या था, मैं स्कूटी वापस मोड़ चुका था. आधे घंटे बाद मैं Calangute Beach के पास उसी Ocean Park Resort पहुंच चुका था, जहां हम स्टे कर रहे थे. वहां पर प्रीति और पीहू भी तैयार हो चुके थे. हम तीनों ने तुरत फुरत कैंटीन की तरफ बढ़कर नाश्ता किया. मैंने कैंटीन में ठसाठस पेट भर लिया. इसके बाद हम Calangute Beach की तरफ बढ़ चले.
Calangute Beach का एक्सटेंशन पार्ट होटल के पास ही था इसलिए हम वॉक करते हुए वहां आसानी से पहुंच गए. वहां जाकर प्रीति, मैंने और पीहू ने एक घंटे वहां इंजॉय किया. वहां पर इंदौर का एक ग्रुप हमें मिला. उस ग्रुप का एक पुरुष हमारे पास आया और मुझसे फोटो खींचने का अनुरोध करने लगा. उस शख्स ने मेरी और प्रीति की तस्वीरें खींची. इसके बाद उस शख्स ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं उनके ग्रुप की तस्वीरें क्लिक करूं. मैं तुरंत ही तैयार हो गया. मैंने उनके ग्रुप की कई तस्वीरें खींचीं. इसके बाद ईमेल लिया और दिल्ली आकर उनके ई-मेल पर तस्वीरें भी भेजीं.
इसी Calangute Beach पर मैंने पहली बार Beach पर Bikini पहनकर नहाती विदेशी लड़कियां देखीं. ये सीन इससे पहले मैं सिर्फ टीवी पर फिल्मों में ही देखता रहा था. इन विदेशी लड़कियों ने मुझे देखकर हेलो भी किया. मैं समझ गया कि घुमक्कड़ स्वभाव के ये लोग सचमुच खुले दिमाग के होते हैं. मैंने भी उनको जवाब दिया. इसके बाद मैं, प्रीति और पीहू मस्ती करने लगे. पीहू रेत में प्लाटिक के बर्तनों से घर बनाने में काफी देर तक जुटी रही. काफी जिद करने के बाद वो रिसॉर्ट वापस जाने के लिए तैयार हुई.
रिसॉर्ट वापस आकर हमने पहले शावर लिया, फिर कुछ देर स्वीमिंग पूल में गोते लगाते रहे. पीहू यहां भी जबर्दस्ती करने के बाद ही बाहर आई. वह इतना तेज रोने लगी कि पूरा रिसॉर्ट सुन रहा था. इसके बाद हम होटल रूम में आए. कपड़े चेंज किए और सामान अच्छे से पैक किया. मैंने एक दिन पहले ही होटल से टैक्सी की बाद की थी. होटल से मुझे टैक्सी 3 हजार रुपये में मिल रही थी जो मुझे मेरी पसंद के जगहों पर घुमाते हुए Goa Airport ड्रॉप करती लेकिन मैं पिताजी के कहे अनुसार 3-4 जगहों से रेट लेता हूं. मैंने बाहर जाकर टैक्सी के रेट लिए. मुझे 2500 में एक टैक्सी मिल गई थी. अगले दिन जब हम होटल से निकलने की तैयारी में थे. यही टैक्सी हमें लेकर जाने वाली थी.
होटल के उस 506 नंबर के कमरे से 4 दिन का हमारा साथ खत्म हो रहा था. मैं उसकी दीवारों को, टेबल चेयर को भावुकता से अलविदा कह रह था. ये मन का संवाद था जो उस निर्जीव से मैं कर रहा था. आखिर हम इंसान हैं और 4 दिन आसरा देने वाली उस जगह से भला प्यार कैसे न होता, मुझे तो पूरे गोवा से ही प्यार हो बैठा था. अब मैं सामान लेकर नीचे आ गया. नीचे मैंने रिसेप्शन पर पेंडिग बिल चुकाए और सामान रखकर गाड़ी का वेट करने लगा. कुछ ही देर में टैक्सी लेकर एक शख्स रिसॉर्ट आ चुका था.
इस गाड़ी और गणेश के साथ हमारे गोवा एयरपोर्ट तक के सफर की अगली किश्त पढ़िए अगले Goa Travel Blog में, जुड़े रहें Travel Junoon के साथ, और हमारा Facebook Page जरूर Like करें ताकि आपको हर आर्टिकल की जानकारी मिलती रहे.
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