G20 Summit In Delhi : दोस्तों, देश की राजधानी नई दिल्ली G20 Summit के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी है. मेहमानों की सुरक्षा से लेकर उनके खाने-पीने और ठहरने तक की व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. भारत G20 के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. जी 20 समिट की तैयारी के लिए सड़कों को दुरुस्त किया गया है, फव्वारे और सड़क किनारे खूबसूरत आर्ट वर्क भी बनाए गए हैं, मूर्तियां लगाई गई हैं. सबसे बड़ी बात ये कि प्रगति मैदान को वक्त से पहले ही नए डिजाइन में फिर से तैयार किया गया.
दिल्ली में अगर हम बीते कुछ वर्षों में नजर डालें, तो पाते हैं कि 2010 में commonwealth games जैसा बड़ा इवेंट यहां हुआ था.commonwealth games ने एक तरह से दिल्ली की कायपलट कर डाली थी. आइए आज हम जानते हैं कि पहले commonwealth games के लिए और अब जी 20 समिट के लिए दिल्ली को कितना बदल दिया गया…
साल 2010 में दिल्ली में commonwealth games हुए थे. 71 राष्ट्रमंडल देशों के कुल 4352 एथलीटों ने 21 खेलों और 272 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था, तब ये उस वक्त तक का सबसे बड़ा राष्ट्रमंडल खेल बन गया था. इस आयोजन के लिए दिल्ली में ढेरों काम किए गए थे.
Dr. Karni Singh shooting range, Thyagaraja Sports Complex, Yamuna Sports, Commonwealth Games Village , indira gandhi sports complex और Jawaharlal Nehru Stadium इन सबको नए सिरे से तैयार किया गया. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में इस खेल से जुड़े आयोजन हुए थे. ये स्टेडियम ही गेम्स का मुख्य स्थल था. उद्घाटन और समापन समारोह दोनों यही हुए थे.
इतना ही नहीं, यमुना नदी के नजदीक, Akshardham Temple से पहले एक Commonwealth Games Village भी तैयार किया गया. 63.5 हेक्टेयर यानी 157 एकड़ ये प्रोजेक्ट फैला हुआ था. इसमें Residential Zone, International Zone, Training Area, Games Village एरिया शामिल था.
और तो और Jawaharlal Nehru Stadium से खिलाड़ियों को commonwealth games तक आने और ले जाने के लिए एक नया रास्ता भी तैयार किया गया. बात करें दिल्ली मेट्रो की तो उसका विस्तार भी समय रहते गुड़गांव अब Gurugram और Noida तक किया गया. दिल्ली में Indira Gandhi International Airport को भी मॉडर्न बनाया गया. टर्मिनल 3 पर कई काम किए गए और हर घंटे यहां से 75 से ज्यादा फ्लाइट्स टेक ऑफ होने लगी थीं… हवाई अड्डे को छह-लेन के दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के माध्यम से शहर से भी जोड़ा गया…
ये तो हुई 13 बरस पहले की बात… अब हम 2023 में हैं… आइए जानते हैं कि G20 Summit के लिए दिल्ली में क्या नया हुआ और राजधानी को इस समिट के लिए कितना बदला गया…
दिल्ली में G20 Summit का आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में होगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रगति मैदान का पूरी तरह कायाकल्प कर दिया है. यहां ये बात भी जान लें कि जिस प्रगति मैदान को G20 Summit से पहले नए सिरे से तैयार किया गया, वो प्रगति मैदान जब 1972 में बनकर तैयार हुआ था, तब भी इसकी वजह एक इंटरनेशनल इवेंट ही था…
देश की मौजूदा सरकार ने जिस प्रगति मैदान में रीडेवलपमेंट कराया है. वहां सबसे पहले बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य प्रधानमंत्री Indira Gandhi ने कराया था. वो भी नवंबर 1972 में हुए पहले international trade fair के लिए. तब इसमें 50 से अधिक देश शामिल हुए थे. इस आयोजन के लिए तब Indira Government ने 6 करोड़ की परियोजना से पुनर्विकास कार्य कराया था. तब प्रगति मैदान को प्रदर्शनी मैदान के रूप में जाना जाता था.
बात करें आज की, तो प्रगति मैदान के एक और पुनर्विकास के लिए 2017 में हॉल ऑफ नेशंस और कई अन्य हॉलों को ध्वस्त कर दिया गया, और उसकी जगह पर अब भव्य भारत मंडपम बना है. यहां 3,000 सीटों वाला एम्फीथिएटर बनाया गया, कई बैठक कक्ष और एक व्यापार केंद्र भी तैयार किया गया. 5,500 कारों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है.
G20 Summit के लिए प्रगति मैदान के पास मूर्तियां स्थापित की गईं हैं, जो यहां की खूबसूरती में चार-चांद लगा रही हैं.जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सेंटर भी बनाया गया है. G20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत भारत मंडपम को लाइटों से सजाया गया है.
भारत मंडपम (Bharat Mandapam) देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है. ये पूरा कन्वेंशन सेंटर 123 एकड़ में फैला हुआ है. ये एरिया कितना बड़ा है, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि ये फुटबॉल के 26 स्टेडियम के बराबर है. ये नाम भगवान बसवेश्वर के ‘अनुभव मंडपम’ से प्रेरित है. भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह हैं. उन्होंने बताया था कि इसे दिल्ली की खिड़की के रूप में डिजाइन किया गया है. ये भारत की पारंपरिक विरासत और विविधता को दुनिया के सामने दिखाता है.
भारत मंडपम (Bharat Mandapam) लुटियंस दिल्ली से सटा हुआ है. इसमें सबसे ऊपर ‘विंडो टू दिल्ली’ बनाई गई है. यहां से कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट नजर आता है.
तीन फ्लोर में बने भारत मंडपम को मीटिंग, कॉन्फ्रेंस और एग्जिबिशन के लिए तैयार किया गया है. इसमें एक वीआईपी रूम भी है, जिसे प्रधानमंत्री के लिए बनाया गया है.
पहले फ्लोर पर 18 रूम बने हैं, जिन्हें आमतौर पर कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही वीआईपी लॉन्ज भी बने हैं.
यहां 116 देशों के इंटरनेशनल सोलर अलायंस का प्रतीक ‘सूर्य द्वार’ है. ‘जीरो से इसरो तक’ भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की कहानी बताते ‘प्रगति चक्र’ हैं. पंच महाभूत ‘आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी’ हैं.
मंडपम परिसर में लॉस्ट वैक्स तकनीक के जरिए अष्टधातु से बनी दुनिया की सबसे ऊंची नटराज प्रतिमा स्थापित की गई है. इसकी ऊंचाई 27 फीट, चौड़ाई 21 फीट और वजन लगभग 18 टन है. नटराज की मूर्ति का निर्माण तमिलनाडु के स्वामीमलाई के पारम्परिक स्थापतियों द्वारा श्री राधाकृष्णण की अगुआई में शिल्प शास्त्र में उल्लेखित सिद्धांतों और मापों का पालन करते हुए पारंपरिक मधुच्छिष्ट विधान (लॉस्ट वैक्स तकनीक) से किया गया है.
इस विधि का चोल काल (9वीं शताब्दी ईस्वी) से Nataraja statue के निर्माण में पालन किया जाता है. श्री राधाकृष्णन का परिवार चोल काल से यह शिल्प कार्य करता रहा है. वह चोल काल के स्थापत्य के परिवार की 34वीं पीढ़ी के सदस्य हैं. G-20 की अध्यक्षता के समय, भारत मंडपम के सामने स्थापित नृत्य के भगवान शिव नटराज की यह प्रतिमा दुनिया में अष्टधातु से बनी सबसे बड़ी नटराज प्रतिमा है. यह ब्रह्मांडीय नृत्यसर्वव्यापी अनंत सत्ता का प्रतीक है.
दोस्तों, ये थी बदलती हुई दिल्ली को लेकर दी गई हमारी जानकारी. आपको ये वीडियो कैसा लगा, प्रतिक्रिया जरूर दें. मिलेंगे अगली बार, एक नए वीडियो में, कुछ नए अपडेट लेकर.. आप देखते रहें ट्रैवल जुनून. नमस्कार
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