Jharkhand tour- झारखंड में छुट्टी मनाने वाली जगहों में शामिल बोकारो स्टील सिटी एक खूबसूरत प्राकृतिक स्थान हैं जोकि पर्यटकों को शांति और ख़ुशी का एहसास प्रदान करता हैं. इस स्थान को द स्टील कैपिटल ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता हैं. बोकारो स्टील सिटी में आकर्षित झील, प्राकृतिक हरियाली और सुंदर गार्डन स्थित हैं. साल 1960 और 1970 के दौरन बोकारो स्टील सिटी भारत की औद्योगिक क्रांति के केंद्र के रूप में जाना गया था. बोकारो स्टील प्लांट और गार्गा डेम इसके प्रमुख आकर्षण हैं.
बोकारो स्टील प्लांट को 1964 में एक सीमित कंपनी के रूप में शामिल किया गया था. इसे बाद में राज्य के स्वामित्व वाले स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) में मिला दिया गया.
इस्पात संयंत्र और शहर के निवासियों को जल की आपूर्ति करने वाला यह बांध मुख्य शहर से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है. यह शानदार डेम राज्य की गर्ग नदी पर बनाया गया है. हरे-भरे हरियाली परिदृश्य से भरा यह बांध भारतीय इंजीनियरिंग के सर्वश्रेष्ठ कामों में से एक है.
इन सब के अलावा आप शहर के खूबसूरत कोनों में एक सिटी पार्क की सैर का आनंद उठा सकते हैं. जापानी वास्तुकला शैली के साथ यह पार्क शहर के सबसे लोकप्रिय स्थानों में गिना जाता है. इस गार्डन में पर्यटकों के लिए एक कृत्रिम झील भी बनाई गई है जिसमें तीन खूबसूरत द्वीप भी मौजूद हैं.
Jharkhand की राजधानी रांची की गिनती भारत के प्रमुख औधोगिक नगरो में होती है. झारखंड राज्य की राजधानी बनने के बाद से रांची के भौगोलिक स्वरूप में काफी परिवर्तन आया है. रांची टूरिस्ट पैलेस अब अपनी एक अलग पहचान बनाने लगे हैं.जिससे प्रभावित होकर पर्यटकों के मन में यहा आने की उत्सुकता बढ़ने लगी है.
रांची शहर समुद्रतल से लगभग 2140 फुट की ऊचांई पर स्थित छोटा नागपुर के पठार में यह शहर स्थित है. इस पठारी भाग में जहां एक ओर ह्रदयस्पर्शी जलप्रपात, झरने व झीलें है. वही दूसरी ओर बड़ी- बड़ी चिमनियो से निकलने वाले काले धुएं के बादल चारों ओर फैले दिखाई देते है.
गौतम धारा के नाम से प्रसिद्ध यह एक झरना है. जिसको अब नए नाम जोन्हा वाटर फॉल के नाम से जाना जाता है. कांची नदी के किनारे स्थित यह वाटर फॉल रांची टूरिस्ट पैलेस के दर्शन पर आने वाले सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
गोडा पहाड़ी और तालाब के पास स्थित कांके बांध एक मनोरम स्थल है. जिसकी गिनती रांची के प्रमुख पिकनिक स्थलों में की जाती है.
रांची से 34 किलोमीटर दूर स्थित दसाम फॉल्स एक खूबसूरत जगह है. रांची टूरिस्ट पैलेस यात्रा पर आने वाले सैलानियों को यह स्थान खूब भाता है. यहां पानी 144 फीट की ऊचांई से गिरता हुआ बहुत सुंदर दिखाई पड़ता है.
रांची से कुछ ही दूरी पर मोराबादी में टैगोर हिल स्थित है. यह एक बहुत ही खुबसूर स्थल है. रांची टूरिस्ट पैलेस की यात्रा पर आने वाले अधिकतर यात्री यहा जरूर आते है. यहां के खूबसूरत प्राकृतिक नजारे पर्यटकों को खूब भाते हैं. इस हिल स्टेशन की तलहटी में रामकृष्ण मिशन आश्रम दिव्ययान और अग्रेरियान वोकेशनल इंस्टीट्यूट भी है.
रांची पहाड़ी के आधार पर स्थित इस झील का निर्माण 1842 में एक ब्रिटिश राष्ट्रीय कर्नल अनसली ने करवाया था. यह खुबसूरत स्थान पिकनिक और बोटिंग का आनंद उठाने के लिए एक आदर्श स्थान है.
रांची से 45 किलोमीटर दूर यह एक खूबसूरत झरना है. यहा पर स्वर्णरेखा नदी का पानी 320 फीट की ऊचांई से गिरता है. जिससे हुंड्री फॉल्स का निर्माण होता है.
जमशेदपुर को पूरी दुनिया में स्टील सिटी के नाम से पहचाना जाता है. टाटा ग्रुप ने इस शहर को निखारने में बहुत योगदान दिया है. देशभर में स्टील सिटी के नाम से फेमस Jharkhand राज्य का जमशेदपुर शहर में घूमने के लिए बहुत कुछ है. आप यहां झील,खूबसूरत गार्डन, स्टेडियम, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, धार्मिक स्थल जगहों पर आप घूम सकते हैं. अलग-अलग जगहों पर घूमकर आप जमशेदपुर को करीब से जान सकते हैं.
जमशेदपुर का प्रसिद्ध जुबली पार्क टाटा स्टील ग्रुप द्वारा बनवाया गया है. इस शहर में जाने वाले लोग समय मिलते ही जुबली पार्क की सैर करने अवश्य जाते है. ये पार्क दिल्ली के राष्ट्रपति भवन जितना खूबसूरत है. इस पार्क में स्थित म्युजिकल फाउंटेन यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है.
डिमना लेक जमशेदपुर की प्रसिद्ध पहाड़ी दलमा की तलहटी में बना है. जमशेदपुर से इसकी दूरी लगभग 13 किलोमीटर है. आप दोस्तों और परिवार के साथ फुर्सत के पलों का आनंद लेने के लिए डिमना लेक जा सकते है
अगर आपने अबतक कभी सुकून से कोई स्टेडियम नहीं देखा है तो आप जेआरडी टाटा कॉम्पलेक्स स्टेडियम जा सकते है. यह बहुत बड़ा स्टेडियम है. यहां अधिकतर फुटबॉल मैच खेलें जाते है या एथलेटिक गेम्स और कॉम्पटिशन के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी करीब 195 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है. इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आप लाल गिलहरी, जंगली मुर्गी,जंगली सुअर,कोटरा, हिरण,लकड़बग्घा,भालू,लंगूर और हाथी प्रमुखता से देख सकते है.इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की देख-रेख पर काफी काम हो रहा है.
जब रावण ने शिव जी से मांगा था वरदान तब हुई थी Vaidyanath Jyotirlinga की स्थापना
गिरिडीह, झारखंड की प्रसिद्द खदानों के शहर में से एक है. उत्तरी छोटा नागपुर डिवीजन के केंद्र में स्थित, गिरिडीह अपनी सीमाओं को उत्तर में बिहार के नवादा जिले, पूर्व में देवघर एवं जामतारा जिले, पश्चिम में हजारीबाग और कोडरमा और दक्षिण में धनबाद और बोकारो के साथ बांटता है. पहाड़ियों के बीच स्थित यह एक ख़ूबसूरत सा गांव या खेड़ा है जो आस-पास के राज्यों से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. 1972 में गिरिडीह को जिला बनाया गया था पहले यह हजारीबाग जिले का ही एक भाग था. 4853.56 किमी के क्षेत्र में फैले हुए गिरिडीह में माणिक, अभ्रक और कोयले का भण्डार है.
भुवनेश्वरी मंदिर के प्रति लोगों में बहुत आस्था है. इस मंदिर की यह मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. नवरात्र के दिनों में यहां आने वाले भक्तों की संख्या हजारों होती है.
बराकर और सकरी दो महत्वपूर्ण नदियां इस जिले से होकर बहती हैं. उसरी झरना और मनोरम पर्यटन स्थल है, जो शहर के केंद्र से 13 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां नदी 40 फीट की खड़ी ऊंचाई से नीचे गिरती है जिससे झरना बनाता है. खंडोली डेम एक आकर्षक जलाशय और बांध है.
क्या आपको पता है कहां स्थित हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग?
यह पक्षी प्रेमियों के लिए एक दिलचस्प जगह है साथ ही रोमांच के चहेते यहां बोंटिग, रॉक क्लाइम्बिंग, पैरासेलिंग और कायाकिंग करके स्वयं को तृप्त कर सकते हैं. हाथी और ऊंट सफारी के अलावा वाटर स्पोर्ट्स का आनंद भी लिया जा सकता है हरिहर धाम एक तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. भारत का सबसे बड़ा शिवलिंग यहां मौजूद है. दुखिया महादेव मंदिर और झारखंड धाम कुछ अन्य तीर्थस्थल हैं. जमुआ गिरिडीह की बस्ती से 35 किमी की दूरी पर स्थित है.
झारखंड राज्य के 24 जिलों में से एक रामगढ़ है जो एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है. यह जिला 12 सितम्बर, 2007 में स्थापित किया गया था, जो हजारीबाग जिले से अलग करके बनाया गया था. रामगढ़ का शाब्दिक अर्थ है – भगवान राम का गढ़.
पारसनाथ की पहाड़ियां या श्री सम्मेता जी, समुद्र के तल से 4480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. ये गिरिडीह की पहाड़ी श्रुंखला है जिसकी सर्वोच्च शिखर 1350 मीटर ऊंची है. यह केवल झारखंड की ही सबसे ऊंची चोटी नहीं है बल्कि हिमालय के दक्षिणी हिस्से का सबसे उंचा पर्वत है. इसे जैनियों का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है. यह जैनियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थों में से एक है। पारसनाथ वह जगह है जहां 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था.
झारखंड के रामगढ़ जिले में रजरप्पा वाटरफॉल और यहां मौजूद शक्तिपीठ पूरे बिहार-झारखंड का ही नहीं बल्कि दूर-दराज के पर्यटकों के लिए भी बेहतरीन पर्यटक स्थल है. रजरप्पा रामगढ़ से 28 किलोमीटर दूर है. हिंदुओं के इस महत्वपूर्ण शक्तिपीठ को पूजने हर दिन करीब तीन हजार श्रद्धालु आते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह व्यक्ति जो माता छिन्नमस्तिका को पवित्र दिल से पूरी तरह से दिल से समर्पित करता है, उसकी सारी इच्छाएं देवी द्वारा पूरी की जाती हैं. झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के सभी कोनों से भक्त पूरे वर्ष इस पवित्र स्थान पर जाते हैं.
छिन्नमस्तिका देवी ( Chinnmstika Devi) का कहां पर है धाम ? ऐसे पहुंचे यहां पर
रामगढ़ के पश्चिम में 30 किमी इस बांध का निर्माण पतरुत थर्मल पावर स्टेशन को पानी की आपूर्ति के उद्देश्य से किया गया था. नलकार्नी नदी से और इस बांध के आस-पास की पहाड़ियों के झरने से पानी इस बांध में जमा किया जाता है. इस बांध की कुल भंडारण क्षमता 81 वर्ग मील है. यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है और पूरे वर्ष विशेष रूप से सर्दियों के मौसम के दौरान लोगों का एक बड़ा सदस्य पिकनिक के लिए यहां जाता है. बांध के बगल में एक सर्किट हाउस है. बांध के नजदीक पंचवाहिनी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और इसके धार्मिक मूल्य के लिए महत्वपूर्ण है.
Bandipore Travel Blog : बांदीपुर जिला (जिसे बांदीपुरा या बांदीपुर भी कहा जाता है) कश्मीर… Read More
Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More
Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More
Chhath Puja 2024 : महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More