Categories: Travel Blog

Singapore Travel Blog : 80 रुपये में मिल रहे थे भिंडी के 14 पैकेट्स

Singapore Travel Blog :  सिंगापोर में आज हमारा चौथा दिन था। आज सोचा, क्यों न सिंगापोर का बाजार देख लिया जाए। होटल से पता चला कि यहाँ चाइना टाउन नाम से एक बाजार है पर यहां से थोड़ा दूर है। एमआरटी लेनी पड़ेगी। सिंगापोर में भी दिल्ली की तरह मेट्रो का जाल है लेकिन वहां सभी मेट्रो अंडरग्राउंड हैं जिसे वहां एमआरटी यानि ‘मास रेपिड ट्रांजिट’ कहते है। इसके आलावा वहां बड़ी क्यूट सी दो डिब्बो की चटख रंगों वाली मोनो रेल भी थी। बाकी जैसे मैंने पिछली डायरी में ज़िक्र किया है कि दिल्ली की डीटीसी की तरह सिटी बस सर्विस तो थी ही जिसमे सिंगल स्टोरी और मुंबई की तरह डबल स्टोरी बसे भी थी।

सिंगापोर में मिले एक भारतीय हनीमून कपल ने हमें बताया था कि दिल्ली मेट्रो ज्यादा अच्छी है लेकिन फिर भी हमने सोचा कि चाइना टाउन चला जाए, इस बहाने ‘एमआरटी’ में भी घूम लेंगे। हमारे होटल से मेट्रो स्टेशन ज्यादा दूर नहीं था। सो एमआरटी स्टेशन तक पहुंचे लेकिन वहीँ सामने बड़ा अच्छा बाजार नज़र आ रहा था। तो सोचा पहले इसी बाजार में घूम लें फिर चाइना टाउन चलेंगे। वो ‘बूगीस स्ट्रीट’ था, सिंगापोर का मशहूर बाजार। ये कुछ कुछ दिल्ली के गफ्फार मार्किट या जनपथ जैसा बाजार था लेकिन काफी व्यवस्थित था। कहीं कोई अतिक्रमण नहीं था। जो दुकाने ऊपर की मंज़िलों पर थी वहां जाने के लिए एस्क्लेटर्स थे।

यहाँ तरह तरह के सामान की दुकानें थी। सुपर स्टोर था जहाँ रोज़मर्रा की ज़रूरत का हर सामान मौजूद था। यहाँ मैंने एक दुकान देखी जो मैंने आज से पहले कभी नहीं देखी थी। ये वो दुकान थी जिससे फिल्म ‘क्वीन’ में रानी अपने परिवार के लिए तोहफे खरीदती हैं। उसके बाहर लिखा था कि ये दूकान सिर्फ व्यस्को के लिए है जिनकी उम्र 23 साल से ज्यादा है। यानी वहां वयस्क होने के उम्र 18 नहीं 23 थी। मैंने वो दुकान बाहर से ही देखी।

अंदर जाने की मैं हिम्मत नहीं जुटा पायी। वहां सब दुकानो पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे और सभी पर लिखा था कि शॉपलिफ्टिंग अपराध है। ऐसा करने वाले को बिना उसकी बात सुने पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा। वहां सभी बाज़ारों में एक दुकान जगह जगह थी। जिसका नाम था ‘3 फॉर 10’ । इन दुकानों पर तरह तरह की गिफ्ट आइटम्स थी जिसमे से आप कोई भी तीन आइटम 10 डॉलर में ले सकते थे। वहां मैंने मोची देखा जो वेल ड्रेस्ड और मुह में सिगार लिए अपने काम में व्यस्त था।

वहां एक ट्राईशॉ अंकल के नाम से रिक्शा स्टैंड था जहाँ से आप रिक्शा किराये पर ले सकते थे पर मैंने वहां बहुत कम रिक्शे देखे और वो भी सब सिर्फ पार्किंग में खड़े थे। सड़क पर चलता हुआ मुझे एक भी रिक्शा नहीं दिखा।

मुझे शाम के लिए ब्रेड बटर खरीदने थे लेकिन वहां भारत की तरह एक भी दुकान नहीं थी जहाँ ब्रेड बटर मिलता हो। जिससे पूछती, सभी सिर्फ एक ही दुकान ‘7 ×11’ का नाम ले रहे थे जहाँ ब्रेड बटर मिल सकता था। खोज बीन करती हुई मैं उस ‘7 ×11’ की दुकान तक पहुँच ही गयी। वहां मुझे ब्रेड का एक लोफ 80 रूपये का मिला जो भारत में 25 रूपये का मिलता है। लेकिन बटर अब भी नहीं मिला। उस स्टोर के काउंटर पर जो लड़का खड़ा था, उसकी कमीज पर उसका नाम ‘सरस पटेल’ लिखा था. मैंने हिंदी में पूछा कि भारतीय हो तो वो बोला कि गुजरती हूँ। वो पिछले पांच सालों से सिंगापोर में काम कर रहा था।

यहाँ मुझे माइक की बात याद हो आई। एक बार किसी बात पर उसने कहा था कि मुझे नार्थ इंडियन या साउथ इंडियन में फर्क नहीं पता। मेरे लिए इंडिया से आने वाले सब सिर्फ इंडियन हैं।

खैर, बटर की खोज मेरी खत्म हुई एक बहुत बड़े सुपर बाजार में। वहां बेसमेंट में मुझे चीज़ स्लाइसेस मिल गए। वो बहुत ही बड़ा सुपर बाजार था। उसमे मुझे एक सेक्शन पर ‘इंडियन’ लिखा दिखा। उत्सुकतावश वहां चली गयी। देखा तो कुछ भारतीय सब्ज़ियाँ और फल रखे थे। जिसमे भिन्डी, खीरा , आलू और आम प्रमुख थे। मैंने एक भिन्डी का पैकेट देखा जिसमे 14 भिन्डी का पैकेट 80 रूपये का था। उस सुपर बाजार को देख कर लगा कि भारतीय महानगरों में भी बिलकुल इसी तर्ज़ पर रिलायंस फ्रेश जैसे सुपर बाजार खुलते जा रहे है।

‘बूगिस स्ट्रीट’ अच्छा बाजार था। वहां से मैंने अपने करीबियों और दोस्तों के लिए गिफ्ट्स ख़रीदे। वहां एक दुकान पर चॉकलेट्स भी मिल रही थी जिसमे एक तो स्पेशल सिंगापोर की ही चॉकलेट थी। अब भूख लग रही थी इसलिये चाइना टाउन जाने का आईडिया त्याग कर, लिटल इंडिया से लंच करके होटल वापिस चले गए। होटल के टीवी कुल 16 चैनल आते थे जिसमें एक भी भारतीय चैनल नहीं था। कुछ चीनी चैनल थे सिर्फ दो ही अंग्रेजी चैनल थे। उसमे भी न्यूज़ चैनल नहीं था। खबरों के लिए वहां अखबार और फेसबुक ही मेरा सहारा थे।

वहां के मुख्य अखबार ‘द स्ट्रेट टाइम्स ‘ ने भारतीय चुनाव की ख़बरों को फोटो के साथ अच्छा कवरेज दे रखा था। लेकिन वहां खबर लिखने का अंदाज़ बिलकुल अलग था। सिंगापोर में एक बात और थी। वहां टॉयलेट्स में पानी नहीं था बल्कि सिर्फ टिश्यू पेपर था जो मुझे कतई पसंद नहीं पसंद नहीं था। आज हमारा उस होटल में आखिरी दिन था। आज शाम को हमें क्रूज जेमिनी पर जाना था।

Recent Posts

Amrit Udyan Open : अमृत उद्यान आम जनता के लिए खुला, जानें समय और ऑनलाइन कैसे करें

Amrit Udyan Open : राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान (जिसे पहले मुगल गार्डन… Read More

1 hour ago

Pushkar Full Travel Guide : पुष्कर आएं तो जरूर करें यह 18 चीजें, झूम उठेंगे

Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More

2 days ago

Artificial Jewellery Vastu Tips : आर्टिफिशियल ज्वैलरी रखते समय रखें इन बातों का ध्यान

Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है.  यह… Read More

4 days ago

Prayagraj Travel Blog : प्रयागराज में घूमने की ये जगहे हैं बहुत फेमस

Prayagraj Travel Blog :  क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More

6 days ago

10 Best Hill Stations In India : भारत के 10 बेस्ट हिल स्टेशन जिन्हें आपको अपनी लाइफ में एक बार जरूर देखना चाहिए

10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More

1 week ago

Mirza Nazaf Khan : महान सैन्य जनरल मिर्जा नज़फ खां ने कैसे बदल डाला भारत का इतिहास?

Mirza Nazaf Khan भारत के इतिहास में एक बहादुर सैन्य जनरल रहे हैं. आइए आज… Read More

1 week ago