Singapore Travel Blog : सिंगापोर में आज हमारा चौथा दिन था। आज सोचा, क्यों न सिंगापोर का बाजार देख लिया जाए। होटल से पता चला कि यहाँ चाइना टाउन नाम से एक बाजार है पर यहां से थोड़ा दूर है। एमआरटी लेनी पड़ेगी। सिंगापोर में भी दिल्ली की तरह मेट्रो का जाल है लेकिन वहां सभी मेट्रो अंडरग्राउंड हैं जिसे वहां एमआरटी यानि ‘मास रेपिड ट्रांजिट’ कहते है। इसके आलावा वहां बड़ी क्यूट सी दो डिब्बो की चटख रंगों वाली मोनो रेल भी थी। बाकी जैसे मैंने पिछली डायरी में ज़िक्र किया है कि दिल्ली की डीटीसी की तरह सिटी बस सर्विस तो थी ही जिसमे सिंगल स्टोरी और मुंबई की तरह डबल स्टोरी बसे भी थी।
सिंगापोर में मिले एक भारतीय हनीमून कपल ने हमें बताया था कि दिल्ली मेट्रो ज्यादा अच्छी है लेकिन फिर भी हमने सोचा कि चाइना टाउन चला जाए, इस बहाने ‘एमआरटी’ में भी घूम लेंगे। हमारे होटल से मेट्रो स्टेशन ज्यादा दूर नहीं था। सो एमआरटी स्टेशन तक पहुंचे लेकिन वहीँ सामने बड़ा अच्छा बाजार नज़र आ रहा था। तो सोचा पहले इसी बाजार में घूम लें फिर चाइना टाउन चलेंगे। वो ‘बूगीस स्ट्रीट’ था, सिंगापोर का मशहूर बाजार। ये कुछ कुछ दिल्ली के गफ्फार मार्किट या जनपथ जैसा बाजार था लेकिन काफी व्यवस्थित था। कहीं कोई अतिक्रमण नहीं था। जो दुकाने ऊपर की मंज़िलों पर थी वहां जाने के लिए एस्क्लेटर्स थे।
यहाँ तरह तरह के सामान की दुकानें थी। सुपर स्टोर था जहाँ रोज़मर्रा की ज़रूरत का हर सामान मौजूद था। यहाँ मैंने एक दुकान देखी जो मैंने आज से पहले कभी नहीं देखी थी। ये वो दुकान थी जिससे फिल्म ‘क्वीन’ में रानी अपने परिवार के लिए तोहफे खरीदती हैं। उसके बाहर लिखा था कि ये दूकान सिर्फ व्यस्को के लिए है जिनकी उम्र 23 साल से ज्यादा है। यानी वहां वयस्क होने के उम्र 18 नहीं 23 थी। मैंने वो दुकान बाहर से ही देखी।
अंदर जाने की मैं हिम्मत नहीं जुटा पायी। वहां सब दुकानो पर सीसीटीवी कैमरे लगे थे और सभी पर लिखा था कि शॉपलिफ्टिंग अपराध है। ऐसा करने वाले को बिना उसकी बात सुने पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा। वहां सभी बाज़ारों में एक दुकान जगह जगह थी। जिसका नाम था ‘3 फॉर 10’ । इन दुकानों पर तरह तरह की गिफ्ट आइटम्स थी जिसमे से आप कोई भी तीन आइटम 10 डॉलर में ले सकते थे। वहां मैंने मोची देखा जो वेल ड्रेस्ड और मुह में सिगार लिए अपने काम में व्यस्त था।
वहां एक ट्राईशॉ अंकल के नाम से रिक्शा स्टैंड था जहाँ से आप रिक्शा किराये पर ले सकते थे पर मैंने वहां बहुत कम रिक्शे देखे और वो भी सब सिर्फ पार्किंग में खड़े थे। सड़क पर चलता हुआ मुझे एक भी रिक्शा नहीं दिखा।
मुझे शाम के लिए ब्रेड बटर खरीदने थे लेकिन वहां भारत की तरह एक भी दुकान नहीं थी जहाँ ब्रेड बटर मिलता हो। जिससे पूछती, सभी सिर्फ एक ही दुकान ‘7 ×11’ का नाम ले रहे थे जहाँ ब्रेड बटर मिल सकता था। खोज बीन करती हुई मैं उस ‘7 ×11’ की दुकान तक पहुँच ही गयी। वहां मुझे ब्रेड का एक लोफ 80 रूपये का मिला जो भारत में 25 रूपये का मिलता है। लेकिन बटर अब भी नहीं मिला। उस स्टोर के काउंटर पर जो लड़का खड़ा था, उसकी कमीज पर उसका नाम ‘सरस पटेल’ लिखा था. मैंने हिंदी में पूछा कि भारतीय हो तो वो बोला कि गुजरती हूँ। वो पिछले पांच सालों से सिंगापोर में काम कर रहा था।
यहाँ मुझे माइक की बात याद हो आई। एक बार किसी बात पर उसने कहा था कि मुझे नार्थ इंडियन या साउथ इंडियन में फर्क नहीं पता। मेरे लिए इंडिया से आने वाले सब सिर्फ इंडियन हैं।
खैर, बटर की खोज मेरी खत्म हुई एक बहुत बड़े सुपर बाजार में। वहां बेसमेंट में मुझे चीज़ स्लाइसेस मिल गए। वो बहुत ही बड़ा सुपर बाजार था। उसमे मुझे एक सेक्शन पर ‘इंडियन’ लिखा दिखा। उत्सुकतावश वहां चली गयी। देखा तो कुछ भारतीय सब्ज़ियाँ और फल रखे थे। जिसमे भिन्डी, खीरा , आलू और आम प्रमुख थे। मैंने एक भिन्डी का पैकेट देखा जिसमे 14 भिन्डी का पैकेट 80 रूपये का था। उस सुपर बाजार को देख कर लगा कि भारतीय महानगरों में भी बिलकुल इसी तर्ज़ पर रिलायंस फ्रेश जैसे सुपर बाजार खुलते जा रहे है।
‘बूगिस स्ट्रीट’ अच्छा बाजार था। वहां से मैंने अपने करीबियों और दोस्तों के लिए गिफ्ट्स ख़रीदे। वहां एक दुकान पर चॉकलेट्स भी मिल रही थी जिसमे एक तो स्पेशल सिंगापोर की ही चॉकलेट थी। अब भूख लग रही थी इसलिये चाइना टाउन जाने का आईडिया त्याग कर, लिटल इंडिया से लंच करके होटल वापिस चले गए। होटल के टीवी कुल 16 चैनल आते थे जिसमें एक भी भारतीय चैनल नहीं था। कुछ चीनी चैनल थे सिर्फ दो ही अंग्रेजी चैनल थे। उसमे भी न्यूज़ चैनल नहीं था। खबरों के लिए वहां अखबार और फेसबुक ही मेरा सहारा थे।
वहां के मुख्य अखबार ‘द स्ट्रेट टाइम्स ‘ ने भारतीय चुनाव की ख़बरों को फोटो के साथ अच्छा कवरेज दे रखा था। लेकिन वहां खबर लिखने का अंदाज़ बिलकुल अलग था। सिंगापोर में एक बात और थी। वहां टॉयलेट्स में पानी नहीं था बल्कि सिर्फ टिश्यू पेपर था जो मुझे कतई पसंद नहीं पसंद नहीं था। आज हमारा उस होटल में आखिरी दिन था। आज शाम को हमें क्रूज जेमिनी पर जाना था।
Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More
Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More
Chhath Puja 2024 : महापर्व छठ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो… Read More
Dev Diwali 2024: देव दिवाली हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.… Read More